Ranchi Business Fraud : महिला से ठगी, बिजनेस के नाम पर एक करोड़ की धोखाधड़ी का बड़ा खुलासा
रांची में एक महिला को बिजनेस में मुनाफे का झांसा देकर एक करोड़ रुपये से अधिक की ठगी का मामला सामने आया। आरोपी ने जान से मारने की धमकी भी दी। पढ़ें पूरी खबर।
झारखंड की राजधानी रांची से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, जहां एक महिला को बिजनेस में पैसा लगाने के नाम पर एक करोड़ रुपये से अधिक की ठगी का शिकार बनाया गया। यह घटना रांची के कोकर भट्टी रोड (तिरिल) की निवासी प्रीति चौधरी के साथ हुई।
आरोप है कि जालसाज महिला ने खुद को सीसीएल (सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड) की सप्लायर बताते हुए पीड़िता से संपर्क बढ़ाया और जनवरी से जून के बीच कई किस्तों में भारी रकम ऐंठ ली। इस मामले ने न केवल रांची, बल्कि पूरे झारखंड में वित्तीय अपराधों पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
कैसे रची गई ठगी की साजिश?
पीड़िता प्रीति चौधरी ने बताया कि आरोपी महिला, जिसकी पहचान शराबनी दास उर्फ सुपरना दास के रूप में हुई है, ने खुद को सीसीएल सप्लायर बताकर भरोसा जीतने का प्रयास किया। इसके बाद बिजनेस में पैसा लगाकर मोटा मुनाफा कमाने का लालच दिया।
जनवरी से जून तक आरोपी ने विभिन्न किस्तों में एक करोड़ रुपये से अधिक की रकम वसूल ली और वादा किया कि वह दो महीने में रकम वापस कर देगी। लेकिन जब पीड़िता ने पैसे वापस मांगे, तो आरोपी ने 50 लाख और 53 लाख रुपये के दो चेक दिए, जो बैंक में बाउंस हो गए।
गाली-गलौज और धमकी का खेल
चेक बाउंस होने की जानकारी देने पर आरोपी ने पहले पीड़िता से गाली-गलौज की और फिर पैसे मांगने पर जान से मारने की धमकी दी। डर और धमकी से परेशान होकर पीड़िता ने आखिरकार रांची के सदर थाने में मामला दर्ज कराया।
झारखंड में ठगी के बढ़ते मामले
यह घटना राज्य में बढ़ते वित्तीय अपराधों की केवल एक कड़ी है। हाल के दिनों में रांची और आसपास के इलाकों में ठगी के कई मामले सामने आए हैं:
- बरियातू ठगी कांड: इस्टेट बिल्डकॉन के आधा दर्जन कर्मियों से 33 लाख रुपये की ठगी हुई।
- डोरंडा ठगी मामला: एक स्थानीय निवासी से 4.10 लाख रुपये की धोखाधड़ी।
- एमबीबीएस नामांकन ठगी: सरकारी मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन का झांसा देकर 37 लाख की ठगी।
इन घटनाओं ने वित्तीय अपराधों पर प्रशासन की कमजोरी को उजागर किया है।
क्या कहती है पुलिस?
सदर थाने में मामला दर्ज होने के बाद पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। आरोपी की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी जारी है। पुलिस का कहना है कि मामले से जुड़े सभी पहलुओं की गहनता से जांच की जा रही है।
मामले की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
रांची में वित्तीय धोखाधड़ी के मामले पहले भी सामने आते रहे हैं। राज्य के विभिन्न हिस्सों में लोगों को मोटे मुनाफे और बड़े लाभ का झांसा देकर ठगने का खेल लंबे समय से चलता आ रहा है। 2000 के दशक में भी चिटफंड कंपनियों ने हजारों लोगों को ठगा था।
वित्तीय ठगी से कैसे बचें?
विशेषज्ञों का कहना है कि किसी भी निवेश से पहले उसकी प्रामाणिकता की जांच जरूरी है। ऐसे मामलों में तुरंत पुलिस को सूचित करना चाहिए।आपके अनुसार, वित्तीय ठगी को रोकने के लिए प्रशासन को क्या कदम उठाने चाहिए? अपनी राय नीचे कमेंट में जरूर दें।
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