Saraikela Murder Mystery: बीरबल सरदार की गिरफ्तारी से खुला सनसनीखेज सच, जमीन की रंजिश में मारी गई जान
सरायकेला में पारा शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष सोनू सरदार की हत्या के मामले में बीरबल सरदार और रवि महतो की गिरफ्तारी से खुलासा, जानें क्या था हत्या का असली कारण।
Saraikela Murder Mystery: बीरबल सरदार की गिरफ्तारी से खुला सनसनीखेज सच, जमीन की रंजिश में मारी गई जान
सरायकेला जिले में एक हत्या कांड ने क्षेत्रीय पुलिस को सरगर्मी में डाल दिया था। पारा शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष और मुखिया पति सोनू सरदार की हत्या के बाद पुलिस ने मुख्य साजिशकर्ता बीरबल सरदार को नीमडीह रेलवे स्टेशन के पास से गिरफ्तार कर एक बड़ा खुलासा किया। इस गिरफ्तारी ने न केवल हत्या की असली वजह का पर्दाफाश किया, बल्कि एक और आरोपी रवि महतो उर्फ कोका की भी गिरफ्तारी को सुनिश्चित किया।
क्या था हत्या का कारण?
एसपी मुकेश कुमार लुणायत ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बताया कि इस हत्या की मुख्य वजह भूमि विवाद था। बीरबल सरदार, जो कि सोनू सरदार के पुराने साथी थे, ने बताया कि दोनों ने मिलकर डोबो में एक ज़मीन बेची थी, लेकिन सोनू ने उस पर कमाए पैसे का हिसाब नहीं दिया। यही विवाद था, जिसके कारण बीरबल ने सोनू को मारने की साजिश रच डाली।
13 दिसंबर की दुखद घटना
13 दिसंबर को गंजिया निवासी विश्वजीत नायक के बेटे के मुंहजुट्ठी समारोह से लौटते समय सोनू सरदार की हत्या कर दी गई थी। बड़डीह स्थित स्कूल में यह घटना घटी, जहां सोनू सरदार पढ़ाते थे। जैसे ही सोनू स्कूल परिसर में पहुंचे, उन पर अज्ञात हमलावरों ने गोलियां दाग दीं, जिससे उनकी मौत हो गई। अपराधी घटनास्थल से फरार हो गए थे।
गिरफ्तारी और न्याय की ओर एक कदम
एसपी ने बताया कि एक अन्य आरोपी, रायबासा निवासी लखीचरण नायक ने पुलिस की लगातार दबिश के बाद आत्मसमर्पण कर दिया था। उसे रिमांड पर लेकर पूछताछ की गई और बाद में उसे न्यायालय में पेश किया गया। साथ ही, घटना में शामिल अन्य पांच अपराधियों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका था। इनमें आशीष गोराई, विश्वजीत नायक, अनिल सरदार, आनंद दास और सूरज मार्डी शामिल हैं।
क्या होगा अगला कदम?
एसपी ने कहा कि पुलिस के पास हत्या के मामले में पर्याप्त साक्ष्य मौजूद हैं। अदालत में इन साक्ष्यों को पेश कर मामले को स्पीडी ट्रायल में चलाने का आग्रह किया जाएगा, ताकि आरोपियों को कड़ी सजा दिलाई जा सके।
बीरबल सरदार का आपराधिक इतिहास
बीरबल सरदार का आपराधिक इतिहास भी काफी गंभीर रहा है। 2009 में गम्हरिया थाना में उस पर हत्या और साक्ष्य छिपाने का मामला दर्ज हुआ था, जिसमें सोनू सरदार ने ही उसे बेल दिलवाकर जेल से बाहर निकाला था। इस घटना के बाद बीरबल सरदार बड़डीह में ही रहता था। उसकी गिरफ्तारी ने पुलिस के लिए एक बड़ी सफलता साबित हुई।
पुलिस की छापेमारी और कार्रवाई
पुलिस ने इस मामले में बड़ी कार्रवाई की। एसडीपीओ समीर कुमार सावैयां, थाना प्रभारी नीमडीह संतन कुमार तिवारी, आइओ सुनील कुमार सिंह, धीरंजन कुमार, विपुल कुमार ओझा सहित अन्य पुलिसकर्मियों ने मिलकर इस मामले का खुलासा किया।
यह हत्याकांड न केवल एक भूमि विवाद से जुड़ा था, बल्कि इससे जुड़ी साजिश और अपराधियों के आपराधिक इतिहास ने इस मामले को और भी जटिल बना दिया। पुलिस की कार्रवाई और जांच के बाद अब मामला अदालत में है, जहां जल्द ही ट्रायल होगा और आरोपियों को सजा दिलाई जाएगी। इस मामले ने यह भी साबित किया कि किसी भी अपराध को छिपाने के लिए किए गए प्रयास अंततः पुलिस की पकड़ से बच नहीं सकते।