Jamshedpur Electricity: टाटा स्टील यूआईएसएल की बिजली होगी महंगी, टैरिफ बढ़ाने के प्रस्ताव पर उपभोक्ताओं का आक्रोश!

टाटा स्टील यूआईएसएल ने झारखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग को बिजली टैरिफ बढ़ाने का प्रस्ताव दिया है, जिससे बिजली दरों में 12% तक की वृद्धि हो सकती है। इस प्रस्ताव पर जनसुनवाई में उपभोक्ताओं ने कड़ा विरोध जताया।

Feb 11, 2025 - 18:10
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Jamshedpur Electricity: टाटा स्टील यूआईएसएल की बिजली होगी महंगी, टैरिफ बढ़ाने के प्रस्ताव पर उपभोक्ताओं का आक्रोश!
Jamshedpur Electricity: टाटा स्टील यूआईएसएल की बिजली होगी महंगी, टैरिफ बढ़ाने के प्रस्ताव पर उपभोक्ताओं का आक्रोश!

जमशेदपुर (Jamshedpur Electricity) में रहने वाले उपभोक्ताओं को जल्द ही महंगी बिजली का सामना करना पड़ सकता है। टाटा स्टील की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी टाटा स्टील यूआईएसएल (Tata Steel UISL) ने झारखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग (JSERC) से बिजली टैरिफ बढ़ाने की अनुमति मांगी है। इस प्रस्ताव के अनुसार, बिजली की दरों में 12% तक की वृद्धि हो सकती है, जिससे घरेलू, व्यावसायिक और औद्योगिक उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।

क्या है बिजली दरें बढ़ाने की वजह?

मंगलवार को आदित्यपुर ऑटो क्लस्टर में हुई जनसुनवाई में टाटा स्टील यूआईएसएल ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि समय पर टैरिफ वृद्धि न होने के कारण कंपनी को भारी वित्तीय घाटा उठाना पड़ा है। कंपनी ने तर्क दिया कि 2024 के अंत तक संचयी राजस्व घाटा बढ़ने की वजह से टैरिफ समायोजन जरूरी हो गया है।

टाटा स्टील के वरिष्ठ महाप्रबंधक (पावर सर्विसेज) वीपी सिंह और पावर मैनेजमेंट ग्रुप के प्रमुख अजय कुमार ने कहा कि अगर टैरिफ में वृद्धि नहीं की गई, तो बिजली आपूर्ति को सुचारू रूप से बनाए रखना मुश्किल हो सकता है।

टैरिफ बढ़ाने का प्रस्ताव: उपभोक्ताओं में आक्रोश!

टाटा स्टील यूआईएसएल द्वारा टैरिफ बढ़ाने के प्रस्ताव का उपभोक्ताओं ने कड़ा विरोध किया। जनसुनवाई के दौरान, जवाहरलाल शर्मा ने आरोप लगाया कि टाटा स्टील हमेशा जमशेदपुर के नागरिकों पर ही अतिरिक्त बोझ डालता है, जबकि अन्य शहरों या राज्यों में स्थित टाटा की इकाइयों से इतनी अधिक राशि नहीं वसूली जाती।

उन्होंने यह भी कहा कि टैरिफ बढ़ाने का असर आम जनता पर सबसे ज्यादा होगा, जबकि टाटा के अधिकारियों को भी बढ़े हुए शुल्क का भुगतान करना चाहिए

कौन-कौन से दरों में कितना बदलाव होगा?

टाटा स्टील यूआईएसएल द्वारा सरायकेला-खरसावां जिले के लिए प्रस्तावित टैरिफ में सभी श्रेणियों के उपभोक्ताओं के लिए दरों में वृद्धि करने की योजना बनाई गई है।

उपभोक्ता श्रेणी मौजूदा फिक्स चार्ज मौजूदा एनर्जी चार्ज (₹/kW) नया फिक्स चार्ज नया एनर्जी चार्ज (₹/kW)
ग्रामीण घरेलू ₹40 प्रतिमाह ₹3.00 ₹45 प्रतिमाह ₹3.09
शहरी घरेलू ₹75 प्रतिमाह ₹3.25 ₹80 प्रतिमाह ₹3.35
सिंचाई/कृषि सेवाएं ₹20 प्रतिमाह ₹3.90 ₹25 प्रतिमाह ₹4.06
ग्रामीण व्यावसायिक ₹75 प्रतिमाह ₹3.00 ₹80 प्रतिमाह ₹3.09
शहरी व्यावसायिक ₹150 प्रतिमाह ₹4.15 ₹155 प्रतिमाह ₹4.64
निम्न दाब औद्योगिक ₹150 प्रतिमाह ₹4.50 ₹155 प्रतिमाह ₹4.64
हाई टेंशन 11 केवी ₹350 प्रतिमाह ₹4.90 ₹355 प्रतिमाह ₹5.05
हाई टेंशन 33 केवी ₹350 प्रतिमाह ₹5.05 ₹355 प्रतिमाह ₹5.05
स्ट्रीट लाइट ₹60 प्रतिमाह ₹5.25 ₹65 प्रतिमाह ₹5.46
रेलवे ट्रैक्शन ₹190 प्रतिमाह ₹5.80 ₹195 प्रतिमाह ₹6.03

जनसुनवाई में क्या हुआ?

झारखंड राज्य विद्युत विनियामक आयोग के कानूनी सदस्य महेंद्र प्रसाद और तकनीकी सदस्य अतुल कुमार ने उपभोक्ताओं की आपत्तियां सुनीं और सुझाव मांगे।

  • व्यावसायिक और औद्योगिक उपभोक्ताओं ने इस टैरिफ वृद्धि पर नाराजगी जताई।
  • ग्रामीण और शहरी घरेलू उपभोक्ताओं ने कहा कि बिजली की दरों में वृद्धि उनके मासिक खर्च को बढ़ा देगी।
  • उद्यमियों ने कहा कि बिजली महंगी होने से उद्योगों की उत्पादन लागत बढ़ जाएगी, जिससे छोटे उद्योगों को सबसे अधिक नुकसान होगा।

क्या होगा आगे?

अब यह देखना दिलचस्प होगा कि झारखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग इस टैरिफ वृद्धि के प्रस्ताव को स्वीकृति देता है या संशोधित करता है। फिलहाल, टाटा स्टील यूआईएसएल ने राजस्व घाटे को संतुलित करने के लिए इस वृद्धि को आवश्यक बताया है, लेकिन उपभोक्ताओं के बढ़ते विरोध को भी नकारा नहीं जा सकता।

बिजली टैरिफ में प्रस्तावित वृद्धि से जमशेदपुर और सरायकेला-खरसावां के उपभोक्ताओं को अतिरिक्त आर्थिक बोझ उठाना पड़ सकता है। अब यह देखना बाकी है कि झारखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग इस प्रस्ताव को मंजूरी देता है या नहीं

उपभोक्ताओं का मानना है कि महंगी बिजली से घरेलू, व्यावसायिक और औद्योगिक गतिविधियों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। टाटा स्टील यूआईएसएल ने अपनी लागत वसूली का हवाला देते हुए इस वृद्धि को आवश्यक बताया है, लेकिन सवाल यह है कि क्या यह बढ़ोतरी जनता के हित में होगी या नहीं?

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।