झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का मजबूत संदेश: "झारखंड झुकेगा नहीं, रुकेगा नहीं
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का मजबूत संदेश: "झारखंड झुकेगा नहीं, रुकेगा नहीं
झारखंड के नए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्य की जनता को एक मजबूत संदेश दिया है: "झारखंड झुकेगा नहीं, रुकेगा नहीं।" शपथ ग्रहण से पहले राजभवन में, हेमंत सोरेन ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो साझा किया जिसमें उन्होंने अपने नए पदभार संभालने की जानकारी दी और कहा कि वे राज्य को आगे ले जाएंगे।
उन्होंने कहा, "झारखंड झुका नहीं है और न ही रुकेगा।" लेकिन, अपने पूरे भाषण में उन्होंने अपने पूर्व के कार्य या चंपाई सोरेन के कार्यकाल का कोई जिक्र नहीं किया। उन्होंने कहा कि जनता ने देखा है किस तरह से विपक्ष ने उनके खिलाफ षड्यंत्र रचा था। यह षड्यंत्र में वे कुछ हद तक सफल भी हुए और उन्हें पांच महीने तक अलग-अलग तरीकों से जेल में रखा गया। लेकिन, कानूनी लड़ाई लड़ते हुए उन्हें जनता का भरपूर समर्थन मिला और आखिरकार न्यायालय के आदेश से वे जेल से बाहर आए।
हेमंत सोरेन ने याद दिलाया कि 2019 में जनता ने उन्हें राज्य को एक दिशा देने का मौका दिया था। लेकिन, षड्यंत्रकारियों को यह पसंद नहीं आया कि एक आदिवासी और नौजवान इतने ऊंचे पदों पर कैसे जा सकता है। आखिरकार, 31 जनवरी को बेबुनियाद आरोप लगाकर झूठे मुकदमे में फंसाकर मुख्यमंत्री के पद से हटने को मजबूर कर दिया। लेकिन, उन्होंने कहा "भगवान के घर देर है, अंधेर नहीं" और उन्हें न्याय मिला।
उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में झारखंडी एकता का लोगों ने परिचय दिया और उन्हें ताकत दी, जिसका वे हमेशा ऋणी रहेंगे। उन्होंने विश्वास दिलाया कि झारखंड के आदिवासी, पिछड़े, किसान, दबे, कुचले और मजदूरों की आवाज वे हमेशा रहेंगे और उनके अधिकारों के लिए लड़ते रहेंगे। हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड को हमने लड़कर पाया है, किसी ने प्यार से कुछ नहीं दिया। हमेशा संघर्ष किया है और जनता ने जब सेवा का मौका दिया, तो उनके दरवाजे तक पहुंचने का पूरा प्रयास किया।
अब वे फिर से जनता के सामने हैं और उनके हक और अधिकारों को पहुंचाने के लिए वचनबद्ध हैं। राज्य की मूलवासी, आदिवासी, दबे, कुचले, शोषित, और पिछड़े वर्ग के लिए न्याय दिलाने का पूरा प्रयास करेंगे। शपथ लेने के बाद वे वापस से राज्य को प्रगति के रास्ते पर ले जाएंगे जहां से यह रुक गया था।
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