Jamshedpur Attack: अस्पताल की महिला कर्मचारी पर घर में घुसकर हमला, जान बचाना हुआ मुश्किल
जमशेदपुर के एमजीएम थाना क्षेत्र में आयुष्मान आरोग्य मंदिर की सीएचओ ज्योति कुमारी पर चार अज्ञात लोगों ने उनके घर में घुसकर कुदाल से जानलेवा हमला कर दिया। गंभीर हालत में टीएमएच रेफर की गई, पुलिस जांच में जुटी।

जमशेदपुर की सुबह उस वक्त सिहर उठी, जब आयुष्मान आरोग्य मंदिर में कार्यरत महिला स्वास्थ्यकर्मी ज्योति कुमारी पर कुछ अज्ञात लोगों ने उनके घर में घुसकर कुदाल से जानलेवा हमला कर दिया। एमजीएम थाना क्षेत्र के इस दिल दहला देने वाले घटनाक्रम ने न सिर्फ स्वास्थ्य महकमे बल्कि आम लोगों को भी हिलाकर रख दिया है।
मरीज बनकर पहुंचे और मौत बन गए
शुक्रवार सुबह लगभग 8:30 बजे, आयुष्मान आरोग्य मंदिर परिसर में बने कर्मचारी आवास में ज्योति कुमारी अपने दैनिक कार्यों में व्यस्त थीं। तभी चार से पांच अजनबी, मरीज का बहाना बनाकर उनके दरवाजे पर पहुंचे। जैसे ही वह नीचे आईं, हमलावरों ने अचानक कुदाल से उन पर वार कर दिया। हमला इतना क्रूर था कि मौके पर खून बहने लगा और ज्योति ज़मीन पर गिर पड़ीं।
हमलावरों ने घटना स्थल पर एक कुल्हाड़ी छोड़ दी और भाग खड़े हुए। आसपास के लोग और सहकर्मियों ने तुरंत उन्हें एमजीएम अस्पताल पहुंचाया, जहां से उनकी गंभीर स्थिति को देखते हुए टीएमएच रेफर कर दिया गया। इस समय उनकी हालत नाजुक बताई जा रही है।
अभी भी हमले का कारण रहस्य
फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि हमलावर कौन थे और उनके इरादे क्या थे। इस हमले के पीछे कोई निजी दुश्मनी है या किसी संगठित साजिश की कड़ी—यह जांच का विषय है। पुलिस को सूचना दे दी गई है और घटनास्थल से मिले सबूतों के आधार पर तहकीकात शुरू हो चुकी है।
ज्योति कुमारी के भाई प्रेम प्रकाश के अनुसार, सुबह चार से पांच लोग मरीज बनकर घर आए थे। उन्होंने बताया कि उनकी बहन पिछले पांच वर्षों से अस्पताल में बतौर सीएचओ (कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर) कार्यरत हैं और अस्पताल परिसर में ही रहती हैं।
क्या अस्पताल स्टाफ की सुरक्षा पर है खतरा?
यह घटना सिर्फ एक हमले से अधिक है—यह अस्पताल परिसर की सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल खड़े करती है। जहां एक ओर सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने की बात हो रही है, वहीं दूसरी ओर अस्पताल में काम कर रही महिला कर्मियों की सुरक्षा पर ऐसे हमले चिंताजनक हैं।
इससे पहले भी देश के विभिन्न हिस्सों में स्वास्थ्यकर्मियों पर हमलों की खबरें सामने आती रही हैं, खासकर कोविड काल में जब स्वास्थ्यकर्मी फ्रंटलाइन पर थे। लेकिन सरकारी परिसरों में इस तरह की घुसपैठ और हमला—यह प्रशासन के लिए एक चेतावनी है।
पुलिस पर बड़ी जिम्मेदारी
एमजीएम थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और छानबीन शुरू कर दी है। कुल्हाड़ी और अन्य सबूतों को कब्जे में लेकर जांच तेज कर दी गई है। इलाके के सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं और संदिग्धों की तलाश जारी है।
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि यह केस उनकी प्राथमिकता में है और जल्द ही दोषियों को पकड़ लिया जाएगा। लेकिन जब तक हमलावरों की पहचान और मंशा सामने नहीं आती, तब तक आमजन और अस्पताल स्टाफ के मन में डर बना रहेगा।
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