Saraikela Raid: आधी रात मंडल कारा में बड़ी पुलिस रेड, अंदर क्या खोज रही थी टीम?
सरायकेला के मंडल कारा में गुरुवार रात पुलिस ने अचानक छापेमारी की। एसपी के नेतृत्व में की गई इस कार्रवाई में कोई आपत्तिजनक वस्तु नहीं मिली, लेकिन रूटीन जांच का हवाला देकर इसे आगे भी जारी रखने की बात कही गई है।

गुरुवार की रात सरायकेला शहर की फिज़ा अचानक बदल गई, जब आधी रात के समय भारी पुलिस बल मंडल कारा की ओर बढ़ता दिखा। रात लगभग 11:30 बजे जैसे ही पुलिस वाहनों की कतारें जेल परिसर के बाहर रुकीं, लोगों के मन में सवाल उठने लगे—आख़िर जेल में क्या हो रहा है?
रात के अंधेरे में 3 घंटे तक चली गहन जांच
पुलिस अधीक्षक मुकेश कुमार लुणायत के निर्देश पर यह विशेष छापेमारी अभियान चलाया गया। छापेमारी टीम में सरायकेला अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी समीर कुमार सवैया, चांडिल अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी अरविंद बिन्हा और हेडक्वार्टर डीएसपी प्रदीप उरांव के साथ-साथ दर्जन भर पुलिसकर्मी और प्रशासनिक अधिकारी शामिल थे।
इस अभियान की शुरुआत रात करीब 11:30 बजे हुई और यह लगभग सवा 1:00 बजे तक चला। जांच पूरी गोपनीयता और गंभीरता से की गई, जिससे अंदेशा था कि कोई बड़ा खुलासा होने वाला है।
क्या जेल में चल रही थी कोई गुप्त गतिविधि?
छापेमारी की खबर सामने आते ही स्थानीय लोगों और मीडिया में चर्चा शुरू हो गई कि क्या मंडल कारा के भीतर कोई अवैध गतिविधि संचालित हो रही थी? ऐसे ऑपरेशन आमतौर पर तभी होते हैं जब किसी विशेष सूचना के आधार पर कार्रवाई हो। लेकिन इस बार एसपी ने इसे “रूटीन चेकिंग” बताया।
यह बयान भी कम दिलचस्प नहीं है, क्योंकि सरायकेला में पहली बार इस स्तर पर रात में जेल छापेमारी की गई है।
इतिहास उठाए सवाल
झारखंड के इतिहास में पहले भी जेलों में अवैध मोबाइल, ड्रग्स और आपराधिक नेटवर्क संचालित होने की घटनाएं सामने आती रही हैं। खासकर गिरोहों के संचालन की खबरें अक्सर पुलिस प्रशासन को सतर्क करती हैं। रांची, जमशेदपुर और बोकारो की जेलों में भी अतीत में इसी तरह की छापेमारियों में कई चौंकाने वाले राज खुले हैं।
इसलिए सवाल उठना स्वाभाविक है—क्या सरायकेला की जेल में भी कोई बड़ा प्लान पकड़े जाने से पहले ही विफल कर दिया गया?
कुछ नहीं मिला, लेकिन कार्रवाई जारी रहेगी
एसपी मुकेश कुमार लूणायत ने साफ कहा कि छापेमारी एक नियमित प्रक्रिया थी और इसमें कुछ भी आपत्तिजनक नहीं मिला। हालांकि उन्होंने यह भी जोड़ा कि ऐसी जांचें आगे भी जारी रहेंगी, ताकि जेल के अंदर किसी भी तरह की गैरकानूनी गतिविधियों पर अंकुश लगाया जा सके।
लोगों में जिज्ञासा बरकरार
हालांकि प्रशासन इसे सामान्य कार्रवाई बता रहा है, लेकिन आम लोगों में इस रेड को लेकर उत्सुकता कम नहीं हुई है। आधी रात को इतनी बड़ी कार्रवाई, हाई-लेवल अफसरों की मौजूदगी और घंटों तक चला निरीक्षण—यह सब कुछ महज़ "रूटीन चेकिंग" कहकर समझाना लोगों को आसान नहीं लग रहा।
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