सरयू राय की राजनीति खत्म? विकास विरोध और जनता की नाराजगी बढ़ी!
मंत्री बन्ना गुप्ता के प्रेस सलाहकार ने सरयू राय पर कदमा के विकास कार्यों का विरोध करने का आरोप लगाया। जानें क्यों राय को विकास विरोधी कहा जा रहा है और जनता में बढ़ रही नाराजगी का चुनाव पर क्या असर होगा।
झारखंड की सियासी गलियारों में एक बार फिर हंगामा मच गया है। सरयू राय पर कदमा और जमशेदपुर क्षेत्र के विकास कार्यों का विरोध करने का गंभीर आरोप लगा है। मंत्री बन्ना गुप्ता के प्रेस सलाहकार, संजय ठाकुर, ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर सरयू राय को विकास विरोधी करार दिया है। उनका कहना है कि राय सिर्फ बन्ना गुप्ता का विरोध करने के लिए हर सकारात्मक विकास कार्य का विरोध कर रहे हैं, चाहे वह स्वर्णरेखा दोमुहानी संगम घाट का निर्माण हो, मानगो फ्लाईओवर या एमजीएम अस्पताल के निर्माण का कार्य।
दुकानदार और जनता में खुशी, सरयू राय को क्यों नहीं पसंद?
ठाकुर ने आरोप लगाया कि सरयू राय को कदमा के दुकानदारों और जनता की कोई परवाह नहीं है। जहां दुकानदार इस बात से खुश हैं कि उन्हें व्यवस्थित दुकाने मिल रही हैं और सड़क चौड़ीकरण से जाम की समस्या हल हो रही है, वहीं राय इन कार्यों का लगातार विरोध कर रहे हैं। कदमा के स्थानीय निवासियों ने भी सड़क चौड़ीकरण के बाद ट्रैफिक की समस्या से निजात मिलने की उम्मीद जताई है। राय द्वारा उपायुक्त को लिखे गए पत्र में इस कार्य को रोकने की मांग करने पर जनता में उनकी छवि पर सवाल उठ रहे हैं।
बन्ना विरोध या विकास विरोध?
संजय ठाकुर का कहना है कि राय केवल बन्ना गुप्ता के खिलाफ हैं और उनके मन में विरोध की भावना इतनी गहरी हो चुकी है कि वे हर अच्छे कार्य का विरोध कर रहे हैं। उनकी राजनीति अब समाप्त होने की कगार पर है और आगामी चुनाव में उनकी हार निश्चित है। ठाकुर ने तंज कसते हुए कहा कि "सरयू राय की राजनीति की दुकान अब बंद होने वाली है।"
चुनाव में हार का डर?
ठाकुर ने कहा कि राय आगामी चुनाव में अपनी संभावित हार से डरे हुए हैं और इसी कारण वे हवा बनाने की कोशिश कर रहे हैं। जनता अब उनके खिलाफ हो चुकी है और यह साफ है कि चुनाव परिणाम उनके खिलाफ जा सकते हैं।
सरयू राय का राजनीतिक भविष्य अधर में?
सरयू राय की लगातार हो रही आलोचनाओं से उनके राजनीतिक भविष्य पर सवाल खड़े हो रहे हैं। जनता का मानना है कि राय का विकास कार्यों का विरोध उनकी राजनीति का अंत हो सकता है। आगामी चुनाव में यह देखना दिलचस्प होगा कि जनता उन्हें किस प्रकार से जवाब देती है। क्या जनता उनके विरोध की राजनीति को तोड़ेगी या फिर राय एक बार फिर अपने वोट बैंक को साधने में कामयाब होंगे?
क्या जनता राय के खिलाफ हो चुकी है?
कदमा के दुकानदारों और स्थानीय निवासियों के बीच सरयू राय के विरोध के प्रति गहरी नाराजगी देखी जा रही है। आने वाले समय में यह विरोध कितना बढ़ेगा और क्या इसका असर राय के चुनावी सफर पर पड़ेगा, यह वक्त ही बताएगा। जनता तैयार है अपने वोट से जवाब देने के लिए।
तो हो जाए तैयार, देने को मतदान!
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