Jharkhand Revenge: ग्रामीणों ने चार उग्रवादियों को घेरा, मौत के घाट उतारा
झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम में ग्रामीणों ने चार पीएलएफआई उग्रवादियों को घेरकर मार डाला। 30 गांवों के लोगों ने ग्राम रक्षादल का गठन कर उग्रवाद के खिलाफ मोर्चा खोला।
![Jharkhand Revenge: ग्रामीणों ने चार उग्रवादियों को घेरा, मौत के घाट उतारा](https://indiaandindians.in/uploads/images/202412/image_870x_675920bcb5a3c.webp)
पश्चिमी सिंहभूम। झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले में उग्रवादियों के आतंक से त्रस्त ग्रामीणों ने कानून अपने हाथ में लेते हुए चार पीएलएफआई (पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया) उग्रवादियों को घेरकर मार डाला। यह घटना गुदड़ी थाना क्षेत्र की है, जहां सोमवार को ग्रामीणों ने मिलकर इन उग्रवादियों का खात्मा किया।
ग्रामीणों का प्रतिशोध
पिछले पांच दिनों में, ग्रामीणों ने कुल छह उग्रवादियों को मार गिराया है। इनमें पीएलएफआई के एरिया कमांडर मोटा टाइगर और उसके सहयोगी गोमिया भी शामिल थे। सूत्रों के अनुसार, हत्या, लूटपाट और लेवी वसूली से परेशान ग्रामीणों ने एकजुट होकर उग्रवादियों का सामना करने का निर्णय लिया।
24 नवंबर को गुदड़ी के गिरू, गोईलकेरा के भरडिहा और सेरेंगदा में चार निर्दोष ग्रामीणों की हत्या के बाद, स्थानीय लोगों का गुस्सा भड़क उठा। 30 से अधिक गांवों के ग्रामीणों ने सामूहिक बैठक की और ग्राम सुरक्षा दल का गठन किया। इसके बाद से ही उग्रवादियों के खिलाफ अभियान शुरू हुआ।
कैसे हुआ ऑपरेशन?
ग्रामीणों ने मोटा टाइगर के चार सहयोगियों को सैदवा गांव में पकड़ लिया। यहां पास के मैदान में बैठक कर चारों से पूछताछ की गई। इनमें से दो को निर्दोष मानकर छोड़ दिया गया, जबकि बाकी दो को बांधकर जंगल ले जाया गया और मौत के घाट उतार दिया गया।
इसके अलावा, दो अन्य उग्रवादियों को भी ग्रामीणों ने घेरकर मार दिया। इस घटना ने पूरे इलाके में हलचल मचा दी है। हालांकि, पुलिस ने इन हत्याओं की अब तक आधिकारिक पुष्टि नहीं की है।
ग्राम रक्षादल: ग्रामीणों की नई ताकत
प. सिंहभूम के जंगल महल इलाके में उग्रवाद से खुद की रक्षा के लिए ग्रामीणों ने पारंपरिक हथियारों से लैस ग्राम सुरक्षा दल का गठन किया है। गुदड़ी, सोनुवा, गोईलकेरा और आनंदपुर थाना क्षेत्रों के 30 गांवों में यह पहल शुरू हो चुकी है। ग्राम रक्षादल के सदस्य अलग-अलग पाली में पहरेदारी करते हैं और उग्रवादियों की गतिविधियों पर नजर रखते हैं।
पुलिस और प्रशासन की प्रतिक्रिया
इस पूरे घटनाक्रम पर पश्चिमी सिंहभूम के एसपी आशुतोष शेखर ने कहा कि पीएलएफआई उग्रवादियों की हत्या की सूचना की जांच के लिए अभियान चल रहा है। इलाके में गुदड़ी, गोईलकेरा और आनंदपुर पुलिस के साथ झारखंड जगुआर, आईआरबी और जैप के जवान सर्च ऑपरेशन में जुटे हैं।
इतिहास में ग्रामीण विद्रोह की झलक
झारखंड के जंगल महल इलाके में उग्रवाद का इतिहास पुराना है। 2000 में झारखंड बनने के बाद, इन इलाकों में माओवाद और पीएलएफआई जैसे उग्रवादी संगठनों ने अपनी जड़ें मजबूत कीं। हालांकि, समय-समय पर ग्रामीणों ने इनसे लड़ने के लिए स्थानीय स्तर पर सामूहिक कदम उठाए हैं।
2008 में भी लातेहार जिले के ग्रामीणों ने माओवादियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की थी। ऐसी घटनाएं इस बात की ओर इशारा करती हैं कि जब सरकारी सुरक्षा व्यवस्था नाकाफी होती है, तो ग्रामीण अपनी सुरक्षा का जिम्मा खुद उठाने को मजबूर हो जाते हैं।
भविष्य की रणनीति
ग्रामीणों का कहना है कि वे उग्रवाद के खात्मे तक चैन से नहीं बैठेंगे। उन्होंने अन्य उग्रवादियों को पकड़ने के लिए भी रणनीति बनाई है। इन घटनाओं से साफ है कि झारखंड में उग्रवादियों के खिलाफ एक बड़ा ग्रामीण आंदोलन खड़ा हो रहा है।
What's Your Reaction?
![like](https://indiaandindians.in/assets/img/reactions/like.png)
![dislike](https://indiaandindians.in/assets/img/reactions/dislike.png)
![love](https://indiaandindians.in/assets/img/reactions/love.png)
![funny](https://indiaandindians.in/assets/img/reactions/funny.png)
![angry](https://indiaandindians.in/assets/img/reactions/angry.png)
![sad](https://indiaandindians.in/assets/img/reactions/sad.png)
![wow](https://indiaandindians.in/assets/img/reactions/wow.png)