Potka Meeting: पोटका में शांति समिति की बैठक में बड़ा फैसला, होली पर शराबबंदी और रैश ड्राइविंग पर प्रशासन की सख्ती!
पोटका में शांति समिति की बैठक में बड़ा फैसला – होली पर शराबबंदी और रैश ड्राइविंग पर प्रशासन की सख्ती! जानिए क्या हैं नए नियम और सुरक्षा उपाय?

जमशेदपुर, 7 मार्च: होली का रंगीन त्योहार नजदीक है और इसे शांतिपूर्ण माहौल में संपन्न कराने के लिए पोटका थाना परिसर में शुक्रवार को शांति समिति की बैठक आयोजित की गई। इस बैठक की अध्यक्षता अंचलाधिकारी निकिता बाला ने की, जिसमें पुलिस अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों और गणमान्य लोगों ने भाग लिया।
बैठक का मुख्य उद्देश्य होली के दौरान शांति बनाए रखना और संभावित विवादों को रोकने के लिए ठोस कदम उठाना था। खासतौर पर शराबबंदी और रैश ड्राइविंग पर रोक लगाने की मांग जोर-शोर से उठी। बैठक में मौजूद अधिकांश लोगों ने प्रशासन से अनुरोध किया कि होली के दिन शराब की बिक्री और तेज गति से वाहन चलाने पर सख्त पाबंदी लगाई जाए, ताकि कोई अप्रिय घटना न हो।
होली का ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व
भारत में होली सिर्फ रंगों का त्योहार नहीं, बल्कि आपसी प्रेम और भाईचारे का प्रतीक है। इसका ऐतिहासिक महत्व भी गहरा है। यह त्योहार प्राचीन काल से मनाया जाता आ रहा है और इसकी उत्पत्ति राजा हिरण्यकश्यप और भक्त प्रह्लाद की कथा से जुड़ी है। माना जाता है कि इस दिन बुराई पर अच्छाई की जीत हुई थी, जब भक्त प्रह्लाद की रक्षा भगवान विष्णु ने स्वयं की थी। यही वजह है कि होली को बुराई के अंत और स्नेह के प्रतीक के रूप में देखा जाता है।
हालांकि, समय के साथ होली का स्वरूप बदलता गया और आज यह एक उत्साह और मस्ती का त्योहार बन चुका है। लेकिन, इसके साथ कुछ चिंताजनक पहलू भी जुड़ गए हैं, जैसे अत्यधिक शराब का सेवन, तेज रफ्तार वाहन चलाना, और जबरन रंग लगाने से विवाद। यही वजह है कि प्रशासन हर साल इसकी तैयारी में पहले से जुट जाता है।
शांति समिति की बैठक में लिए गए अहम फैसले
अंचलाधिकारी निकिता बाला ने बैठक में कहा,
"होली आपसी प्यार और उल्लास का त्योहार है। इसे मनाने का सही तरीका यही है कि सभी मिल-जुलकर हंसी-खुशी इसका आनंद लें। किसी को जबरन रंग न लगाएं और न ही किसी के साथ जबरदस्ती करें, जिससे कोई विवाद खड़ा हो।"
बैठक में उपस्थित सब इंस्पेक्टर अजीत मुंडा, मुखिया पानो सरदार, सावित्री हांसदा, सुकलाल सरदार, पंसस सीताराम हांसदा सहित अन्य लोगों ने भी शांति बनाए रखने पर जोर दिया।
शराबबंदी और रैश ड्राइविंग पर सख्ती
होली के दिन सबसे ज्यादा हादसे शराब पीकर गाड़ी चलाने और तेज रफ्तार ड्राइविंग की वजह से होते हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने होली पर शराबबंदी और रैश ड्राइविंग पर पूरी तरह से रोक लगाने का फैसला लिया है।
अंचलाधिकारी निकिता बाला ने बताया कि,
होली के दिन जगह-जगह चेकपोस्ट लगाए जाएंगे
शराब पीकर वाहन चलाने वालों पर सख्त कार्रवाई होगी
संदिग्ध लोगों की तलाशी और निगरानी के लिए पुलिस गश्त बढ़ाई जाएगी
यदि कोई रंग के बहाने जबरदस्ती करता पाया गया, तो उस पर भी कड़ी कार्रवाई होगी
प्रशासन ने साफ किया कि होली को मस्ती का त्योहार बनाए रखें, अराजकता का नहीं।
बैठक में कौन-कौन हुआ शामिल?
इस महत्वपूर्ण बैठक में कई गणमान्य लोग और प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित थे, जिनमें उत्तम सिंह, अमल रंजन सरदार, जयदेव मंडल, फलिन्दर गोप, शंकर मुंडा, चंदन मंडल, गौतम मंडल, सुबल भगत, गणपति दास, मो सईद, रिजवान और हेमंत भगत शामिल थे।
सभी ने एकमत से होली के शांतिपूर्ण आयोजन की अपील की और प्रशासन से सुरक्षा के कड़े इंतजाम करने की मांग की।
होली पर क्या करें और क्या न करें?
होली को आपसी भाईचारे और प्रेम से मनाएं।
किसी पर जबरन रंग न डालें, विशेषकर महिलाओं और बुजुर्गों का सम्मान करें।
शराब पीकर वाहन न चलाएं, खुद भी सुरक्षित रहें और दूसरों को भी सुरक्षित रखें।
पुलिस के निर्देशों का पालन करें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत दें।
क्या न करें?
जबरन किसी पर रंग लगाने या हुड़दंग करने से बचें।
शराब पीकर गाड़ी चलाने की गलती न करें, नहीं तो सख्त कार्रवाई होगी।
तेज रफ्तार वाहन चलाने से बचें, ताकि हादसों को रोका जा सके।
पोटका थाना परिसर में हुई शांति समिति की बैठक में प्रशासन और स्थानीय लोगों ने मिलकर यह तय किया कि होली को सुरक्षित और सौहार्दपूर्ण बनाया जाए। शराबबंदी, रैश ड्राइविंग और जबरन रंग लगाने जैसी गतिविधियों पर पूरी तरह से रोक लगाने की योजना बनाई गई है।
अब यह हम सबकी जिम्मेदारी बनती है कि होली के रंगों में प्रेम और भाईचारे की मिठास घुली रहे, ताकि यह त्योहार सुखद अनुभव बने, न कि कोई दुर्घटना का कारण।
होली की सुरक्षा और शांति बनाए रखने के लिए प्रशासन पूरी तरह तैयार है, अब बारी हमारी है कि हम भी होली को जिम्मेदारी और सम्मान के साथ मनाएं।
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