Saraikela Accident: शादी का कार्ड बांटने गए शख्स की दर्दनाक मौत, घर में छाया मातम
झारखंड के कांड्रा में शादी का कार्ड बांटने गए शख्स की सड़क हादसे में मौत। परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़, घर में मातम। जानिए पूरी खबर।

सरायकेला: एक खुशहाल परिवार, बेटी की शादी की तैयारियां और चारों तरफ उत्सव का माहौल… लेकिन किसे पता था कि खुशियों के बीच ऐसा दर्दनाक हादसा होगा जो परिवार को जिंदगी भर का गम दे जाएगा। सरायकेला-खरसावां जिले के कांड्रा थाना क्षेत्र के धातकीडीह गांव के पास मंगलवार रात हुए सड़क हादसे ने एक परिवार की खुशियां छीन लीं। इस दुर्घटना में 46 वर्षीय टोमा मुर्मू की दर्दनाक मौत हो गई। वह अपनी बेटी की शादी के लिए रिश्तेदारों को आमंत्रित करने गए थे, लेकिन लौटते वक्त अज्ञात वाहन की चपेट में आ गए।
कैसे हुआ हादसा?
मूल रूप से बिर्बंस पंचायत के चोरा गांव के निवासी टोमा मुर्मू मंगलवार को कांड्रा के पिंडाबेड़ा गांव में अपनी बेटी की शादी का कार्ड बांटने गए थे। शादी इसी रविवार को थी और परिवार में उत्साह का माहौल था। लेकिन कार्ड बांटकर घर लौटते वक्त अचानक एक अनजान वाहन ने उन्हें जोरदार टक्कर मार दी। दुर्घटना इतनी भयावह थी कि वह गंभीर रूप से घायल हो गए। स्थानीय लोगों ने तुरंत उन्हें एमजीएम अस्पताल ले जाने की कोशिश की, लेकिन रास्ते में ही उनकी मौत हो गई।
बेटी की शादी से पहले ही बुझ गया पिता का चिराग
बुधवार सुबह उनके भगीने संजय माही ने शव की पहचान की। संजय ने बताया कि उनके मामा बेहद खुश थे और पूरे जोश के साथ शादी की तैयारियों में जुटे थे। लेकिन कुदरत को कुछ और ही मंजूर था। जिस पिता ने अपनी बेटी की शादी के सपने देखे थे, वही अब घर लौटने की बजाय शीतगृह में ठंडे पड़े थे।
परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़
टोमा मुर्मू अपने पीछे तीन छोटे बच्चों और पत्नी को छोड़ गए हैं। उनकी बेटी, जिसकी शादी महज कुछ दिनों बाद होनी थी, अब बेसुध पड़ी है। परिवार पर शोक का पहाड़ टूट पड़ा है। शादी वाले घर में जहां ढोल-नगाड़ों की गूंज होनी थी, वहां अब मातम पसरा है।
झारखंड में बढ़ रहे सड़क हादसे, आंकड़े डराने वाले
झारखंड में सड़क हादसे लगातार बढ़ रहे हैं। सरकार और प्रशासन की तमाम कोशिशों के बावजूद तेज रफ्तार और लापरवाही से गाड़ी चलाने की वजह से हर साल सैकड़ों लोग असमय अपनी जान गंवा देते हैं। सड़क सुरक्षा रिपोर्ट के मुताबिक, झारखंड में हर महीने औसतन 250 से 300 सड़क दुर्घटनाएं होती हैं, जिनमें करीब 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो जाती है।
धातकीडीह गांव में पहले भी हो चुके हैं हादसे
धातकीडीह गांव के इस सड़क पर पहले भी कई जानलेवा हादसे हो चुके हैं। स्थानीय लोगों के मुताबिक, सड़क पर स्पीड ब्रेकर नहीं होने और अंधेरे की वजह से यहां अक्सर दुर्घटनाएं होती हैं। प्रशासन से कई बार सड़क सुरक्षा उपायों की मांग की गई, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
अब सवाल यह कि कौन जिम्मेदार?
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क्या प्रशासन की लापरवाही इस मौत की जिम्मेदार नहीं?
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क्या सड़क पर स्पीड ब्रेकर होते तो टोमा मुर्मू की जान बच सकती थी?
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आखिर कब तक झारखंड में तेज रफ्तार वाहन यूं ही निर्दोष लोगों की जान लेते रहेंगे?
आखिरी सवाल – बेटी की शादी होगी या नहीं?
अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या परिवार इस सदमे से उबर पाएगा? क्या बेटी की शादी होगी? फिलहाल परिजन सदमे में हैं और कोई निर्णय नहीं ले पा रहे हैं। गांव वालों का कहना है कि यह हादसा पूरी बिरादरी के लिए दुखद घड़ी है।
पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंपा गया शव
पुलिस ने मृतक के शव को पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया है। कांड्रा थाना प्रभारी ने बताया कि मामला दर्ज कर लिया गया है और अज्ञात वाहन की तलाश की जा रही है।
आखिरी शब्द
टोमा मुर्मू की यह दुखद मौत झारखंड में बढ़ते सड़क हादसों का एक और काला अध्याय बन गई। सवाल यह नहीं कि हादसा कैसे हुआ, बल्कि सवाल यह है कि ऐसे हादसे कब रुकेंगे? प्रशासन और सरकार को चाहिए कि इस मामले को गंभीरता से लें और सड़क सुरक्षा को लेकर ठोस कदम उठाएं, ताकि आगे किसी बेटी का पिता यूं दर्दनाक मौत का शिकार न बने।
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