Ranchi Threat Message : धमकी भरा मैसेज और फिरौती की साजिश, दामाद को सबक सिखाने के लिए केंद्रीय मंत्री को भेजा मैसेज
रांची में केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ को धमकी भरा मैसेज भेजने का मामला सामने आया। 50 लाख की फिरौती और पारिवारिक विवाद ने अपराध की कहानी को दिलचस्प मोड़ दिया।
केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री और रांची के सांसद संजय सेठ को धमकी भरा मैसेज मिलने के मामले में पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है। आरोपी ने मंत्री को धमकी देने के पीछे कोई राजनीतिक या आपराधिक साजिश नहीं, बल्कि एक पारिवारिक विवाद का कारण बताया।
46 वर्षीय मिनाजुल अंसारी, जो रांची का निवासी है, को सोमवार सुबह पुलिस ने गिरफ्तार किया। पूछताछ में उसने कबूल किया कि यह कदम उसने अपने दामाद को सबक सिखाने के लिए उठाया।
कैसे हुआ धमकी का खेल?
मामला शुक्रवार शाम शुरू हुआ, जब संजय सेठ को अज्ञात नंबर से धमकी भरा मैसेज मिला। मैसेज में 50 लाख रुपये की फिरौती मांगी गई और जान से मारने की धमकी दी गई। मंत्री ने तुरंत दिल्ली के बाराखंभा रोड पुलिस स्टेशन में इसकी सूचना दी।
पुलिस ने एसएचओ महावीर सिंह के नेतृत्व में जांच शुरू की और नंबर को ट्रेस किया। यह पता चला कि नंबर झारखंड के रांची से जुड़ा था। जांच टीम ने तुरंत रांची पहुंचकर मिनाजुल अंसारी को गिरफ्तार कर लिया।
पारिवारिक विवाद का मोड़
पूछताछ के दौरान अंसारी ने खुलासा किया कि यह अपराध उसके दामाद के साथ पारिवारिक विवाद का परिणाम था।
- अंसारी ने आरोप लगाया कि उसके दामाद ने उसकी बेटी पर अवैध संबंधों का आरोप लगाया और उसे अपमानित किया।
- गुस्से और अपमान से भरे अंसारी ने अपने दामाद को सबक सिखाने के लिए यह साजिश रची।
- उसने अपने दामाद द्वारा खरीदे गए फोन और सिम कार्ड का उपयोग कर धमकी भरा मैसेज भेजा।
झारखंड में ऐसा पहली बार नहीं
सूत्रों के अनुसार, यह पहली बार नहीं है जब अंसारी ने ऐसा किया हो।
- उसने झारखंड के एक विधायक को भी इसी तरह का धमकी भरा मैसेज भेजा था। हालांकि, उस मामले में कोई जांच नहीं हुई।
पुलिस की कार्रवाई और जनता की प्रतिक्रिया
मामला दर्ज होने के बाद पुलिस ने तेजी से कार्रवाई की और आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस का कहना है कि अपराध के सभी सबूत इकट्ठा किए जा रहे हैं।
पुलिस के अनुसार, आरोपी ने अपने दामाद से बदला लेने के लिए मंत्री को धमकी देने जैसा गंभीर कदम उठाया। यह मामला पारिवारिक विवाद के कारण अपराध की जटिलताओं को उजागर करता है।
इतिहास में ऐसे और मामले
यह कोई पहली घटना नहीं है जब पारिवारिक विवादों ने अपराध का रूप लिया हो।
- झारखंड में पहले भी निजी दुश्मनी के चलते बड़े राजनेताओं और व्यापारियों को धमकी दी गई है।
- 2000 के दशक में भी राज्य में जबरन वसूली और धमकी भरे मामलों का बोलबाला था।
क्या सीखा जा सकता है?
इस घटना से साफ है कि तकनीकी साधनों का गलत इस्तेमाल किस तरह गंभीर अपराधों में बदल सकता है।
- परिवारों में विवाद को बातचीत के जरिए हल करना जरूरी है।
- कानून का सहारा लेकर समस्याओं का समाधान खोजा जा सकता है।
पाठकों के लिए सवाल:
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