Jharkhand Politics: बजट सत्र के पहले दिन हंगामा, BJP ने सरकार पर लगाया झूठ बुलवाने का आरोप!
झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के पहले दिन भाजपा विधायकों ने जमकर हंगामा किया! सरकार पर राज्यपाल से झूठ बुलवाने का आरोप, सदन की कार्यवाही स्थगित! पढ़ें पूरी खबर।

रांची, 24 फरवरी: झारखंड विधानसभा का बजट सत्र सोमवार से शुरू हो गया, लेकिन पहले ही दिन सदन में जबरदस्त हंगामा देखने को मिला। राज्यपाल संतोष गंगवार ने सदन में अपना अभिभाषण दिया, जिसमें राज्य सरकार की उपलब्धियों और योजनाओं का जिक्र किया गया, लेकिन भाजपा विधायकों ने इसे झूठ का पुलिंदा करार दिया और विरोध में जमकर नारेबाजी की।
राज्यपाल से झूठ बुलवाने का आरोप!
भाजपा विधायकों का कहना था कि राज्य सरकार ने राज्यपाल से झूठ बुलवाया, ताकि वह अपनी विफलताओं पर पर्दा डाल सके। इस हंगामे की अगुवाई भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री सीपी सिंह ने की। उन्होंने सरकार पर सीधा हमला बोलते हुए कहा कि यह सरकार जनता को धोखा दे रही है और विधानसभा में सिर्फ अपनी पीठ थपथपा रही है।
हंगामे के बीच स्थगित हुई कार्यवाही!
भाजपा विधायकों के विरोध के चलते सदन में लगातार हंगामा होता रहा। इस दौरान विपक्षी दलों ने सरकार पर अलोकतांत्रिक रवैया अपनाने और विपक्ष की आवाज दबाने का आरोप लगाया। आखिरकार, इस हंगामे के चलते राज्यपाल का अभिभाषण समाप्त होते ही 17 मिनट बाद सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई। अब अगला सत्र मंगलवार को आयोजित होगा।
झारखंड की राजनीति में विपक्ष का संकट!
झारखंड की राजनीति में इस समय एक बड़ा संकट यह भी है कि विपक्ष का नेता ही तय नहीं है। भाजपा ने अब तक विपक्ष के नेता की घोषणा नहीं की, जिससे सदन बिना विपक्ष के नेता के ही चल रहा है। इससे न केवल सदन में बहस का स्तर प्रभावित हो रहा है, बल्कि भाजपा के अंदर भी गहरी फूट नजर आ रही है।
बजट सत्र और हंगामे का ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य
अगर झारखंड विधानसभा के इतिहास पर नजर डालें, तो हर बार बजट सत्र के दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तकरार देखने को मिली है।
- 2000 में झारखंड के अलग राज्य बनने के बाद से ही बजट सत्र में हंगामा आम बात रही है।
- 2013 में भी तत्कालीन सरकार के खिलाफ विपक्ष ने ऐसा ही हंगामा किया था।
- 2021 में भी भाजपा ने हेमंत सोरेन सरकार के खिलाफ जबरदस्त विरोध प्रदर्शन किया था।
इस बार भी कहानी कुछ अलग नहीं रही, लेकिन विपक्ष के नेता के बिना भाजपा का विरोध बिखरा हुआ नजर आया।
सरकार के दावों पर उठे सवाल!
राज्यपाल के अभिभाषण में राज्य सरकार की योजनाओं की उपलब्धियां गिनाई गईं, लेकिन भाजपा का कहना था कि जमीन पर कुछ भी नहीं बदला। उन्होंने सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा:
- बेरोजगारी की दर बढ़ रही है, तो सरकार युवाओं को रोजगार देने का दावा कैसे कर सकती है?
- कानून-व्यवस्था खराब हो चुकी है, फिर भी सरकार राज्य में शांति का दावा कर रही है!
- कृषि योजनाओं के बड़े-बड़े वादे किए गए, लेकिन किसान आज भी परेशान हैं!
अगले सत्र में और गरमाएगा माहौल!
भाजपा ने साफ कर दिया है कि वह इस सत्र में सरकार को घेरने के लिए पूरी तरह तैयार है। अगले कुछ दिनों में यह साफ हो जाएगा कि क्या सरकार विपक्ष के सवालों का जवाब दे पाएगी, या फिर यह सत्र सिर्फ हंगामे की भेंट चढ़ जाएगा?
झारखंड विधानसभा का बजट सत्र पहले ही दिन विवादों में घिर गया है। विपक्ष के नेता की गैरमौजूदगी में भाजपा का विरोध थोड़ा बिखरा हुआ जरूर दिखा, लेकिन सरकार पर लगे आरोपों ने यह सवाल जरूर खड़ा कर दिया है कि क्या सरकार वास्तव में जनता की समस्याओं का समाधान कर रही है, या फिर सिर्फ कागजों में आंकड़ों का खेल खेला जा रहा है?
What's Your Reaction?






