सिखों को चुनावी टिकट न मिलने पर सीजीपीसी प्रमुख भगवान सिंह ने जताई नाराजगी

जमशेदपुर में सिख वोटरों की बड़ी संख्या के बावजूद किसी भी सिख नेता को टिकट न दिए जाने पर सीजीपीसी के प्रधान सरदार भगवान सिंह ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। राजनीतिक दलों से समानता की मांग की।

Oct 7, 2024 - 18:21
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सिखों को चुनावी टिकट न मिलने पर सीजीपीसी प्रमुख भगवान सिंह ने जताई नाराजगी
सिखों को चुनावी टिकट न मिलने पर सीजीपीसी प्रमुख भगवान सिंह ने जताई नाराजगी

7 अक्टूबर 2024, जमशेदपुर – जमशेदपुर पूर्वी और पश्चिमी विधानसभा क्षेत्रों में सिख समुदाय के बड़े वोट बैंक के बावजूद, किसी भी सिख नेता को आगामी विधानसभा चुनाव के लिए टिकट न दिए जाने पर सिख समुदाय में नाराजगी बढ़ रही है। इस मुद्दे को लेकर केंद्रीय गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (सीजीपीसी) के प्रधान सरदार भगवान सिंह ने सोमवार को कड़ा बयान जारी किया।

भगवान सिंह ने कहा कि सिखों की अनदेखी करना गंभीर मुद्दा है और यह बात उन्हें चुपचाप सहन नहीं की जाएगी। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा, "सिख केवल लंगर लगाने और सेवा करने वाली कौम नहीं है, बल्कि वे राजनीतिक रूप से भी सक्रिय और सक्षम हैं।" उन्होंने यह भी बताया कि सिखों को न सिर्फ सेवा के लिए बल्कि राजनीति में भागीदारी का भी पूरा हक है।

भगवान सिंह ने बताया कि पिछले लोकसभा चुनावों में भी सिख नेताओं को नजरअंदाज किया गया था। उन्होंने कड़े शब्दों में कहा, "राजनीतिक दलों को यह गलती बार-बार नहीं दोहरानी चाहिए। सिखों को वैकल्पिक मान लेना एक गंभीर भूल होगी।" उनका मानना है कि सिख समुदाय को नजरअंदाज करने से न केवल उनका मनोबल टूटेगा, बल्कि इससे सामाजिक समरसता पर भी बुरा प्रभाव पड़ सकता है।

सीजीपीसी के अन्य सदस्यों ने भी इस मुद्दे पर अपनी चिंता जाहिर की है और राजनीतिक दलों से अपील की है कि वे सिख समुदाय की जरूरतों और आकांक्षाओं को ध्यान में रखें। उनका मानना है कि सिख समुदाय को उचित प्रतिनिधित्व मिलना चाहिए। अब यह देखना होगा कि राजनीतिक दल इस मुद्दे पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं।

भगवान सिंह के इस बयान से राजनीतिक गलियारों में हलचल बढ़ गई है, और सिख समुदाय इस बात की प्रतीक्षा कर रहा है कि क्या उनकी आवाज को चुनावी समीकरणों में सुना जाएगा।

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।