झारखंड में मौसम मेहरबान, झमाझम बारिश का दौर जारी; लेकिन रांची में मॉनसून कब होगा सक्रिय
झारखंड में मौसम मेहरबान, झमाझम बारिश का दौर जारी; लेकिन रांची में मॉनसून कब होगा सक्रिय
झारखंड में पिछले 24 घंटे के दौरान कई जगहों पर अच्छी बारिश हुई। सबसे अधिक बारिश गुमला में 92 मिमी हुई। पिछले 24 घंटों के दौरान सिमडेगा, हजारीबाग, धनबाद, गिरिडीह, दुमका आदि जिलों में भी अच्छी बारिश हुई है। हालांकि रांची समेत आसपास के क्षेत्रों में पिछले 24 घंटों के दौरान बारिश नहीं हुई। बुधवार को यहां उमस की गर्मी रही।
मौसम पूर्वानुमान और संभावनाएं
मौसम पूर्वानुमान के मुताबिक, गुरुवार को कहीं-कहीं बारिश होने की संभावना है। जबकि, शुक्रवार से मॉनसून की सक्रियता में तेजी आएगी और रांची समेत राज्य के कई भागों में बारिश होने का पूर्वानुमान व्यक्त किया गया है।
बारिश के आंकड़े और असर
मौसम विभाग के अनुसार, राज्य में पिछले 24 घंटों के दौरान सिमडेगा में 65.0 मिमी, नेतरहाट लातेहार में 52.5 मिमी, हजारीबाग में 52.2 मिमी, धनबाद में 45.8 मिमी, गिरिडीह में 35 मिमी, नाला दुमका में 25.2 मिमी और पूर्वी सिंहभूम में 35.4 मिमी बारिश हुई। इसके अलावा रामगढ़, बोकारो, गोड्डा और गढ़वा में पांच से दस मिमी और कुछ अन्य जगहों पर छिटपुट बारिश हुई।
बारिश की कमी और इसका प्रभाव
जून माह के दौरान झारखंड में 66 प्रतिशत कम बारिश हुई है। राज्य में एक जून से अब तक सामान्य बारिश 149.8 मिमी की तुलना में केवल 51.7 मिमी हुई है। पांच जिलों रांची, गुमला, सिमडेगा, पश्चिम सिंहभूम, धनबाद में बारिश में 54 फीसदी या इसके कम है। जबकि, अन्य 19 जिलों में 55 से 92 फीसदी की कमी है। गढ़वा में इस जून माह के दौरान सबसे कम 8.2 मिमी बारिश हुई है। यहां 92 फीसदी बारिश कम हुई है।
मॉनसून की स्थिति
मौसम विभाग के अनुसार, राज्य में मॉनसून की स्थिति में कोई बदलाव नहीं आया है। यह मॉनसून का नार्दर्न लिमिट झारखंड के चाईबासा, पाकुड़ और साहिबगंज से होकर गुजर रहा है। शुक्रवार से मॉनसून की सक्रियता में तेजी आने की संभावना है।
कृषि और किसानों पर असर
बारिश की कमी का सबसे ज्यादा असर किसानों पर पड़ा है। जून महीने में कम बारिश के कारण किसान समय पर बुवाई नहीं कर पाए। इसका सीधा असर फसलों की पैदावार पर पड़ेगा। अगर जुलाई महीने में भी बारिश की यही स्थिति रही तो किसानों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ सकता है।
किसानों की चिंताएं और तैयारी
किसान बारिश की कमी को लेकर काफी चिंतित हैं। उनकी फसलें समय पर न बोई जाने के कारण सूख रही हैं। किसानों ने सरकार से मदद की अपील की है और उम्मीद जताई है कि आने वाले दिनों में बारिश होगी ताकि उनकी फसलें बच सकें।
सरकारी योजनाएं और सहायता
राज्य सरकार ने किसानों को राहत पहुंचाने के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं। इनमें फसल बीमा योजना, सब्सिडी पर बीज और उर्वरक वितरण जैसी योजनाएं शामिल हैं। सरकार ने किसानों को आश्वासन दिया है कि वे उनके साथ हैं और हर संभव मदद करेंगे।
वर्तमान स्थिति और भविष्य की उम्मीदें
मौसम विभाग के अनुसार, आने वाले दिनों में मॉनसून की सक्रियता बढ़ने की संभावना है। अगर ऐसा होता है तो किसानों की चिंताएं कुछ हद तक कम हो सकती हैं। राज्य के अन्य हिस्सों में भी बारिश की संभावना है जो फसलों के लिए लाभदायक साबित हो सकती है।
रांची और आसपास के क्षेत्रों की स्थिति
रांची में पिछले कुछ दिनों से बारिश न होने के कारण उमस भरी गर्मी का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि, मौसम विभाग के अनुसार, जल्द ही यहां भी बारिश हो सकती है जिससे लोगों को राहत मिलेगी।
शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों की समस्याएं
शहरी क्षेत्रों में जलभराव की समस्या आम है। हर साल मॉनसून के दौरान रांची और अन्य शहरों में जलभराव की स्थिति पैदा हो जाती है। इसके अलावा, ग्रामीण क्षेत्रों में पानी की कमी और सूखे जैसी समस्याएं आम हैं।
समस्याओं का समाधान और प्रयास
शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में जलभराव और सूखे की समस्याओं से निपटने के लिए सरकार और स्थानीय प्रशासन कई प्रयास कर रहे हैं। इनमें जल निकासी व्यवस्था को सुधारना, जल संरक्षण योजनाओं को लागू करना और किसानों को तकनीकी सहायता प्रदान करना शामिल है।
मॉनसून का प्रभाव और तैयारियां
मॉनसून का असर हर साल झारखंड के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग होता है। शहरी क्षेत्रों में जहां जलभराव और यातायात की समस्याएं होती हैं, वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में पानी की कमी और सूखे की समस्याएं होती हैं। इसके बावजूद, सरकार और स्थानीय प्रशासन हर साल मॉनसून के लिए तैयारियां करते हैं।
निष्कर्ष
झारखंड में मॉनसून की स्थिति अभी स्थिर है लेकिन आने वाले दिनों में बारिश की संभावना है। किसानों और आम लोगों के लिए यह राहत की खबर हो सकती है। राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन भी मॉनसून की चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार हैं। बारिश की कमी का असर फसलों पर पड़ सकता है लेकिन आने वाले दिनों में स्थिति में सुधार होने की उम्मीद है। सभी को मॉनसून के दौरान सावधानी बरतनी चाहिए और जल संरक्षण के प्रयासों में सहयोग करना चाहिए ताकि भविष्य में जल संकट की समस्याओं से निपटा जा सके।
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