NON HINDU BANS : TTD ने गैर-हिंदू कर्मचारियों पर लगाया बैन! जानिए क्यों मचा है बवाल, तेदेपा ने क्या कहा?
तिरुपति मंदिर प्रशासन (TTD) ने गैर-हिंदू कर्मचारियों को धार्मिक आयोजनों से किया बाहर! तेदेपा ने दिया BJP को समर्थन, जानिए पूरा विवाद।
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TTD ने गैर-हिंदू कर्मचारियों पर लगाया प्रतिबंध! तेदेपा ने कहा- "कोई रियायत नहीं" (Non-Hindu Bans)
तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) ने अपने 18 कर्मचारियों के खिलाफ बड़ा कदम उठाते हुए उन्हें सभी धार्मिक और आध्यात्मिक कार्यक्रमों में भाग लेने से प्रतिबंधित कर दिया है। यह कार्रवाई उनके ‘गैर-हिंदू’ धर्म का पालन करने के सबूत मिलने के बाद की गई है। TTD, आंध्र प्रदेश के तिरुपति स्थित विश्वप्रसिद्ध श्री वेंकटेश्वर मंदिर का प्रबंधन करता है। मंदिर प्रशासन के एक अधिकारी ने बुधवार को बताया कि इन कर्मचारियों को मंदिर से जुड़े किसी भी धार्मिक कार्य में शामिल होने की अनुमति नहीं होगी।
क्या है पूरा मामला?
TTD के नियमों के मुताबिक, गैर-हिंदुओं को मंदिर में दर्शन करने से पहले देवता के प्रति आस्था घोषित करनी होती है। हालांकि, इन 18 कर्मचारियों पर आरोप है कि वे इस नियम का पालन नहीं कर रहे थे। नवंबर 2023 में ही TTD बोर्ड ने गैर-हिंदू कर्मचारियों के मामले पर राज्य सरकार को पत्र लिखकर सख्त कदम उठाने की मांग की थी। अब इस परिपत्र के बाद, इन कर्मचारियों को मंदिर की पूजा, सेवाओं और आयोजनों से बाहर कर दिया गया है।
तेदेपा का साफ स्टैंड: "धार्मिक भावनाओं से जुड़ा मामला"
तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) के नेता नारा लोकेश ने इस फैसले का खुलकर समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि यह आंध्र प्रदेश सरकार का आधिकारिक रुख है और इसमें कोई बदलाव नहीं होगा। लोकेश ने दावा किया कि पिछली YSR कांग्रेस सरकार ने जानबूझकर गैर-हिंदुओं को मंदिर प्रशासन में नियुक्त किया, जिससे हिंदू भावनाएं आहत हुईं। उन्होंने मुस्लिमों की मस्जिदों के उदाहरण देते हुए कहा, "जिस तरह गैर-मुसलमान मस्जिदों में सेवा नहीं दे सकते, वैसे ही मंदिरों में गैर-हिंदुओं की भूमिका सीमित होनी चाहिए।"
राजनीतिक रंग क्यों?
TTD का यह फैसला राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गया है। तेदेपा और भाजपा के बीच गठबंधन को देखते हुए, लोकेश ने साफ किया कि उनकी पार्टी प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार का पूरा समर्थन करती है। उन्होंने दिल्ली चुनाव पर भी टिप्पणी करते हुए कहा कि जनता "डबल इंजन" सरकार चाहती है और एग्जिट पोल के अनुसार भाजपा की जीत तय है।
विवाद की जड़ क्या है?
TTD के नियमों में लंबे समय से यह प्रावधान रहा है कि मंदिर से जुड़े धार्मिक कार्यों में केवल हिंदू ही भाग ले सकते हैं। हालांकि, कर्मचारियों की नियुक्ति के दौरान धार्मिक पहचान को लेकर सख्ती नहीं बरती गई। पिछले कुछ वर्षों में यह मामला तब गरमाया जब कुछ कर्मचारियों के सोशल मीडिया पोस्ट्स से पता चला कि वे अन्य धर्मों का पालन करते हैं। इसे हिंदू संगठनों ने "मंदिर की पवित्रता के लिए खतरा" बताया।
TTD ने अब तक 19 कर्मचारियों को चिन्हित किया है, जिनमें से अधिकांश ईसाई और मुस्लिम समुदाय से हैं। प्रशासन का कहना है कि इन्हें केवल प्रशासनिक कार्यों तक सीमित रखा जाएगा। हालांकि, मानवाधिकार संगठनों ने इस फैसले को "भेदभावपूर्ण" बताया है। इस बीच, तेदेपा और भाजपा की सरकार ने साफ कर दिया है कि वे हिंदू संस्थाओं की रक्षा के लिए किसी भी कदम से पीछे नहीं हटेंगे।
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