Ranchi Attack: थाने में घुसकर सिपाही को पीटा, मां से मारपीट, गोली मारने की धमकी
रांची के डोरंडा थाने में युवक ने पुलिसकर्मी पर हमला किया और गोली मारने की धमकी दी। आरोपी ने अपनी मां से भी मारपीट की। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेजा।
रांची। डोरंडा थाने में सोमवार शाम एक युवक की दबंगई का ऐसा मामला सामने आया जिसने सभी को चौंका दिया। आरोपी अमान अहमद खान ने न केवल अपनी मां रूही खानम को गाली-गलौज की, बल्कि पुलिसकर्मी से मारपीट करते हुए गोली मारने की धमकी दी। यह घटना तब घटी, जब उसकी मां शिकायत लेकर थाने पहुंची थी।
घटना का पूरा विवरण
डोरंडा के अरविंदो नगर निवासी रूही खानम अपने बेटे अमान अहमद खान के खिलाफ मारपीट और धमकी की शिकायत दर्ज कराने सोमवार को थाने पहुंचीं। शाम करीब 4 बजे अमान अचानक थाने आ धमका और सरिस्ता (पुलिस कार्यालय) में घुसकर मां से दुर्व्यवहार करने लगा।
आरक्षी धर्मराज पासवान ने जब उसे रोका तो आरोपी उग्र हो गया। उसने पुलिसकर्मी का कॉलर पकड़ लिया और खींचते हुए बाहर ले गया। बीच-बचाव करने आए अन्य पुलिसकर्मियों से भी आरोपी ने धक्का-मुक्की की और सभी को गोली मारने की धमकी दी।
मां का आरोप: हथियार दिखाकर धमकी देता था
रूही खानम ने बताया कि उनका बेटा अक्सर उन्हें गाली देता और मारपीट करता था। उन्होंने कहा, “अमान ने मेरी बेटी का रिश्ता तुड़वा दिया और घर आकर मेरे साथ भी मारपीट की। मैं शिकायत दर्ज कराने थाने आई थी, लेकिन यहां उसने थाने में ही मुझे और पुलिस को धमकाना शुरू कर दिया।”
थाने में हंगामे का इतिहास
यह पहली बार नहीं है जब झारखंड में किसी युवक ने थाने में घुसकर हंगामा किया हो। सात नवंबर को रांची के लालपुर थाना में भी एक युवक ने ऑन ड्यूटी एएसआई सुनील मुर्मू की पिटाई कर दी थी। पुलिसकर्मी को बचाने में थाने के अन्य कर्मचारी नाकाम रहे, और अंततः अतिरिक्त पुलिस बल बुलाना पड़ा।
आरोपी का अपराध और कानूनी कार्रवाई
डोरंडा पुलिस ने अमान अहमद खान को गिरफ्तार कर मंगलवार को जेल भेज दिया। पुलिस ने बताया कि आरोपी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है और मामले की गहन जांच चल रही है।
झारखंड में बढ़ती हिंसा की घटनाएं
झारखंड में घरेलू हिंसा और कानून व्यवस्था को ठेंगा दिखाने की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं। डोरंडा और लालपुर थाने की घटनाएं इस बात का प्रमाण हैं कि अपराधी अब पुलिस को भी चुनौती देने लगे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसी घटनाएं समाज में बढ़ते असंतोष और अनुशासनहीनता का संकेत हैं।
पुलिस प्रशासन पर सवाल
इस घटना ने पुलिस प्रशासन पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। थाने में सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था क्यों नहीं थी? कैसे कोई व्यक्ति खुलेआम पुलिसकर्मी से मारपीट कर सकता है? इस तरह की घटनाएं पुलिस की साख पर चोट करती हैं।
समाज और कानून की जिम्मेदारी
इस तरह की घटनाएं दिखाती हैं कि केवल कानून लागू करना ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि समाज में कानून का सम्मान सुनिश्चित करना भी जरूरी है। प्रशासन को इन घटनाओं से सीख लेते हुए थानों की सुरक्षा और पुलिसकर्मियों के लिए प्रशिक्षण पर ध्यान देना चाहिए।
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