Jamshedpur Cyber: इंटरनेट पर धोखाधड़ी से बचना चाहते हैं? "सेफ इंटरनेट डे" कार्यशाला में दिए गए जरूरी टिप्स!
जमशेदपुर में "सेफ इंटरनेट डे" पर साइबर सुरक्षा कार्यशाला का आयोजन किया गया, जहां इंटरनेट फ्रॉड, डिजिटल धोखाधड़ी और ऑनलाइन ठगी से बचने के लिए महत्वपूर्ण टिप्स दिए गए। जानें कैसे खुद को साइबर अपराधों से सुरक्षित रखें।
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Jamshedpur Cyber: आज इंटरनेट हमारी लाइफस्टाइल को पहले से ज्यादा आसान बना चुका है, लेकिन इसके साथ ही साइबर फ्रॉड और ऑनलाइन धोखाधड़ी के मामले भी तेजी से बढ़ रहे हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए मंगलवार को समाहरणालय सभागार में "सेफ इंटरनेट डे" के अवसर पर एक कार्यशाला आयोजित की गई।
इस कार्यशाला की अध्यक्षता जिला सूचना विज्ञान पदाधिकारी ऋतु राज प्रियदर्शी ने की। उन्होंने कहा कि इंटरनेट का इस्तेमाल सोच-समझकर और सतर्कता से करना बेहद जरूरी है, क्योंकि ऑनलाइन फ्रॉड में लोगों की गाढ़ी कमाई मिनटों में उड़ाई जा रही है।
ऑनलाइन ठगी से कैसे बचें?
- शॉर्टकट से पैसा कमाने के लालच से बचें, क्योंकि साइबर अपराधी इन्हीं तरीकों से लोगों को फंसाते हैं।
- वायरस, हैकिंग और मनी फ्रॉड से बचने के लिए सुरक्षा के सभी उपाय अपनाएं।
- किसी अनजान व्यक्ति के साथ अपनी निजी जानकारी, बैंक डिटेल्स या OTP शेयर न करें।
- ईमेल के माध्यम से आने वाले अज्ञात ऑफर या लॉटरी के लालच में न फंसें।
- फाइनेंशियल फ्रॉड से बचने के लिए फोन या इंटरनेट पर OTP किसी को भी न दें।
- साइबर क्राइम की घटना होने पर तुरंत National Cyber Crime Portal या टोल फ्री नंबर 1930 पर संपर्क करें।
साइबर थाना प्रभारी दानिश इकबाल के सुझाव
साइबर थाना प्रभारी दानिश इकबाल ने बताया कि कई लोग डिजिटल अरेस्ट के झांसे में आकर डर जाते हैं और साइबर अपराधियों के शिकार बनते हैं। उन्होंने कहा कि –
- कभी भी किसी को अपने आधार, पैन कार्ड, बैंक डिटेल्स या अन्य दस्तावेज न दें।
- QR कोड स्कैन करने से पहले सावधान रहें, क्योंकि यह एक नया साइबर क्राइम का तरीका बन चुका है।
- पब्लिक वाई-फाई का इस्तेमाल बैंकिंग ट्रांजेक्शन के लिए न करें, इससे आपका डेटा चोरी हो सकता है।
- फेसबुक, व्हाट्सएप और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर संदिग्ध लिंक पर क्लिक करने से बचें।
साइबर क्राइम के नए तरीके और बचाव के उपाय
कार्यशाला में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डीप फेक, व्हाट्सएप सिक्योरिटी, डिजिटल अरेस्ट और अन्य साइबर खतरों पर भी चर्चा की गई।
- विशिंग (Vishing): फोन कॉल के जरिए होने वाले ऑनलाइन फ्रॉड से बचें।
- फिशिंग (Phishing): नकली वेबसाइट्स और ईमेल लिंक से बचाव करें।
- आईडेंटिटी थेफ्ट (Identity Theft): अपनी प्रोफाइल को सिक्योर बनाकर डिजिटल पहचान की चोरी से बचें।
- लुभावने ऑफर्स से बचाव: कोई भी स्कीम जो बहुत ज्यादा रिटर्न देने का दावा करे, वह फ्रॉड हो सकती है।
साइबर हाईजीन अपनाएं, डेटा को सुरक्षित रखें
- अपने डिवाइसेज में एंटीवायरस अपडेट करें।
- सिक्योर पासवर्ड का इस्तेमाल करें और समय-समय पर बदलते रहें।
- दो-स्तरीय सुरक्षा (Two-factor authentication) को ऑन करें।
- संवेदनशील फाइलें क्लाउड या हार्ड ड्राइव में सुरक्षित तरीके से स्टोर करें।
जन-जागरूकता ही सबसे बड़ा बचाव
इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य लोगों को जागरूक करना और उन्हें साइबर क्राइम से सुरक्षित रहने के तरीके सिखाना था। जिला सूचना विज्ञान पदाधिकारी ऋतु राज प्रियदर्शी ने सभी से अपील की कि वे खुद जागरूक बनें और अपने परिवार, दोस्तों को भी साइबर सुरक्षा के बारे में जानकारी दें।
आज के डिजिटल युग में साइबर फ्रॉड तेजी से बढ़ रहे हैं, लेकिन अगर हम सतर्क रहें और सुरक्षा नियमों का पालन करें, तो हम अपने डेटा और पैसों की सुरक्षा सुनिश्चित कर सकते हैं। साइबर अपराधों से बचाव ही सबसे बड़ा बचाव है।
अगर आपको किसी भी प्रकार का साइबर फ्रॉड हो जाए तो तुरंत Cyber Crime Helpline या टोल फ्री नंबर 1930 पर शिकायत दर्ज कराएं और अपना ट्रांजेक्शन तुरंत ब्लॉक कराएं।
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