Chakulia Chaos: चाकुलिया में जंगली हाथियों का आतंक, गोदाम से लेकर घर तक मचाई तबाही
चाकुलिया में जंगली हाथियों के उत्पात से दहशत का माहौल। एफसीआई गोदाम और गांवों में मचाई तबाही। जानें इस समस्या का इतिहास और समाधान।
चाकुलिया, आतंक: चाकुलिया में जंगली हाथियों के उत्पात से लोग दहशत में हैं। बीते कुछ दिनों से एक हाथी, जो अपने झुंड से बिछड़ गया है, इलाके में घूम रहा है और अनाज गोदामों से लेकर घरों तक को निशाना बना रहा है। इस घटना ने स्थानीय लोगों के साथ-साथ वन विभाग को भी सतर्क कर दिया है।
एफसीआई गोदाम में हाथी का घुसपैठ
शुक्रवार की रात जंगली हाथी ने चाकुलिया के एफसीआई गोदाम में घुसकर काफी तबाही मचाई। हाथी ने गोदाम के शटर तोड़ दिए और अनाज खा लिया। यही नहीं, गोदाम परिसर में खड़े ट्रक का तिरपाल फाड़कर उसमें रखा अनाज भी खा गया। रात्रि प्रहरी ने पटाखों का उपयोग कर किसी तरह हाथी को वहां से खदेड़ा।
दक्षिणशोल गांव में घरों पर हमला
इस दौरान, सरडीहा पंचायत के दक्षिणशोल गांव में भी हाथी ने कहर बरपाया। उसने बुद्धिनाथ मांडी और जगत मांडी के घरों को क्षतिग्रस्त कर दिया और घर में रखा धान और चावल खा गया। खगेंद्र मांडी के घर को भी इस हाथी ने नुकसान पहुंचाया।
झाड़ग्राम में स्थिति गंभीर
चाकुलिया से सटे पश्चिम बंगाल के झाड़ग्राम क्षेत्र में भी हाथियों का आतंक बना हुआ है। हालांकि यहां हालात और अधिक चिंताजनक हो गए हैं। स्थानीय निवासियों को जंगली हाथियों के कारण घर से बाहर निकलने में डर लग रहा है।
हाथियों का इतिहास और वर्तमान परिदृश्य
झारखंड और पश्चिम बंगाल के जंगलों में हाथियों की मौजूदगी सदियों पुरानी है। पहले ये जंगल इन हाथियों का घर थे, लेकिन जंगलों की कटाई और मानव हस्तक्षेप के कारण इनके प्राकृतिक आवास सिमट गए। आज हाथी भोजन और पानी की तलाश में गांवों और शहरों की ओर रुख कर रहे हैं।
स्थानीय निवासियों की परेशानी
चाकुलिया के लोगों का कहना है कि हाथियों का यह उत्पात पहली बार नहीं है। वन विभाग को इस समस्या के समाधान के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए। क्षेत्रीय अधिकारी इस दिशा में काम कर रहे हैं, लेकिन स्थायी समाधान अभी भी दूर है।
क्या हो सकता है समाधान?
वन्यजीव विशेषज्ञों का मानना है कि हाथियों के प्राकृतिक आवास को सुरक्षित रखना और भोजन के लिए वैकल्पिक व्यवस्था करना इस समस्या का दीर्घकालिक समाधान हो सकता है। साथ ही, हाथियों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए ट्रैकिंग डिवाइस का उपयोग और जागरूकता अभियान चलाना भी जरूरी है।
सरकार और वन विभाग की भूमिका
झारखंड और पश्चिम बंगाल सरकार को हाथियों के इस आतंक को रोकने के लिए संयुक्त प्रयास करने की जरूरत है। वन विभाग को वन्यजीवों की सुरक्षा के साथ-साथ स्थानीय निवासियों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी होगी।
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