Baharagora Elephant: नवोदय विद्यालय में घुसा जंगली हाथी, छात्रों में मचा हड़कंप!
बहरागोड़ा के नवोदय विद्यालय में मंगलवार रात एक जंगली हाथी के घुसने से मचा हड़कंप। वन विभाग ने मशक्कत के बाद हाथी को खदेड़ा। जानें पूरी खबर।

बहरागोड़ा: कल्पना कीजिए, आप गहरी नींद में सोए हैं और अचानक ज़मीन हिलने जैसी आवाज़ सुनाई देती है। अंधेरे में एक विशाल काया आपकी ओर बढ़ रही हो—ऐसा ही कुछ मंगलवार रात झारखंड के बहरागोड़ा स्थित जवाहर नवोदय विद्यालय में हुआ, जब एक जंगली हाथी दीवार फांदकर परिसर में घुस आया!
रातभर परिसर में घूमता रहा हाथी!
रात के अंधेरे में जब ज्यादातर लोग नींद में थे, तभी यह विशालकाय हाथी चारदीवारी पार कर स्कूल परिसर में घुस आया। हाथी ने परिसर में लगे केले, आम और अन्य फलदार पेड़ों को चट कर दिया और स्कूल के भवन के आसपास भोजन की तलाश में भटकता रहा।
हाथी को देख सुरक्षाकर्मियों के होश उड़ गए। उन्होंने पहले इसे भगाने की कोशिश की, लेकिन हाथी बेपरवाह होकर इधर-उधर घूमता रहा। छात्रों को खतरे से बचाने के लिए प्रशासन ने हॉस्टल की सभी खिड़कियां और दरवाजे बंद कर दिए।
छात्रों में दहशत, अफरातफरी का माहौल!
इस घटना के दौरान स्कूल में रहने वाले छात्रों में भय का माहौल बन गया। कई छात्र हाथी को देखकर डर गए और अपनी खिड़कियों से इसे ताकते रहे। कुछ छात्रों ने तुरंत अपने माता-पिता को फोन कर दिया, जिससे उनके परिवारों में भी घबराहट फैल गई।
स्कूल के प्राचार्य जनार्दन सिंह ने वन विभाग को सूचना दी, जिसके बाद अधिकारी मौके पर पहुंचे और हाथी को भगाने की कोशिश शुरू की।
वन विभाग ने ऐसे भगाया हाथी!
वन विभाग की टीम के पहुंचने के बाद हाथी को भगाने के लिए पटाखे फोड़े गए और मशालों का इस्तेमाल किया गया। करीब दो घंटे की मशक्कत के बाद हाथी जंगल की ओर लौट गया। गनीमत रही कि किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचा और सभी छात्र एवं स्टाफ सुरक्षित रहे।
झारखंड में हाथियों का बढ़ता आतंक!
झारखंड का बहरागोड़ा क्षेत्र जंगलों से घिरा हुआ है, जहां हाथियों की आवाजाही आम बात हो गई है। विशेषज्ञों के मुताबिक, जंगलों की कटाई और तेजी से बढ़ते शहरीकरण के कारण हाथी अब भोजन की तलाश में गांवों और शहरों में घुसने लगे हैं।
झारखंड में बीते पांच वर्षों में 300 से अधिक घटनाएं दर्ज हुई हैं, जिनमें हाथियों ने कई घर तोड़े, फसलों को नष्ट किया और कुछ मामलों में लोगों की जान तक चली गई।
क्या प्रशासन कोई कदम उठाएगा?
इस घटना के बाद यह सवाल उठता है कि क्या स्कूल और अन्य सार्वजनिक स्थानों की सुरक्षा बढ़ाई जाएगी? वन विभाग ने कहा है कि वे हाथियों के मूवमेंट पर नज़र रख रहे हैं और स्थानीय लोगों को सचेत किया गया है कि वे रात में घर के बाहर न सोएं और रोशनी का उपयोग करें ताकि हाथी पास न आएं।
आगे क्या?
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क्या प्रशासन नवोदय विद्यालय के आसपास सुरक्षा के इंतज़ाम करेगा?
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क्या हाथियों को रोकने के लिए कोई ठोस समाधान निकाला जाएगा?
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क्या यह संघर्ष इंसानों और हाथियों के लिए बड़ा खतरा बनता जा रहा है?
इस घटना ने एक बार फिर इंसानों और वन्यजीवों के संघर्ष को उजागर कर दिया है। सरकार और वन विभाग को मिलकर ऐसा हल निकालना होगा, जिससे न हाथियों को नुकसान पहुंचे और न ही इंसानों की जान खतरे में पड़े।
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