क्या आपको पता है वीरप्पन की बेटी कौन है? जानें उस खतरनाक तस्कर की बेटी विद्या वीरप्पन की प्रेरणादायक कहानी!
जानिए कुख्यात चंदन तस्कर वीरप्पन की बेटी विद्या वीरप्पन की प्रेरणादायक कहानी। कैसे उन्होंने कठिनाइयों का सामना कर वकील और भाजपा नेता के रूप में अपनी पहचान बनाई।
कुख्यात चंदन तस्कर वीरप्पन का नाम सुनते ही जंगलों का खौफनाक मंजर आंखों के सामने आ जाता है। नब्बे के दशक में दक्षिण भारत के जंगलों में जिस व्यक्ति ने तमिलनाडु और कर्नाटक की सरकारों को हिला दिया था, उसकी मौत के बाद उसकी बेटी विद्या वीरप्पन की कहानी उतनी ही रोचक और प्रेरणादायक है।
वीरप्पन का आतंक और उसकी बेटी का संघर्ष
वीरप्पन के आतंक के किस्से मशहूर हैं। वन विभाग के अधिकारियों और पुलिसकर्मियों सहित 150 लोगों की हत्या, और 100 से अधिक हाथियों की तस्करी जैसे संगीन अपराध उसके नाम जुड़े हुए थे। लेकिन साल 2004 में स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने वीरप्पन का खात्मा कर दिया।
लेकिन क्या आपको पता है कि इस कुख्यात तस्कर की मौत के बाद उसकी मासूम बेटी का क्या हुआ? विद्या वीरप्पन, जो उस समय मात्र एक बच्ची थी, को तमिलनाडु सरकार, समाज या वीरप्पन के रिश्तेदारों ने पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया था। जंगलों में भटकने के लिए छोड़ दी गई इस बच्ची को आखिरकार संघ की शाखा "वनवासी कल्याण आश्रम" ने गोद लिया और उसे शिक्षा दिलाई।
आज की विद्या वीरप्पन: वकील और बीजेपी की नेता
विद्या वीरप्पन आज एक सफल लॉ ग्रैजुएट हैं और तमिलनाडु भाजपा पिछड़ा मोर्चा की उपाध्यक्ष भी हैं। उन्होंने न केवल खुद को एक सम्मानित स्थान पर खड़ा किया है बल्कि कृष्णागिरि में एक स्कूल भी चला रही हैं, जहां वो बच्चों को शिक्षित करती हैं।
कैसी थी वीरप्पन के साथ विद्या की मुलाकात?
विद्या ने अपने पिता वीरप्पन से केवल एक बार मुलाकात की थी, जब वह 6 या 7 साल की थीं। अपने दादा के गांव गोपीनाथम में छुट्टियों के दौरान उनकी यह मुलाकात हुई थी। उस दिन वीरप्पन ने उनसे सिर्फ कुछ मिनट बात की और उन्हें कहा, "अच्छा करो, डॉक्टर बनो और लोगों की सेवा करो।" विद्या का मानना है कि उनके पिता ने जो रास्ता चुना, वह परिस्थितियों के कारण था, लेकिन उनके बारे में सुनी गई कुछ कहानियों ने विद्या को समाज सेवा के लिए प्रेरित किया।
क्या वीरप्पन की बेटी राजनीति में क्यों आई?
विद्या वीरप्पन राजनीति को समाज सेवा का माध्यम मानती हैं। वह कहती हैं, "मैं किसी विशेष समुदाय से नहीं, बल्कि मानवता में विश्वास करती हूं।" उनके पिता की छवि भले ही एक अपराधी की रही हो, लेकिन विद्या ने अपनी पहचान एक सामाजिक कार्यकर्ता और नेता के रूप में बनाई है।
वीरप्पन का नाम फिर से सुर्खियों में क्यों?
तमिलनाडु की राजनीति में वीरप्पन का नाम फिर से उभर रहा है, लेकिन इस बार उसके अपराधों की वजह से नहीं, बल्कि उसकी बेटी विद्या वीरप्पन के कारण। विद्या आज भाजपा के लिए एक अहम चेहरा हैं और अपनी अलग पहचान बना चुकी हैं।
विद्या वीरप्पन की कहानी: एक प्रेरणा
विद्या वीरप्पन की जीवन यात्रा यह दर्शाती है कि एक कठिन और विवादित पृष्ठभूमि से आने के बावजूद, इंसान अपने कर्मों से अपनी पहचान बना सकता है। वीरप्पन की बेटी आज एक शिक्षित, सशक्त और प्रेरणादायक महिला हैं, जो तमिलनाडु की राजनीति में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।
क्या आपने सोचा था कि वीरप्पन की बेटी एक दिन वकील और राजनीतिक नेता बनेगी?
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