Jamshedpur Picnic: संत नंदलाल स्मृति विद्या मंदिर के बच्चों ने मस्ती और सीख का अनोखा संगम किया
जमशेदपुर के संत नंदलाल स्मृति विद्या मंदिर के प्री-प्राइमरी बच्चों ने शिवदास चिल्ड्रन पार्क और मुक्ता धारा रिसॉर्ट में पिकनिक का आनंद उठाया। जानें इस रोमांचक अनुभव की खास बातें।
संत नंदलाल स्मृति विद्या मंदिर ने अपने प्री-प्राइमरी और कक्षा तृतीय तक के छात्रों के लिए एक अनोखी पिकनिक का आयोजन किया। इस पिकनिक ने बच्चों को मनोरंजन के साथ-साथ सामाजिक और शैक्षणिक विकास का एक अनमोल अवसर प्रदान किया। शिवदास चिल्ड्रन पार्क और मुक्ता धारा रिसॉर्ट में बच्चों ने न केवल मस्ती की, बल्कि बहुत कुछ नया भी सीखा।
पिकनिक की शुरुआत: उत्साह और उमंग का सफर
पिकनिक का शुभारंभ सुबह 8:30 बजे विद्यालय से हुआ। बच्चों ने शिक्षकों और सहायकों के साथ बस में बैठकर अपने रोमांचक सफर की शुरुआत की। यात्रा के दौरान बच्चों ने गीत गाए, हंसी-मजाक किया और इस छोटी सी यात्रा को भी एक यादगार अनुभव में बदल दिया।
शिवदास चिल्ड्रन पार्क में खेल और सीख का मजा
शिवदास चिल्ड्रन पार्क पहुँचने पर छोटे बच्चों ने झूलों, स्लाइड और अन्य खेल उपकरणों पर मस्ती की। बच्चों ने अपनी ऊर्जा और रचनात्मकता को खेल-कूद में झोंक दिया।
- मजेदार खेल: शिक्षकों ने बच्चों के साथ दौड़ और गेंद के खेल जैसे छोटे-छोटे खेल आयोजित किए।
- सामूहिक सहभागिता: बच्चों ने मिल-जुलकर खेलने के साथ-साथ टीम वर्क और सहयोग का महत्व समझा।
यह अनुभव न केवल उनके मनोरंजन का हिस्सा बना, बल्कि उनके व्यक्तित्व विकास में भी सहायक सिद्ध हुआ।
मुक्ता धारा रिसॉर्ट: प्रकृति के करीब बच्चों का अद्भुत अनुभव
कक्षा प्रथम से तृतीय तक के बच्चों के लिए मुक्ता धारा रिसॉर्ट एक और आकर्षण का केंद्र रहा।
- प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद: हरियाली और खुली जगहों में बच्चों ने प्रकृति की अद्भुत छटा का आनंद लिया।
- स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण का पाठ: शिक्षकों ने बच्चों को स्वच्छता का महत्व और प्रकृति की देखभाल के लिए जागरूक किया।
- खेल-कूद और गतिविधियां: बच्चों ने रिसॉर्ट में खेलकूद और गतिविधियों में हिस्सा लिया, जो उनके लिए बेहद रोमांचक था।
स्वादिष्ट भोजन और खुशियों की बौछार
पिकनिक के दौरान बच्चों के लिए स्वादिष्ट भोजन का भी इंतजाम किया गया।
- फलों का आनंद: बच्चों ने ताजे फलों और स्वादिष्ट पकवानों का लुत्फ उठाया।
- साझा अनुभव: एक साथ बैठकर भोजन करने का यह पल बच्चों के लिए खास बन गया।
इतिहास में स्कूल पिकनिक का महत्व
भारत में स्कूल पिकनिक का इतिहास लंबे समय से बच्चों के सर्वांगीण विकास का हिस्सा रहा है।
- आधुनिक युग में: स्कूल पिकनिक बच्चों को कक्षा से बाहर निकालकर सामाजिक और व्यावहारिक अनुभव देने का एक महत्वपूर्ण साधन बन गया है।
- पारंपरिक मान्यता: पारंपरिक रूप से, भारतीय विद्यालयों में ऐसी गतिविधियाँ बच्चों में आपसी संबंध मजबूत करने और टीम वर्क को बढ़ावा देने के लिए आयोजित की जाती रही हैं।
संत नंदलाल स्मृति विद्या मंदिर का उद्देश्य
इस पिकनिक का मुख्य उद्देश्य बच्चों को शिक्षा के साथ-साथ मनोरंजन का मौका देना था। विद्यालय के शिक्षकों ने बच्चों को जीवन के छोटे-छोटे पाठ सिखाए, जो उनके व्यक्तित्व निर्माण में मदद करेंगे।
पिकनिक का समापन: यादगार अनुभव
दोपहर 1:00 बजे सभी बच्चे स्कूल लौटे। उनकी मुस्कान और उत्साह इस बात का सबूत था कि पिकनिक पूरी तरह से सफल रही। यह अनुभव न केवल मनोरंजन का अवसर बना, बल्कि बच्चों के लिए एक यादगार पल भी साबित हुआ।
संत नंदलाल स्मृति विद्या मंदिर की यह पिकनिक बच्चों के लिए मनोरंजन और सीख का अनोखा संगम थी। बच्चों की खुशी और उनके सीखने की ललक ने इस आयोजन को न केवल खास बनाया, बल्कि इसे सभी के लिए एक प्रेरणा भी बना दिया।
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