Chakulia Wild Elephants : हाथियों का उत्पात बढ़ा, गौशाला और फैक्ट्री में भारी नुकसान!
चाकुलिया में जंगली हाथियों का उत्पात बढ़ा, गौशाला और साबुन फैक्ट्री में भारी नुकसान। ग्रामीण क्षेत्रों में दहशत, वन विभाग की सक्रियता बढ़ी।
चाकुलिया/ईस्ट सिंहभूम : एक बार फिर से चाकुलिया क्षेत्र में जंगली हाथियों का उत्पात बढ़ गया है। पिछले एक सप्ताह से हाथियों के झुंड और अकेले हाथी इस इलाके में भारी नुकसान पहुंचा रहे हैं। इस बार के हमले में चाकुलिया के नया बाजार स्थित गौशाला और आसपास की फैक्ट्रियों को भी नुकसान हुआ है। हाथियों ने गौशाला की दीवार को तोड़कर उसमें घुसकर करीब चार एकड़ में लगी सब्जियों की फसल को रौंद डाला। इससे लगभग 60-70 हजार रुपये का नुकसान हुआ है।
जंगली हाथियों का कहर: गौशाला और फैक्ट्री को नुकसान
झुंड से बिछड़े दो हाथी शाम होते ही नया बाजार गौशाला में घुस गए। जहां उन्होंने फूलगोभी, बंधा गोभी, और ब्रॉकली की फसल को तहस-नहस कर दिया। गौशाला के कर्मियों ने बताया कि हाथियों के हमले से फसल को भारी नुकसान हुआ है, और इस नुकसान की कीमत लगभग 60-70 हजार रुपये के आसपास बताई जा रही है।
लेकिन हाथी यहीं नहीं रुके। गौशाला से निकल कर वे बालाजी साबुन फैक्ट्री में घुस गए। फैक्ट्री में रातभर उत्पात मचाने के बाद हाथियों ने वहां की दीवारों को भी तोड़ डाला। फैक्ट्री में हुए इस नुकसान ने स्थानीय निवासियों को भयभीत कर दिया है, क्योंकि यह पहला मौका नहीं था जब हाथियों ने इस क्षेत्र में तबाही मचाई है।
हाथियों का झुंड और ग्रामीणों में दहशत
चाकुलिया में जंगली हाथियों का उत्पात सिर्फ गौशाला और फैक्ट्रियों तक सीमित नहीं रहा। इस क्षेत्र में एक और झुंड, जिसमें करीब छह हाथी शामिल हैं, सुनसुनिया, भालूकबिंदा, कलियाम, और मौरबेड़ा क्षेत्र में विचरण कर रहा है। इन हाथियों के कारण कई गांवों के लोग दहशत में हैं।
हाथी के बच्चे की मौत ने हाथियों को उग्र बना दिया
5 जनवरी 2025 को गालूडीह थाना क्षेत्र के डुमकाकोचा गांव में एक हाथी के बच्चे की बेहोशी के बाद मौत हो गई, जिसके बाद हाथियों का झुंड उग्र हो गया। यह हाथी का बच्चा पुलिया के पास बेहोश होकर गिरा था, और इसकी मौत के बाद जंगली हाथियों का झुंड उस क्षेत्र में घूम रहा है। स्थानीय लोग इस झुंड से अत्यधिक डर रहे हैं, क्योंकि हाथी के मरने के बाद उसका झुंड कई दिन तक क्षेत्र में आता है।
ग्रामीणों की रातों की नींद उड़ गई
डुमकाकोचा, मिर्गीटांड़, ईटामाड़ा और टिकरी जैसे गांवों में भय का माहौल है। लोग रातभर जागकर हाथियों से बचने के उपाय खोज रहे हैं। ग्रामीणों ने बताया कि वे अब अपने रास्तों का चयन सावधानी से कर रहे हैं और हाथियों के झुंड से बचने के लिए अलर्ट रहते हैं।
वन विभाग की कार्रवाई: ग्रामीणों के साथ अभियान
वन विभाग हाथियों को जंगलों में वापस भेजने के लिए लगातार अभियान चला रहा है। हालांकि, हाथियों की बढ़ती संख्या और उनकी गतिविधियों ने ग्रामीणों की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ा दी है। वन विभाग और स्थानीय प्रशासन हाथियों से बचने के उपायों को लेकर ग्रामीणों को जागरूक कर रहे हैं और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कदम उठा रहे हैं।
What's Your Reaction?