Dhanbad Hospital : मरीज की मौत के बाद हंगामा, परिजनों के आरोपों से गरमाया मामला!
धनबाद के एसएनएमएमसीएच में मरीज की मौत के बाद परिजनों का हंगामा, डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप! अस्पताल में हुई तोड़फोड़, जानें पूरी खबर।
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धनबाद: झारखंड के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल एसएनएमएमसीएच (SNMMCH) में गुरुवार शाम बड़ा हंगामा हुआ, जब एक मरीज की मौत के बाद परिजनों ने इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया। गुस्साए लोगों ने अस्पताल में तोड़फोड़ कर दी, दवाइयां फेंकी और डॉक्टरों से बहस करने लगे। इस घटना के बाद एसआर चिकित्सकों ने विरोध जताते हुए एक घंटे तक चिकित्सा सेवा ठप कर दी।
क्या है पूरा मामला?
धनबाद के विनोद नगर निवासी 60 वर्षीय विजय कुमार यादव को सांस लेने में तकलीफ के कारण गुरुवार शाम 5:30 बजे एसएनएमएमसीएच लाया गया। उनके परिजनों के अनुसार,
- मरीज को छाती में पानी भरने की शिकायत थी और वे पहले से ही एक निजी अस्पताल में इलाज करा रहे थे।
- अस्पताल पहुंचने पर उन्हें ऑक्सीजन और ICU सपोर्ट की जरूरत थी, लेकिन डॉक्टरों ने तत्परता नहीं दिखाई।
- करीब आधे घंटे तक इमरजेंसी वार्ड में ही रखा गया, और सही समय पर इलाज न मिलने से उनकी मौत हो गई।
हंगामे के बाद डॉक्टरों में भय, स्वास्थ्य सेवा प्रभावित!
मरीज की मौत होते ही परिजनों का गुस्सा भड़क उठा।
- डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों पर लापरवाही के आरोप लगाए गए।
- गुस्साए लोगों ने एक्जामिनेशन रूम में रखी हजारों की दवाइयां और उपकरण फेंक दिए।
- इमरजेंसी में मौजूद डॉक्टरों को वार्ड में जाकर छिपना पड़ा।
स्थिति इतनी गंभीर हो गई कि पुलिस को बुलाना पड़ा। लेकिन अस्पताल में सिर्फ एक होमगार्ड तैनात था, जिससे भीड़ को संभालने में दिक्कत हुई।
चिकित्सकों का विरोध, एक घंटे तक बंद रही OPD सेवा!
घटना से नाराज एसआर चिकित्सकों ने एक घंटे तक काम बंद कर दिया और मांग की कि हंगामा करने वालों के खिलाफ FIR दर्ज की जाए।
- रात 8 बजे तक OPD सेवा बाधित रही, कई मरीजों को बिना इलाज लौटना पड़ा।
- वरिष्ठ डॉक्टरों के समझाने पर चिकित्सा सेवा बहाल की गई।
अस्पताल प्रशासन का पक्ष
अस्पताल अधीक्षक डॉ. एसके चौरसिया ने कहा:
- मरीज पहले से गंभीर हालत में था और परिजनों को यह जानकारी दे दी गई थी।
- उन्हें दूसरे अस्पताल ले जाने की सलाह दी गई थी, लेकिन वे तैयार नहीं हुए।
- इलाज में लापरवाही का आरोप गलत है।
झारखंड में स्वास्थ्य सेवाओं की हालत
झारखंड के सरकारी अस्पतालों में अक्सर स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी और अव्यवस्था की खबरें आती रहती हैं।
- अस्पतालों में स्टाफ की कमी, इमरजेंसी सेवाओं का सही तरीके से न चलना और सुरक्षा व्यवस्था का अभाव बड़ी समस्या बनी हुई है।
- इससे पहले भी धनबाद, रांची और जमशेदपुर के सरकारी अस्पतालों में मरीजों के परिजनों और डॉक्टरों के बीच तनाव की घटनाएं हो चुकी हैं।
अब आगे क्या?
- अस्पताल प्रशासन इस घटना की जांच करेगा।
- डॉक्टरों ने FIR की मांग की है, देखना होगा कि पुलिस क्या कार्रवाई करती है।
- अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने पर विचार किया जाएगा।
धनबाद के एसएनएमएमसीएच में हुए इस हंगामे ने एक बार फिर सरकारी अस्पतालों की अव्यवस्था को उजागर कर दिया है। जहां एक तरफ डॉक्टर इलाज में लापरवाही से इनकार कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ परिजनों का दावा है कि सही समय पर इलाज मिलता तो मौत टल सकती थी। अब देखने वाली बात होगी कि प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाता है और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए क्या सुधार किए जाते हैं।
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