Galudih Accident: ओवरटेक की एक कोशिश, और जेसीबी में घुस गया पत्थर लदा हाइवा, बाल-बाल बचे चालक व खलासी
गालूडीह में सोमवार सुबह पत्थर लदे हाइवा और जेसीबी मशीन की टक्कर से मचा हड़कंप। बाल-बाल बचे चालक और खलासी, हादसे के पीछे की वजह ने सबको चौंका दिया।

गालूडीह, जो कि झारखंड के सरायकेला-खरसावां जिले का एक शांत और प्राकृतिक इलाका माना जाता है, सोमवार की सुबह अचानक अफरा-तफरी से गूंज उठा।
सुबह-सुबह जब लोग अपने रोज़मर्रा के काम में लगे थे, तभी गालूडीह-नरसिंहपुर रोड पर चोड़िन्दा गांव के पास तेज रफ्तार से आ रही एक पत्थर लदी हाइवा ट्रक ने सड़क किनारे सफाई कर रही जेसीबी मशीन में ज़ोरदार टक्कर मार दी।
एक सेकेंड का फासला, जान बची – पर हादसा बड़ा
स्थानीय लोगों के अनुसार, यह टक्कर इतनी भयानक थी कि एक पल को ऐसा लगा जैसे बड़ा विस्फोट हुआ हो। लेकिन राहत की बात यह रही कि हाइवा का चालक और खलासी दोनों इस भीषण टक्कर के बावजूद बाल-बाल बच निकले।
हालांकि हाइवा का सामने का हिस्सा बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है, लेकिन किसी की जान नहीं गई – यह खुद एक चमत्कार से कम नहीं।
क्या था पूरा घटनाक्रम?
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि हाइवा पत्थर लेकर पश्चिम बंगाल की ओर जा रहा था। इसी दौरान मजदूरों से भरा एक पिकअप वैन तेज़ी से उसे ओवरटेक करने की कोशिश करने लगा।
हाइवा के ड्राइवर ने जब सामने से आती पिकअप वैन को बचाने की कोशिश की, तभी उसका नियंत्रण खो गया और वह सीधे जेसीबी मशीन से टकरा गया, जो सड़क किनारे सफाई का काम कर रही थी।
टक्कर के बाद मचा हड़कंप, ग्रामीणों की उमड़ी भीड़
घटना की जानकारी मिलते ही पास के गांवों से ग्रामीणों की भारी भीड़ मौके पर जमा हो गई। लोग हैरान थे कि इतनी भीषण टक्कर में कोई हताहत नहीं हुआ। कुछ ग्रामीणों ने इस मौके पर वीडियो और फोटो भी बनाए, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं।
इतिहास गवाह है: गालूडीह में सड़क हादसे आम क्यों हैं?
गालूडीह-नरसिंहपुर रोड कोई पहली बार सड़क हादसे का गवाह नहीं बना है।
यह रास्ता खनिज संपदा से भरे ट्रकों की नियमित आवाजाही के लिए जाना जाता है। लेकिन इस सड़क की हालत, गति नियंत्रण के उपायों की कमी और ओवरलोडेड वाहनों की भरमार की वजह से यहां अक्सर हादसे होते रहे हैं।
स्थानीय लोग कई बार प्रशासन से स्पीड ब्रेकर और ट्रैफिक निगरानी की मांग कर चुके हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
पुलिस की त्वरित कार्रवाई
घटना की सूचना मिलते ही गालूडीह थाना प्रभारी कुमार इंद्रेश पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंचे। उन्होंने बताया कि हाइवा चालक के पास पत्थर से संबंधित वैध चालान मौजूद था, जिससे यह स्पष्ट होता है कि ट्रक अवैध नहीं था।
पुलिस ने घटनास्थल का मुआयना किया और ट्रक व जेसीबी दोनों को साइड कर सड़क को यातायात के लिए साफ किया।
सवाल जो उठ रहे हैं:
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क्या पिकअप वैन की ओवरटेकिंग की कोशिश ही इस हादसे की वजह थी?
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क्या हाईवे पर बड़े वाहनों की गति पर नियंत्रण के लिए कोई विशेष कदम उठाए जाएंगे?
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बार-बार हो रहे ऐसे हादसों पर प्रशासन की भूमिका क्या है?
गालूडीह का यह हादसा एक बार फिर तेज़ रफ्तार और असावधानी का खतरनाक चेहरा दिखाता है। हालांकि इस बार जान की हानि नहीं हुई, लेकिन अगर समय रहते प्रशासन ने कदम नहीं उठाए तो अगली बार परिणाम गंभीर हो सकते हैं।
स्थानीय लोगों ने मांग की है कि इस रूट पर सीसीटीवी कैमरे, गति सीमाएं और नियमित चेकिंग अनिवार्य की जाए ताकि इस तरह के हादसों से बचा जा सके।
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