Dhanbad Electric Shock: 33 केवीए बिजली करंट से झुलसा मजदूर, मचा हड़कंप!
धनबाद के गोधर सबस्टेशन में 33 केवीए बिजली करंट की चपेट में आकर मजदूर बुरी तरह झुलसा। हादसे के बाद इलाके में मचा हड़कंप। मेंटेनेंस के दौरान बिजली सप्लाई चालू थी, जिससे उठे सवाल। पढ़ें पूरी खबर।
धनबाद: झारखंड के कोयलांचल धनबाद में बुधवार को एक बड़ा हादसा हुआ, जब 33 केवीए बिजली करंट की चपेट में आकर एक मजदूर बुरी तरह झुलस गया। घटना जेबीवीएनएल के गोधर सबस्टेशन में हुई, जहां मेंटेनेंस का काम चल रहा था। इस हादसे ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी और बिजली विभाग की लापरवाही पर सवाल खड़े कर दिए।
कैसे हुआ हादसा?
सूत्रों के अनुसार, धैया लाहबनी निवासी मुन्ना कर्मकार अन्य मजदूरों के साथ गोधर सबस्टेशन की बाउंड्री वॉल में वायरिंग का काम कर रहा था। वायरिंग कार्य का ठेका रितेश नामक ठेकेदार को दिया गया था। इसी दौरान, जब मुन्ना कर्मकार सीढ़ी लेकर जा रहा था, तभी अचानक 33 केवीए हाई वोल्टेज तार के संपर्क में आ गया। तेज धमाके के साथ वह नीचे गिर पड़ा और गंभीर रूप से झुलस गया।
करंट लगते ही मचा हड़कंप!
हादसे के बाद मजदूरों में अफरातफरी मच गई। आनन-फानन में सबस्टेशन की बिजली सप्लाई बंद की गई और सहकर्मियों ने उसे इलाज के लिए एसएनएमएमसीएच अस्पताल पहुंचाया। डॉक्टरों ने बताया कि मुन्ना के शरीर का लगभग 40 प्रतिशत हिस्सा झुलस गया है और उसकी स्थिति गंभीर बनी हुई है।
मेंटेनेंस के दौरान चालू थी बिजली सप्लाई?
यह चौंकाने वाली बात सामने आई है कि सबस्टेशन में वायरिंग का काम चलने के बावजूद बिजली सप्लाई चालू थी। ऐसे में यह सवाल उठता है कि क्या सुरक्षा मानकों की अनदेखी की गई? आमतौर पर इस तरह के कार्यों के दौरान बिजली सप्लाई बंद की जानी चाहिए, लेकिन इस मामले में ऐसा नहीं किया गया।
धनबाद में करंट हादसे आम क्यों?
धनबाद में इस तरह के बिजली से जुड़े हादसे पहले भी हो चुके हैं। कोयलांचल क्षेत्र में अक्सर बिजली तारों की सही मेंटेनेंस नहीं होने के कारण करंट लगने की घटनाएं सामने आती हैं। इससे पहले भी कई बार मजदूर करंट की चपेट में आ चुके हैं, लेकिन सुरक्षा उपायों को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं।
बिजली विभाग की जिम्मेदारी पर सवाल!
इस हादसे के बाद बिजली विभाग की लापरवाही पर सवाल उठ रहे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि इस तरह के मेंटेनेंस कार्य के दौरान सुरक्षा मानकों का पालन किया जाना चाहिए था, ताकि इस तरह की दुर्घटनाएं न हों। अब देखना होगा कि प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाता है और पीड़ित मजदूर को क्या सहायता मिलती है।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
बिजली सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह के मेंटेनेंस कार्यों के दौरान बिजली सप्लाई पूरी तरह बंद होनी चाहिए और मजदूरों को इंसुलेटेड उपकरण दिए जाने चाहिए। यदि ऐसा किया जाता तो यह हादसा टल सकता था।
अब क्या होगा आगे?
फिलहाल, मुन्ना कर्मकार का इलाज चल रहा है और डॉक्टरों की टीम उसकी हालत पर नजर रखे हुए है। प्रशासन और बिजली विभाग से अब इस मामले में जवाबदेही तय करने की मांग उठ रही है। देखना होगा कि क्या इस घटना से कोई सबक लिया जाएगा या फिर ऐसे हादसे भविष्य में भी जारी रहेंगे।
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