Ranchi Suicide: बिजनेस के लिए पैसों की कमी से युवक ने लगाई फांसी, जांच में जुटी पुलिस
रांची के करम चौक पर बर्गर व्यवसायी ने आर्थिक तंगी के चलते फांसी लगाई। परिवार से मदद न मिलने के कारण तनाव में था। पुलिस जांच जारी।
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रांची। रांची के करम चौक के पास एक दुखद घटना में, बर्गर बनाने वाले युवक ने खुदकुशी कर ली। मंगलवार सुबह इस घटना ने इलाके में सनसनी फैला दी। मृतक का नाम राजू कुमार था, जो हजारीबाग का रहने वाला था। अपने खुद के बिजनेस का सपना पूरा न कर पाने के तनाव में राजू ने फंदे से लटककर अपनी जान दे दी।
युवक के सपने और संघर्ष की कहानी
राजू तीन साल से रांची के करम चौक के पास एक किराए के मकान में अकेले रह रहा था। वह पहले एक कंपनी में बर्गर बनाने का काम करता था। कुछ महीने पहले उसने कंपनी की नौकरी छोड़कर अपना बर्गर का कारोबार शुरू करने की योजना बनाई थी। इसके लिए उसने घरवालों से आर्थिक मदद मांगी थी।
भाई रवि कुमार ने बताया कि राजू को अपने बिजनेस की शुरुआत के लिए पैसों की सख्त जरूरत थी। परिवार ने मदद का आश्वासन दिया था, लेकिन समय पर पैसा नहीं मिलने के कारण वह तनाव में रहने लगा।
घटना का विवरण
मंगलवार की सुबह जब राजू का दरवाजा काफी देर तक नहीं खुला तो पड़ोसियों को शक हुआ। उन्होंने पुलिस को सूचना दी। सुखदेवनगर पुलिस मौके पर पहुंची और एस्बेस्टस तोड़कर कमरे में प्रवेश किया। अंदर राजू का शव फंदे से झूलता मिला।
उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए रिम्स भेज दिया और मामले में यूडी (Unnatural Death) केस दर्ज कर लिया है।
आर्थिक तंगी और युवाओं के मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव
राजू के मामले ने एक बार फिर आर्थिक तंगी के कारण युवाओं के मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभाव को उजागर किया है। झारखंड में बेरोजगारी और स्टार्टअप के लिए पूंजी की कमी अक्सर युवाओं को निराशा की ओर धकेल देती है।
राजू ने खुद को साबित करने की कोशिश की, लेकिन आर्थिक बाधाओं के चलते वह अपने सपनों को पूरा नहीं कर सका। उसके इस कदम ने न केवल उसके परिवार, बल्कि पूरे इलाके को झकझोर दिया है।
ऐतिहासिक संदर्भ: झारखंड में आर्थिक चुनौतियां
झारखंड में स्वरोजगार और स्टार्टअप्स के लिए आर्थिक सहायता की कमी एक बड़ी समस्या रही है। खासकर छोटे शहरों और कस्बों में युवाओं के पास सीमित संसाधन होते हैं। राज्य सरकार ने कुछ योजनाएं शुरू की हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर इनका प्रभाव बहुत कम दिखता है।
पुलिस की जांच और आगे की कार्रवाई
सुखदेवनगर थाना प्रभारी ने बताया कि घटना की जांच की जा रही है। परिवार और पड़ोसियों से पूछताछ कर यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि राजू किन परिस्थितियों में इतना तनावग्रस्त हुआ।
समाज और सरकार की जिम्मेदारी
राजू जैसे युवाओं को आर्थिक मदद और मानसिक स्वास्थ्य सहायता प्रदान करने की सख्त जरूरत है। सरकार को ऐसे मामलों से सबक लेकर नई योजनाओं और हेल्पलाइन सेवाओं की शुरुआत करनी चाहिए, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
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