Jamshedpur Celebration: आर.वी.एस अकादमी का धमाकेदार वार्षिक समारोह बना चर्चा का केंद्र!
जमशेदपुर के मानगो स्थित आर. वी. एस. अकादमी में हुआ 24वां वार्षिक पुरस्कार समारोह, जिसमें विद्यार्थियों की प्रतिभा, सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ और सम्मान समारोह ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। जानिए कैसे यह समारोह बना पूरे शहर का आकर्षण।

जमशेदपुर के मानगो क्षेत्र में स्थित आर. वी. एस. अकादमी एक बार फिर से सुर्खियों में है। कारण है – स्कूल का 24वां वार्षिक पुरस्कार समारोह, जो इस बार न सिर्फ शिक्षा के क्षेत्र में बल्कि सांस्कृतिक विविधता और छात्र प्रतिभा के प्रदर्शन में भी मिसाल बन गया।
डिमना रोड स्थित आर. वी. एस. अकादमी के भव्य प्रांगण में यह समारोह पूरे जोश, उमंग और गरिमा के साथ मनाया गया। मंच, प्रकाश व्यवस्था और रंगमंचीय साज-सज्जा कुछ ऐसी थी कि उपस्थित अतिथियों से लेकर छात्र-छात्राओं तक, हर किसी की आंखें चमक उठीं। कार्यक्रम की शुरुआत हुई परंपरागत दीप प्रज्वलन से, जो अंधकार से प्रकाश की ओर यात्रा का प्रतीक माना जाता है।
इस समारोह का थीम – “I am proud to be RVSian” – खुद में गर्व और पहचान की भावना से भरा हुआ था।
मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे डॉ. साहिर पाल, जो इस समय पू. सिंहभूम के सिविल सर्जन कम सी.एम.ओ. और झारखंड स्टेट मेडिकल काउंसिल के अध्यक्ष हैं। वहीं, विशेष अतिथि श्री धिरेन्द्र प्रताप सिंह – एक समाजसेवी और राजनीतिज्ञ – ने उत्तर प्रदेश से शिरकत की।
विद्यालय के चेयरमेन श्री बिंदा सिंह, सचिव श्री भरत सिंह, कोषाध्यक्ष श्री शत्रुघ्न सिंह और कार्यकारी समिति के सदस्य श्री शक्ति सिंह की उपस्थिति ने समारोह को विशेष गरिमा प्रदान की।
क्या आप जानते हैं? आर. वी. एस. अकादमी ने पिछले दो दशकों में न केवल शैक्षणिक गुणवत्ता में, बल्कि खेल, संस्कृति और नैतिक मूल्यों में भी एक विशेष स्थान बनाया है। यही कारण है कि आज यह विद्यालय जमशेदपुर के प्रतिष्ठित संस्थानों में गिना जाता है।
प्रधानाचार्या श्रीमती वीशा मोहिंद्रा ने जब विद्यालय की वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत की, तो एक के बाद एक उल्लेखनीय उपलब्धियाँ सामने आईं। उन्होंने विद्यार्थियों की अकादमिक सफलता से लेकर सांस्कृतिक मंचों पर दिए गए प्रदर्शन और खेलों में जीते गए पुरस्कारों का जिक्र किया।
इसके बाद शुरू हुआ इंतज़ार का सबसे खास पल – पुरस्कार वितरण।
मेधावी छात्रों को स्मृति चिह्न और प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया। इसके अलावा जिन छात्रों की उपस्थिति शत-प्रतिशत रही, उन्हें भी सम्मान मिला – जो आज के समय में अनुशासन और समर्पण का जीवंत उदाहरण है।
सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने तो समां ही बांध दिया। “सिम्फनी ऑफ द एलिमेंट्स” पर आधारित नृत्य प्रस्तुति ने मानो धरती, जल, अग्नि, वायु और आकाश को मंच पर सजीव कर दिया। वहीं, नन्हें मुन्ने बच्चों की मासूम अदाओं और रंग-बिरंगी पोशाकों ने दर्शकों के चेहरे पर मुस्कान ला दी।
अकबर-बीरबल की पुनर्कल्पना पर आधारित नाटक ने इतिहास और हास्य का अनोखा संगम प्रस्तुत किया।
“लीडरशिप”, “एलुमिनी की कहानियाँ”, “रैंप वॉक” जैसी प्रस्तुतियाँ न सिर्फ मनोरंजन का साधन बनीं बल्कि विद्यार्थियों को प्रेरणा देने वाली भी रहीं।
श्री बिंदा सिंह ने अपने वक्तव्य में कहा, “आर. वी. एस. अकादमी सिर्फ शिक्षा नहीं देती, यह बच्चों को बेहतर इंसान बनने की राह भी दिखाती है।” उनके अनुसार, यहां नैतिक शिक्षा, नेतृत्व विकास और समाज के प्रति जिम्मेदारी जैसे मूल्यों पर खास ध्यान दिया जाता है।
मुख्य अतिथि डॉ. साहिर पाल ने विद्यार्थियों की सराहना करते हुए उन्हें आगे बढ़ने की प्रेरणा दी। उन्होंने यह भी कहा कि आर. वी. एस. अकादमी आज शिक्षा के क्षेत्र में नई ऊँचाइयाँ छू रहा है, और इसका पूरा श्रेय विद्यालय प्रशासन, शिक्षकों और अभिभावकों को जाता है।
कार्यक्रम का समापन हुआ स्कूल गीत और राष्ट्रगान के साथ – जो सभी को एकता, अनुशासन और देशप्रेम की भावना से भर गया।
सच कहा जाए तो यह सिर्फ एक समारोह नहीं था, बल्कि आर. वी. एस. अकादमी की समृद्ध परंपरा, संस्कार और शिक्षा का उत्सव था – एक ऐसा मंच जहां भविष्य के भारत की झलक साफ नजर आई।
अगर आप जानना चाहते हैं कि एक स्कूल का वार्षिक समारोह कैसे एक शहर की शान बन सकता है, तो आर. वी. एस. अकादमी का यह आयोजन जरूर देखें – क्योंकि यह महज शिक्षा का नहीं, संस्कृति और चरित्र निर्माण का भी उत्सव है!
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