Saraikela Recovery: 8 महीने बाद चोरी हुई स्कॉर्पियो बरामद, सीएम हाउस के दखल के बाद पुलिस हुई सक्रिय!

सरायकेला में 8 महीने पहले चोरी हुई स्कॉर्पियो को पुलिस ने पलामू से बरामद किया! पद्मश्री छुटनी महतो की अपील के बाद सीएम हाउस ने लिया संज्ञान, दो आरोपी गिरफ्तार!

Feb 24, 2025 - 16:32
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Saraikela Recovery: 8 महीने बाद चोरी हुई स्कॉर्पियो बरामद, सीएम हाउस के दखल के बाद पुलिस हुई सक्रिय!
Saraikela Recovery: 8 महीने बाद चोरी हुई स्कॉर्पियो बरामद, सीएम हाउस के दखल के बाद पुलिस हुई सक्रिय!

सरायकेला, 23 फरवरी: झारखंड के सरायकेला थाना पुलिस ने 8 महीने पहले चोरी हुई स्कॉर्पियो (JH05BS-2034) को पलामू से बरामद कर लिया है। इस मामले में पुलिस ने दो युवकों को गिरफ्तार किया है, जिनकी पहचान धनबाद निवासी सुग्रीव कुमार और पलामू निवासी कवल धारी विश्वकर्मा के रूप में हुई है।

यह वही स्कॉर्पियो है, जिससे पद्मश्री छुटनी महतो सफर करती थीं! इस वाहन के चोरी होने के बाद छुटनी महतो ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी और गांडेय विधायक कल्पना सोरेन से मुलाकात कर गाड़ी की बरामदगी की गुहार लगाई थी। उनके हस्तक्षेप के बाद पुलिस हरकत में आई और आखिरकार 23 फरवरी 2025 को गाड़ी को पलामू से बरामद कर लिया गया।

कैसे हुआ था स्कॉर्पियो चोरी?

21 जून 2024 को कोलाबिरा निवासी रमजान अली ने पुलिस को अपने स्कॉर्पियो चोरी की शिकायत दर्ज कराई थी। रमजान अली के लिए यह गाड़ी रोजी-रोटी का जरिया थी, लेकिन चोरों ने उसे छीन लिया।

इस मामले में पुलिस ने तकनीकी और मानवीय साक्ष्यों के आधार पर कई जगह छापेमारी की, लेकिन वाहन का कोई सुराग नहीं मिला। चोर इतने शातिर थे कि उन्होंने गाड़ी की नंबर प्लेट बदल दी थी ताकि उसे आसानी से बेचा जा सके। लेकिन जब मामला सीएम हाउस तक पहुंचा, तो पुलिस ने इसे चुनौती की तरह लिया और आखिरकार 8 महीने बाद गाड़ी सही सलामत बरामद कर ली।

गिरफ्तार हुए आरोपी, लेकिन सरगना पहले से जेल में!

इस मामले में पुलिस ने सुग्रीव कुमार और कवल धारी विश्वकर्मा को गिरफ्तार कर लिया है। दिलचस्प बात यह है कि इस गिरोह का सरगना पहले से मोटरसाइकिल चोरी के आरोप में जेल में बंद है। इसका मतलब है कि गिरोह संगठित तरीके से काम कर रहा था और लंबे समय से गाड़ियों की चोरी कर रहा था।

सीएम हाउस के दखल के बाद पुलिस हरकत में आई!

गाड़ी की बरामदगी के पीछे एक अहम वजह यह भी है कि पद्मश्री छुटनी महतो ने खुद इस मामले को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन के सामने रखा। उन्होंने एसपी और डीसी को इस चोरी का जल्द खुलासा करने का निर्देश दिया, जिसके बाद पुलिस ने तेजी से कार्रवाई शुरू की

आमतौर पर चोरी हुए वाहनों को चोर काटकर बेच देते हैं, लेकिन पुलिस की तत्परता के चलते यह स्कॉर्पियो सही-सलामत मिल गई। हालांकि इसकी नंबर प्लेट बदली जा चुकी थी, लेकिन पुलिस की सूझबूझ और जांच अधिकारी रमन कुमार विश्वकर्मा और पुलिस अवर निरीक्षक रामरेखा पासवान की मेहनत से चोरों के मंसूबों पर पानी फिर गया।

क्या यह संगठित गिरोह का हिस्सा था?

इस घटना से कई सवाल खड़े हो गए हैं –

  • क्या यह सिर्फ एक चोरी थी, या इसके पीछे कोई बड़ा गिरोह काम कर रहा था?
  • चोरों ने गाड़ी को काटकर बेचने की बजाय नंबर प्लेट बदलने की कोशिश क्यों की?
  • क्या इस गिरोह के और भी सदस्य बाहर घूम रहे हैं?

पुलिस इस मामले में और गहराई से जांच कर रही है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि गिरोह के अन्य सदस्य कहां हैं और अब तक कितनी गाड़ियां चोरी की जा चुकी हैं।

पुलिसकर्मियों को मिलेगा इनाम!

सरायकेला एसपी मुकेश कुमार लुनायत ने इस सफलता के लिए जांच अधिकारियों और पूरे पुलिस दल की सराहना की। उन्होंने इस केस को सुलझाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले पुलिस कर्मियों को पुरस्कार देने की घोषणा की है।

क्या चोरी की घटनाएं कम होंगी?

सरायकेला में वाहन चोरी की घटनाएं लगातार बढ़ रही थीं, लेकिन इस केस की सफलता से अपराधियों को बड़ा झटका लगा है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या पुलिस इस गिरोह का पूरी तरह से सफाया कर पाएगी, या फिर कुछ ही दिनों में नए गिरोह सक्रिय हो जाएंगे?

8 महीने बाद स्कॉर्पियो की बरामदगी से सरायकेला पुलिस ने यह साबित कर दिया कि अगर सही दिशा में काम किया जाए तो चोरी हुए वाहन भी वापस मिल सकते हैं। लेकिन सवाल यह है कि क्या भविष्य में भी पुलिस ऐसे ही सक्रिय रहेगी, या फिर जब तक कोई वीआईपी इस मामले में दखल नहीं देगा, तब तक आम जनता को इंसाफ नहीं मिलेगा?

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।