Jamshedpur Initiative: सबर ग्रामों में बुनियादी सुविधाओं का सुधार, उपायुक्त ने उठाया बड़ा कदम!
जमशेदपुर के उपायुक्त अनन्य मित्तल ने बोडाम प्रखंड के बादाडीह सबर टोला में स्वास्थ्य शिविर आयोजित कर सबर समुदाय के जीवन स्तर में सुधार के लिए कई कदम उठाए। जानें, इस पहल के बारे में और सबर परिवारों के लिए क्या बदलाव आया।

जमशेदपुर (Jamshedpur Initiative) का जिला प्रशासन सबर जनजाति समुदाय के जीवन स्तर को सुधारने के लिए लगातार कदम उठा रहा है। इसी क्रम में, उपायुक्त अनन्य मित्तल और परियोजना निदेशक दीपांकर चौधरी ने बोड़ाम प्रखंड के सुदूर कोयरा ग्राम स्थित बादाडीह सबर टोला का दौरा किया। इस मौके पर, जिला प्रशासन और ह्यूमन वेलफेयर ट्रस्ट द्वारा स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया, जिससे ग्रामीणों को जरूरी चिकित्सा सहायता मिली।
क्या हुआ इस दौरे में?
उपायुक्त अनन्य मित्तल और परियोजना निदेशक दीपांकर चौधरी ने इस स्वास्थ्य शिविर में ग्रामीणों से उनके समस्याओं को सुना और सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए उन्हें प्रेरित किया। इस अवसर पर 60 परिवारों के बीच खिलौने, किताबें, साड़ी, चादर, और कंबल जैसे आवश्यक सामान वितरित किए गए।
उपायुक्त अनन्य मित्तल ने ग्रामीणों से संवाद स्थापित करते हुए कहा कि वे बेझिझक अपनी समस्याएं रखें। उनका उद्देश्य यही था कि वे सबर टोला की समस्याओं को समझ सकें और वहां चल रही योजनाओं का सही तरीके से क्रियान्वयन किया जा सके। उन्होंने कहा, "हम आदिम जनजाति समुदाय के लिए योजनाओं का लाभ सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, और इस दौरान यदि कुछ समस्याएं रह गईं तो हम उन्हें शीघ्र हल करेंगे।"
स्वास्थ्य शिविर में क्या हुआ?
स्वास्थ्य शिविर में ब्लड प्रेशर जांच, सिकल सेल एनीमिया, मलेरिया, हीमोग्लोबिन जैसी जांचों का संचालन किया गया। इस दौरान, लगभग 70 ग्रामीणों की स्वास्थ्य जांच की गई, और उन्हें जांच के बाद दवाएं और ओआरएस पैकेट वितरित किए गए।
ग्रामीणों को स्वास्थ्य सेवाओं के साथ-साथ, सीएमईजीपी योजना, बकरा पालन, मुर्गा पालन और सब्सिडी योजनाओं के बारे में भी जानकारी दी गई। परियोजना निदेशक दीपांकर चौधरी ने बताया कि इन योजनाओं का लाभ लेने के लिए ग्रामीणों को प्रेरित किया जा रहा है ताकि वे स्व-रोजगार की दिशा में कदम उठा सकें।
समस्या और समाधान के लिए प्रशासन का संकल्प
ग्रामीणों की समस्याओं में मुख्य रूप से सड़क कनेक्टिविटी, आंगनबाड़ी केन्द्र की दूरी, आयुष्मान कार्ड बनाने में आ रही समस्याएं, और न्यायिक प्रमाण पत्र जैसी दिक्कतें शामिल थीं। उपायुक्त ने इन सभी समस्याओं को गंभीरता से सुना और जिला मुख्यालय से जुड़े पदाधिकारियों को निर्देश दिए कि इन मुद्दों का शीघ्र समाधान किया जाए।
ग्रामीणों का सहयोग और सकारात्मक प्रतिक्रिया
इस कार्यक्रम में सुदूर ग्रामों के ग्रामीणों ने अपनी समस्याएं प्रशासन के सामने रखीं और उनकी समस्याओं को सुनने के लिए प्रशासन का आभार व्यक्त किया। खोकरो गांव के कार्तिक पहाड़िया ने बताया कि जमीन का खतियान न होने की वजह से उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ लेने में समस्या आती है, और बुरूबोहाल सबर टोला के ईश्वर सबर ने सड़क कनेक्टिविटी की समस्या बताई, जिसे उपायुक्त ने गंभीरतापूर्वक लिया और इसके समाधान के लिए शीघ्र कदम उठाने का आश्वासन दिया।
आगे की योजनाएं और आगामी प्रयास
उपायुक्त अनन्य मित्तल ने सबर परिवारों के लिए योजनाओं का लाभ लेने के लिए उन्हें पूरी तरह से जागरूक किया। उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी जरूरतमंद परिवार को सही दस्तावेज़ तैयार करने में प्रशासन का पूरा सहयोग मिलेगा। इसके साथ ही, उन्होंने आदिम जनजाति समूहों के लिए रोजगार के अवसरों को बढ़ाने का आश्वासन भी दिया।
इस स्वास्थ्य शिविर और वितरण अभियान ने एक बार फिर यह साबित किया कि जमशेदपुर जिला प्रशासन सबर जनजाति समुदाय के उत्थान के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। सरकारी योजनाओं का सही तरीके से लाभ मिलने से ग्रामीणों की जीवनशैली में सुधार आएगा, और यह नए रोजगार के अवसर भी उत्पन्न करेगा। प्रशासन की यह पहल निश्चित रूप से सामाजिक और आर्थिक विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
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