Ranchi Action: No Helmet No Petrol नियम की उड़ रही धज्जियां, कब होगी सख्ती?

रांची में 'नो हेलमेट-नो पेट्रोल' अभियान सिर्फ बैनर तक सीमित, पेट्रोल पंपों पर खुलेआम हो रही अनदेखी। प्रशासन ने दी कड़ी कार्रवाई की चेतावनी। जानिए पूरी खबर।

Feb 6, 2025 - 10:57
Feb 6, 2025 - 10:57
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Ranchi Action: No Helmet No Petrol नियम की उड़ रही धज्जियां, कब होगी सख्ती?
Ranchi Action: No Helmet No Petrol नियम की उड़ रही धज्जियां, कब होगी सख्ती?

रांची: झारखंड की राजधानी रांची में ‘नो हेलमेट-नो पेट्रोल’ अभियान महज एक कागजी आदेश बनकर रह गया है। पेट्रोल पंप संचालक इस निर्देश को नजरअंदाज कर रहे हैं और बिना हेलमेट के ही दोपहिया वाहन चालकों को पेट्रोल दिया जा रहा है। प्रशासन की सख्ती के बावजूद इस अभियान का सही तरीके से पालन नहीं हो रहा है, जिससे सड़क सुरक्षा को लेकर सवाल उठने लगे हैं।

पेट्रोल पंपों पर आदेश की अनदेखी!

बुधवार को की गई पड़ताल में सामने आया कि शहर के कई पेट्रोल पंपों पर बिना हेलमेट के लोगों को पेट्रोल आसानी से दिया जा रहा है। कचहरी रोड और रातू रोड स्थित पंपों पर न केवल नियम तोड़े जा रहे हैं, बल्कि पंप कर्मी भी इसे रोकने का कोई प्रयास नहीं कर रहे। कई पंपों पर 'नो हेलमेट-नो पेट्रोल' का बैनर जरूर लगा है, लेकिन उसका कोई असर नहीं दिख रहा।

सुरक्षा की अनदेखी क्यों?

दरअसल, सड़क हादसों को कम करने और हेलमेट की अनिवार्यता सुनिश्चित करने के लिए ‘नो हेलमेट-नो पेट्रोल’ अभियान की शुरुआत की गई थी। लेकिन, पेट्रोल पंपों की लापरवाही से यह पहल विफल होती दिख रही है। हाल ही में डीटीओ (जिला परिवहन अधिकारी) अखिलेश कुमार ने निर्देश दिया था कि बिना हेलमेट पेट्रोल नहीं दिया जाए, लेकिन शहर के कई पंप इस आदेश को लागू करने में असफल रहे हैं।

कैसे हो रही है अनदेखी?

केस 1: कचहरी रोड स्थित पेट्रोल पंप पर बिना हेलमेट पहने लोगों को खुलेआम पेट्रोल दिया जा रहा था। किसी ने भी उन्हें रोका नहीं।
केस 2: रातू रोड स्थित पंप पर भी यही स्थिति देखी गई। यहां न केवल बिना हेलमेट वाले लोग पेट्रोल भरवा रहे थे, बल्कि बाइक पर नाबालिगों को भी आराम से तेल दिया गया।

यह महज कुछ उदाहरण हैं, लेकिन हकीकत यह है कि अधिकतर पेट्रोल पंप इस नियम को दरकिनार कर चुके हैं।

प्रशासन लेगा सख्त एक्शन!

डीटीओ अखिलेश कुमार का कहना है कि पेट्रोल पंपों को इस नियम का पालन करना अनिवार्य है। यदि कोई भी पेट्रोल पंप संचालक बिना हेलमेट के पेट्रोल देता है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। प्रशासन ने पेट्रोल पंप मालिकों को चेतावनी दी है कि यदि यह लापरवाही जारी रही, तो लाइसेंस रद्द करने जैसे कड़े कदम उठाए जा सकते हैं।

इतिहास से सबक क्यों जरूरी?

भारत में हेलमेट न पहनने की वजह से हर साल हजारों सड़क दुर्घटनाएं होती हैं। 2019 में मोटर वाहन अधिनियम को सख्त किया गया था, जिसमें हेलमेट पहनना अनिवार्य किया गया। इसके बावजूद, आज भी लोग इस नियम का पालन नहीं करते। ‘नो हेलमेट-नो पेट्रोल’ अभियान इसी को ध्यान में रखकर शुरू किया गया था, लेकिन बिना सख्ती के यह बेअसर साबित हो रहा है।

क्या करना चाहिए?

  • पेट्रोल पंपों पर नियमों की सख्ती से निगरानी की जाए।
  • दोषी पेट्रोल पंपों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।
  • आम जनता को जागरूक किया जाए कि हेलमेट उनकी सुरक्षा के लिए जरूरी है।
  • पेट्रोल पंप कर्मियों को इस आदेश का पालन करने की ट्रेनिंग दी जाए।

क्या बदलेगा कुछ?

अब सवाल यह है कि प्रशासन इस लापरवाही पर कितना कड़ा रुख अपनाता है। क्या ‘नो हेलमेट-नो पेट्रोल’ महज एक सरकारी आदेश बनकर रह जाएगा, या फिर वास्तव में इसे लागू करने के लिए सख्त कदम उठाए जाएंगे? आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि प्रशासन इस अभियान को कितनी गंभीरता से लेता है।

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Manish Tamsoy मनीष तामसोय कॉमर्स में मास्टर डिग्री कर रहे हैं और खेलों के प्रति गहरी रुचि रखते हैं। क्रिकेट, फुटबॉल और शतरंज जैसे खेलों में उनकी गहरी समझ और विश्लेषणात्मक क्षमता उन्हें एक कुशल खेल विश्लेषक बनाती है। इसके अलावा, मनीष वीडियो एडिटिंग में भी एक्सपर्ट हैं। उनका क्रिएटिव अप्रोच और टेक्निकल नॉलेज उन्हें खेल विश्लेषण से जुड़े वीडियो कंटेंट को आकर्षक और प्रभावी बनाने में मदद करता है। खेलों की दुनिया में हो रहे नए बदलावों और रोमांचक मुकाबलों पर उनकी गहरी पकड़ उन्हें एक बेहतरीन कंटेंट क्रिएटर और पत्रकार के रूप में स्थापित करती है।