Bhalubasa Karam: विसर्जन में शामिल हुए झामुमो नेता प्रहलाद लोहरा, बस्ती में दिखी भारी भीड़
क्या आप जानते हैं भालूबासा करम पर्व के विसर्जन में झामुमो नेता प्रहलाद लोहरा कैसे शामिल हुए? जानिए कौन-कौन से नेता और लोग रहे मौजूद और क्यों यह पर्व झारखंड की पहचान माना जाता है।
भालूबासा हरिजन बस्ती में भादो एकादशी करम पर्व का भव्य आयोजन हुआ। इस मौके पर करम देवता का विसर्जन पूरे उत्साह और परंपरा के साथ किया गया। विसर्जन जुलूस में भारी भीड़ उमड़ी। झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के युवा नेता प्रहलाद लोहरा भी इसमें शामिल हुए।
नेता प्रहलाद लोहरा ने लोगों के साथ मिलकर पूरे विधि-विधान से विसर्जन में भाग लिया। उन्होंने कहा कि करम पर्व झारखंड की पहचान और सामाजिक एकता का प्रतीक है। इस अवसर पर उन्होंने समस्त झारखंडवासियों को करम पर्व की शुभकामनाएं दीं।
बस्ती के मुखिया और लोग भी रहे मौजूद
विसर्जन कार्यक्रम में बस्ती के मुखिया और बड़े बुजुर्ग भी शामिल रहे।
इनमें परेश मुखी, बादल मुखी, समरेश मुखी, दिनेश मुखी, सागर मुखी, चंदन महानद, संदीप मुखी, सुरेश मुखी और अरविंद मुखी का नाम प्रमुख है।
बस्ती की महिलाएं, माताएं-बहनें, काका-काकी और बच्चे भी बड़ी संख्या में मौजूद रहे।
ढोल-नगाड़ों और नृत्य के साथ जुलूस
भालूबासा की गलियों से होकर विसर्जन जुलूस निकाला गया। ढोल-नगाड़ों की थाप और गीत-संगीत के बीच युवाओं ने पारंपरिक नृत्य प्रस्तुत किया।
लोगों ने करम देवता की पूजा कर सुख-समृद्धि की कामना की।
झामुमो कार्यकर्ताओं की सक्रिय भूमिका
इस कार्यक्रम में झामुमो के युवा कार्यकर्ता भी सक्रिय रूप से मौजूद रहे। इनमें राकेश सरकार, सुजल कुमार, अजित लोहरा और अमन कुमार शामिल थे। सभी ने मिलकर कार्यक्रम को सफल बनाने में योगदान दिया।
करम पर्व का महत्व
करम पर्व झारखंड का प्रमुख त्यौहार है। इसे भाई-बहन के रिश्ते और सामाजिक एकता से जोड़ा जाता है। इस पर्व में बहनें अपने भाइयों की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना करती हैं। ग्रामीण इलाकों में इसका आयोजन बेहद धूमधाम से होता है।
भालूबासा बस्ती में भी इस बार का करम पर्व लोगों के लिए यादगार रहा। सामूहिक भागीदारी और उत्सव की भावना ने इस आयोजन को खास बना दिया।
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