Shreyas Iyer Injury : एक कैच पड़ा जान पर भारी! श्रेयस अय्यर ICU में भर्ती – प्लीहा में गंभीर कट और इंटरनल ब्लीडिंग! क्या खतरा टला या आगे बढ़ेगी परेशानी?
सिडनी वनडे में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ कैच पकड़ते समय श्रेयस अय्यर को क्या हुआ था? उनकी बाईं पसली में चोट से प्लीहा (Spleen) में कट कैसे लगा? इंटरनल ब्लीडिंग के कारण उन्हें ICU में क्यों भर्ती कराना पड़ा? क्या भारत के डॉक्टरों की तत्काल कार्रवाई से जानलेवा खतरा टला है? पूरी मेडिकल रिपोर्ट और अय्यर की रिकवरी पर लेटेस्ट अपडेट जानें!
क्रिकेट के मैदान पर एक शानदार कैच अक्सर तालियों का पात्र बनता है, लेकिन भारत के वनडे उप-कप्तान श्रेयस अय्यर के लिए यही कैच जानलेवा हादसा बनते-बनते बचा। सिडनी में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 25 अक्टूबर को खेले गए तीसरे वनडे मैच के दौरान एलेक्स कैरी का हैरतअंगेज कैच लपकने की कोशिश में श्रेयस को जो चोट लगी थी, वह अब गंभीर आंतरिक समस्या के रूप में सामने आई है।
बीसीसीआई ने आज उनकी सेहत पर मेडिकल अपडेट जारी करते हुए बताया कि उन्हें बाईं निचली पसलियों (left lower rib cage) में लगी चोट के कारण प्लीहा (Spleen) में गहरा कट (Laceration Injury) आया है। अंदरूनी रक्तस्राव (Internal Bleeding) के चलते उन्हें सिडनी के एक अस्पताल में गहन चिकित्सा इकाई (ICU) में भर्ती कराया गया है।
कैच के बाद दर्द से कराहे श्रेयस
यह हादसा ऑस्ट्रेलियाई पारी के 34वें ओवर में हुआ था। बैकवर्ड पॉइंट पर खड़े श्रेयस अय्यर ने एलेक्स कैरी का कैच पकड़ने के लिए पीछे की ओर तेज दौड़ लगाई और हवा में छलांग लगाकर गेंद को लपका। हालाँकि, जमीन पर गिरते समय वह अपनी बाईं पसली के बल गिरे।
मैदान पर ही वह दर्द से कराहाते हुए दिखे, जिसके बाद फिजियो की टीम उन्हें तुरंत मैदान से बाहर ले गई। सूत्र बताते हैं कि ड्रेसिंग रूम में पहुंचने के बाद उनकी हालत बिगड़ने लगी और इंटरनल ब्लीडिंग का पता चलते ही टीम के डॉक्टरों ने बिना एक पल की देरी किए उन्हें फौरन अस्पताल पहुँचाया।
ICU में इलाज: क्या खतरा टला?
स्कैन रिपोर्ट में पुष्टि हुई है कि चोट गंभीर है और उनके प्लीहा (तिल्ली) में कट लगा है। प्लीहा हमारे शरीर का एक अत्यंत महत्वपूर्ण अंग है, जो रक्त को फिल्टर करता है और प्रतिरक्षा प्रणाली (Immune System) में मदद करता है। इसमें कट लगने से भारी रक्तस्राव हो सकता है, जो जानलेवा साबित हो सकता था।
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तत्काल निगरानी: श्रेयस को इंटरनल ब्लीडिंग के कारण होने वाले किसी भी संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए आईसीयू में रखा गया है। डॉक्टरों ने उन्हें 2 से 7 दिन तक कड़ी निगरानी में रखने की बात कही है।
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बीसीसीआई का बयान: बीसीसीआई ने अपने बयान में बताया है कि अय्यर की हालत स्थिर है और वह धीरे-धीरे ठीक हो रहे हैं। बीसीसीआई की मेडिकल टीम सिडनी और भारत के विशेषज्ञ डॉक्टरों के साथ मिलकर उनकी चोट पर लगातार नजर रख रही है।
लंबी होगी मैदान से दूरी?
श्रेयस अय्यर की यह चोट न केवल व्यक्तिगत रूप से बल्कि भारतीय क्रिकेट टीम के लिए भी एक बड़ा झटका है। वह वनडे टीम के उप-कप्तान हैं और मध्यक्रम के एक भरोसेमंद बल्लेबाज हैं।
आंतरिक रक्तस्राव के कारण, उनकी मैदान पर वापसी में काफी समय लग सकता है। यह कहना मुश्किल है कि वह कितने समय तक क्रिकेट से दूर रहेंगे, लेकिन उन्हें पूरी तरह से ठीक होने के लिए पर्याप्त समय दिया जाएगा। भारतीय टीम के डॉक्टर उनकी रिकवरी पूरी होने तक सिडनी में ही उनके साथ रहेंगे।
अतीत के घातक हादसे: क्रिकेट में चोट का इतिहास
क्रिकेट के इतिहास में शरीर के नाजुक हिस्सों पर चोट लगने के कई घातक मामले सामने आए हैं, जैसे कि सिर पर गेंद लगने से हुई फिलिप ह्यूज की दुखद मौत। हालाँकि, फील्डिंग के दौरान अंदरूनी अंगों में चोट लगना दुर्लभ है, लेकिन यह घटना दर्शाती है कि क्रिकेट का मैदान कितना अप्रत्याशित और जोखिम भरा हो सकता है।
हमारी दुआएं हैं कि श्रेयस अय्यर जल्द से जल्द पूरी तरह से स्वस्थ होकर मैदान पर वापसी करें।
पाठकों से सवाल:
क्या आपको लगता है कि श्रेयस अय्यर की गैर-मौजूदगी टीम इंडिया को आगामी टी-20 सीरीज में बड़ा नुकसान पहुंचाएगी? आप उनकी जल्द रिकवरी के लिए क्या शुभकामनाएं देना चाहेंगे? कमेंट करें।
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