Jharkhand Reorganization: झारखंड विधानसभा की 25 समितियों का हुआ पुनर्गठन, जानें किसे मिली कौन-सी जिम्मेदारी
झारखंड विधानसभा अध्यक्ष ने 25 समितियों का पुनर्गठन किया। जानें महिला एवं बाल विकास, लोकलेखा और अन्य प्रमुख समितियों के नए अध्यक्षों के नाम और उनकी जिम्मेदारियां।
झारखंड, पुनर्गठन: झारखंड विधानसभा के अध्यक्ष रबींद्रनाथ महतो ने विधानसभा की 25 समितियों का पुनर्गठन किया है। इसके तहत सभापति और सदस्यों के नामों की अधिसूचना जारी की गई है। इस पुनर्गठन में महिला और बाल विकास, लोकलेखा, पर्यावरण, आंतरिक संसाधन जैसे अहम समितियों को नए अध्यक्ष मिले हैं।
पुनर्गठन की जरूरत क्यों?
झारखंड विधानसभा की समितियों का समय-समय पर पुनर्गठन किया जाता है ताकि कार्यों में नई ऊर्जा और दिशा मिल सके। इससे विधायकों को अपनी भूमिका को प्रभावी तरीके से निभाने का अवसर मिलता है।
महिला एवं बाल विकास समिति की कमान कल्पना सोरेन को
गांडेय की झामुमो विधायक कल्पना सोरेन को महिला एवं बाल विकास समिति का सभापति बनाया गया है। झारखंड में महिलाओं और बच्चों के विकास को लेकर यह समिति अहम भूमिका निभाती है। कल्पना सोरेन के नेतृत्व में इस समिति से कई सकारात्मक बदलावों की उम्मीद की जा रही है।
लोकलेखा समिति की जिम्मेदारी भाजपा विधायक मनोज कुमार यादव को
बरही के भाजपा विधायक मनोज कुमार यादव को लोकलेखा समिति का सभापति नियुक्त किया गया है। यह समिति राज्य के वित्तीय प्रबंधन और सरकारी खर्चों पर नजर रखती है।
प्रमुख समितियों में हुए अहम बदलाव
विधानसभा अध्यक्ष रबींद्रनाथ महतो स्वयं विशेषाधिकार समिति, नियम समिति और याचिका समिति के सभापति होंगे। इनके अलावा अन्य समितियों के नए अध्यक्ष और उनके कार्यक्षेत्र इस प्रकार हैं:
- सामान्य प्रयोजन समिति: सत्येंद्र नाथ तिवारी (भाजपा, गढ़वा)
- प्राक्कलन समिति: हेमलाल मुर्मू (झामुमो, लिट्टीपाड़ा)
- सरकारी उपक्रम समिति: निरल पूर्ति (झामुमो, मझगांव)
- सरकारी आश्वासन समिति: अरूप चटर्जी (माले, निरसा)
- प्रश्न एवं ध्यानाकर्षण समिति: बसंत सोरेन (झामुमो, दुमका)
पर्यावरण और प्रदूषण नियंत्रण पर जोर
पर्यावरण एवं प्रदूषण नियंत्रण समिति की जिम्मेदारी सारठ से झामुमो विधायक उदयशंकर सिंह को सौंपी गई है। झारखंड के बढ़ते प्रदूषण और पर्यावरणीय चुनौतियों के समाधान के लिए यह समिति महत्वपूर्ण होगी।
अन्य अहम समितियां और उनके नए अध्यक्ष
- अनुसूचित जाति, जनजाति, अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण समिति: स्टीफन मरांडी (महेशपुर)
- युवा कल्याण, संस्कृति एवं पर्यटन विकास समिति: सविता महतो (ईचागढ़, झामुमो)
- खाद्य, सार्वजनिक वितरण एवं उपभोक्ता मामले समिति: विकास मुंडा (तमाड़, झामुमो)
- प्रत्यायुक्त समिति: सरयू राय (जमशेदपुर पश्चिम, जदयू)
समितियों का ऐतिहासिक महत्व
विधानसभा समितियां हमेशा से शासन और जनता के बीच सेतु का कार्य करती आई हैं। इन समितियों के माध्यम से विधायक नीतियों और योजनाओं की समीक्षा करते हैं, जिससे सरकारी तंत्र अधिक जवाबदेह बनता है।
क्या बदलाव लाएगा यह पुनर्गठन?
इस पुनर्गठन से झारखंड विधानसभा में कार्यों की प्रभावशीलता बढ़ाने की उम्मीद है। नई समितियों के अध्यक्ष और सदस्य अपने क्षेत्रों में प्रभावशाली निर्णय लेकर राज्य के विकास में योगदान देंगे।
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