संदीप मुरारका ने कहा: "दोमुहानी संगम द्वार बना जमशेदपुर की पहचान, खुले रोजगार के नए रास्ते
संदीप मुरारका ने दोमुहानी संगम द्वार के उद्घाटन पर मंत्री बन्ना गुप्ता की सराहना की। यह द्वार जमशेदपुर को नई पहचान देगा और रोजगार के अवसर बढ़ाएगा।
जमशेदपुर, 6 अक्टूबर: झारखंड प्रादेशिक अग्रवाल सम्मेलन के प्रदेश अध्यक्ष संदीप मुरारका ने दोमुहानी संगम द्वार के उद्घाटन पर मंत्री बन्ना गुप्ता को बधाई दी। उन्होंने कहा कि इस द्वार के विकास का पहला चरण पूरा हो गया है। यह द्वार जमशेदपुर की जनता के लिए एक यादगार उपहार है। इसके साथ ही, यह द्वार रोजगार और पर्यटन की कई नई संभावनाओं को भी खोलेगा।
संदीप मुरारका ने कहा कि आमतौर पर विधायकों की प्राथमिकताएं सड़क, नाली, सामुदायिक भवन और अन्य जरूरी सेवाओं तक सीमित रहती हैं। देश में लगभग 4123 विधायक हैं, लेकिन इनमें से बहुत कम विधायक अपने पांच साल के कार्यकाल में कोई यादगार काम कर पाते हैं। परंतु, जमशेदपुर पश्चिमी के विधायक बन्ना गुप्ता ने "दोमुहानी संगम द्वार" का निर्माण करके एक ऐतिहासिक काम किया है।
दोमुहानी संगम का महत्व
दोमुहानी संगम, जमशेदपुर के सोनारी इलाके में, स्वर्णरेखा और खरकाई नदियों का संगम है। यह स्थान प्राचीन टुसु और छठ पूजा जैसे धार्मिक आयोजनों के लिए प्रसिद्ध है। साथ ही, यह जगह शहरवासियों के लिए एक शांति और सुकून से भरी सुबह-शाम की सैर का केंद्र भी है।
अब, बन्ना गुप्ता की दूरदर्शी सोच के कारण, यहां एक आकर्षक द्वार का निर्माण हुआ है। यह द्वार आने वाले समय में इस स्थान को राज्य स्तर पर एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करेगा। इसके साथ ही, यह स्थान स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के कई नए अवसर भी लाएगा।
भविष्य की योजनाएं
बन्ना गुप्ता की योजना है कि इस संगम स्थल पर और भी सुंदर उद्यान और पार्किंग स्थल बनाए जाएं। यहां एक फूड कोर्ट विकसित करने की भी योजना है। इसके अलावा, शाम के समय विश्व स्तरीय फाउंटेन शो का भी आयोजन होगा। यहां लगभग दो किलोमीटर के क्षेत्र में फव्वारे लगाए जाएंगे।
इस द्वार का उपयोग फिल्म शूटिंग और ओपन थिएटर जैसी गतिविधियों के लिए भी किया जा सकेगा। इसके लिए विभिन्न थीम वाले मंचों का निर्माण होगा। साथ ही, झारखंड के ऐतिहासिक और धार्मिक स्थलों की प्रतिकृतियां भी सड़कों के किनारे स्थापित की जाएंगी।
स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार
यह द्वार स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के नए साधन भी प्रदान करेगा। यहां हस्तनिर्मित वस्तुएं, हस्तशिल्प और स्थानीय कलाओं को प्रदर्शित करने के अवसर मिलेंगे। बन्ना गुप्ता का लक्ष्य है कि जमशेदपुर के लोग साल भर इस संगम से जुड़े रहें।
संदीप मुरारका की सराहना
संदीप मुरारका ने इस द्वार के निर्माण से जुड़े सभी कर्मचारियों, एजेंसियों और मजदूरों को भी बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह द्वार जमशेदपुर की एक अमूर्त धरोहर बनेगा और शहर की पहचान को नए आयाम देगा।
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