झारखंड में जन शिकायत निवारण कार्यक्रम: डीजीपी अनुराग गुप्ता की पहल पर पुलिस के खिलाफ शिकायतों की समीक्षा और कार्रवाई
झारखंड के डीजीपी अनुराग गुप्ता की पहल पर 21 जिलों में जन शिकायत निवारण कार्यक्रम आयोजित किया गया। हजारों लोगों ने पुलिस के प्रति नाराजगी जताई। जानें डीजीपी की प्रतिक्रिया और आगे की कार्रवाई।
रांची: 13 सितंबर को झारखंड के डीजीपी अनुराग गुप्ता की पहल पर राज्य के 21 जिलों में जन शिकायत निवारण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में हजारों लोगों ने अपनी शिकायतें दर्ज कराई हैं, जिनमें अधिकांश शिकायतें पुलिस के प्रति नाराजगी को लेकर थीं।
डीजीपी अनुराग गुप्ता ने सभी जिलों में जन शिकायत निवारण कैंप लगाने का आदेश दिया था, ताकि लोगों की समस्याओं को सुना जा सके और उचित कार्रवाई की जा सके। इस दौरान आईजी, डीआईजी, एसएसपी और एसपी स्तर के अधिकारियों ने जन सुनवाई की और जनता की शिकायतों को सुना।
कार्यक्रम के दौरान दर्ज की गई शिकायतों की समीक्षा की जा रही है। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी इन शिकायतों की गहनता से जांच कर रहे हैं ताकि दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जा सके। जनता की शिकायतों पर समय पर कार्रवाई न होने की वजह से पुलिस के प्रति नाराजगी बढ़ती जा रही थी, जिसे ध्यान में रखते हुए यह कदम उठाया गया है।
डीजीपी ने 15 दिनों के भीतर शिकायतों पर कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि जन सुनवाई कार्यक्रम को अच्छा प्रतिसाद मिला है, लेकिन इसका पूरा लाभ तभी मिलेगा जब शिकायतों पर प्रभावी कार्रवाई होगी। डीजीपी ने यह भी स्पष्ट किया कि अगर कोई पुलिसकर्मी या थाना प्रभारी पीड़ित की शिकायत सुनकर कार्रवाई करता है, तो वह कोई एहसान नहीं कर रहा है, बल्कि यह उनका कर्तव्य है।
समीक्षा के बाद अगर कोई पुलिसकर्मी दोषी पाया जाता है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, अगर किसी निर्दोष व्यक्ति को गलत तरीके से जेल भेजा गया है, तो संबंधित पुलिसकर्मियों पर भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी। डीजीपी ने वरीय अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक करने की योजना बनाई है और फिर अधिकारियों को पुनः जनसुनवाई स्थल पर भेजा जाएगा ताकि जमीनी हकीकत की जांच की जा सके।
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