Hata Theft: पोटका में हथियारबंद चोरों ने विद्युत सब-स्टेशन से लाखों की कॉपर कॉयल की चोरी

हाता विद्युत सब स्टेशन में हथियारों के बल पर 18 लाख की कॉपर क्वायल चोरी ने इलाके में सनसनी फैला दी। प्रशासन पर उठे सवाल, जानें पूरी खबर।

Jan 19, 2025 - 09:32
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Hata Theft: पोटका में हथियारबंद चोरों ने विद्युत सब-स्टेशन से लाखों की कॉपर कॉयल की चोरी
Hata Theft: पोटका में हथियारबंद चोरों ने विद्युत सब-स्टेशन से लाखों की कॉपर कॉयल की चोरी

पोटका: पोटका थाना क्षेत्र के हाता में स्थित विद्युत सब स्टेशन में हुई चोरी की घटना ने इलाके में सनसनी फैला दी है। अज्ञात चोरों ने शनिवार रात हथियारों के बल पर विद्युत विभाग के कर्मियों को बंधक बनाकर लाखों रुपये की कॉपर क्वायल चुरा ली। इस दुस्साहसिक घटना ने न केवल स्थानीय प्रशासन बल्कि पूरे क्षेत्र को चौंका दिया है।

कैसे हुई चोरी की वारदात?

शनिवार रात करीब 11 बजे, सब स्टेशन के एसबीओ सोनू कुंकल और लाइनमैन नयन माल ड्यूटी पर तैनात थे। बिजली गुल होने पर जब वे फीडर का निरीक्षण करने बाहर निकले, तभी पहले से घात लगाए बैठे 10-12 सशस्त्र अपराधियों ने उन्हें बंधक बना लिया। चोरों ने दोनों कर्मियों के मोबाइल छीनकर उन्हें एक कमरे में बंद कर दिया। इसके बाद चोरों ने गैस कटर की मदद से सब स्टेशन में पड़े 5 एमवीए ट्रांसफार्मर को काटकर उसमें से कीमती कॉपर क्वायल निकाल ली।

कर्मचारियों ने कैसे दी जानकारी?

सुबह ड्यूटी पर पहुंचे लाइनमैन जग्गा सरदार ने 5:30 बजे जब स्विच रूम का दरवाजा खोला, तो दोनों कर्मचारियों को बंधक स्थिति में पाया। उन्होंने तत्काल विभाग के अन्य कर्मियों और पोटका पुलिस को मामले की सूचना दी।

कॉपर क्वायल की कीमत और चोरी की प्रक्रिया

चोरी हुए ट्रांसफार्मर में लगभग 18 लाख रुपये मूल्य की कॉपर क्वायल थी। चोरों ने दीवार फांदकर सब स्टेशन में घुसने के बाद गैस कटर से ट्रांसफार्मर को काटा। इस प्रक्रिया में पूरी रात लग गई। इस दौरान, कर्मियों को बंधक बनाकर रखा गया।

क्या है कॉपर क्वायल और क्यों है महत्त्वपूर्ण?

ट्रांसफार्मर में उपयोग की जाने वाली कॉपर क्वायल विद्युत प्रवाह के लिए बेहद अहम होती है। उच्च गुणवत्ता के कारण इसका बाजार मूल्य भी काफी अधिक है। बिजली आपूर्ति के लिए आवश्यक यह क्वायल चोरों के निशाने पर इसलिए होती है क्योंकि इसे आसानी से बेचकर बड़ी रकम हासिल की जा सकती है।

क्या कहती है पोटका की विद्युत व्यवस्था का इतिहास?

झारखंड में बिजली की आपूर्ति और उसकी सुरक्षा लंबे समय से चिंता का विषय रही है। 2000 में राज्य गठन के बाद से ही झारखंड बिजली बोर्ड की कई इकाइयों में सुरक्षा की कमी देखी गई है। पोटका जैसे ग्रामीण क्षेत्रों में, जहां विद्युत सब स्टेशनों की संख्या सीमित है, इस तरह की घटनाएं व्यवस्थागत खामियों को उजागर करती हैं।

पुलिस और प्रशासन की प्रतिक्रिया

घटना की जानकारी मिलते ही पोटका पुलिस सक्रिय हो गई। सब स्टेशन की बाउंड्री, गार्ड्स की अनुपस्थिति और सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाए जा रहे हैं। पुलिस ने आश्वासन दिया है कि अपराधियों को जल्द गिरफ्तार किया जाएगा।

स्थानीय जनता की राय

स्थानीय नागरिकों ने घटना पर आक्रोश जताया है। सब स्टेशन की सुरक्षा को लेकर लंबे समय से सवाल उठाए जा रहे थे, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। जनता का कहना है कि अगर समय रहते सब स्टेशन की सुरक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ किया जाता, तो यह घटना टाली जा सकती थी।

भविष्य में सुरक्षा के उपाय

इस घटना के बाद, प्रशासन और विद्युत विभाग को सब स्टेशनों की सुरक्षा को लेकर ठोस कदम उठाने की जरूरत है। सीसीटीवी कैमरे, सुरक्षा गार्ड्स और आधुनिक उपकरणों का उपयोग इस तरह की घटनाओं को रोकने में मददगार साबित हो सकता है।

हाता विद्युत सब स्टेशन में हुई चोरी की यह घटना सिर्फ आर्थिक नुकसान का मामला नहीं है, बल्कि यह बिजली आपूर्ति और प्रशासनिक ढांचे पर भी सवाल खड़ा करती है। इसे रोकने के लिए ठोस कदम उठाना अब बेहद जरूरी हो गया है।

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।