क्या कारगिल युद्ध की बड़ी गलती को अब पाकिस्तान ने कबूल लिया है? नवाज शरीफ ने किया खुलासा!

क्या पाकिस्तान ने कारगिल युद्ध की गलती कबूल कर ली है? नवाज शरीफ ने भारत-पाक संबंधों पर बड़ा खुलासा करते हुए लाहौर डिक्लेरेशन के उल्लंघन की बात मानी। जानें क्या है पूरा मामला।

Sep 14, 2024 - 14:25
Sep 14, 2024 - 16:19
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क्या कारगिल युद्ध की बड़ी गलती को अब पाकिस्तान ने कबूल लिया है? नवाज शरीफ ने किया खुलासा!
क्या कारगिल युद्ध की बड़ी गलती को अब पाकिस्तान ने कबूल लिया है? नवाज शरीफ ने किया खुलासा!

पाकिस्तान – पाकिस्तान ने आखिरकार उस गलती को कबूल किया है जिसे उसने 1999 में भारत के साथ किए गए लाहौर घोषणा समझौते के बाद किया था। इस कबूलनामे में पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और पीएमएनएल (नवाज) पार्टी के प्रमुख नवाज शरीफ ने सार्वजनिक रूप से कारगिल युद्ध से जुड़ी बड़ी गलती को स्वीकार किया है। शरीफ ने इस बात को माना कि पाकिस्तान ने भारत के साथ किए गए लाहौर घोषणा पत्र का उल्लंघन किया था, जिसका परिणाम कारगिल युद्ध के रूप में सामने आया।

नवाज शरीफ ने माना कारगिल पर बड़ी भूल

नवाज शरीफ ने अपनी पार्टी की बैठक में कहा कि 28 मई 1998 को पाकिस्तान ने पांच परमाणु परीक्षण किए, और इसके तुरंत बाद, भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी पाकिस्तान दौरे पर आए। दोनों नेताओं ने 1999 में एक ऐतिहासिक समझौता किया, जिसे लाहौर घोषणा के नाम से जाना जाता है। लेकिन इसके बाद जो हुआ, वह पाकिस्तान के लिए एक बड़ी गलती साबित हुआ। शरीफ ने साफ तौर पर स्वीकार किया कि इस समझौते का उल्लंघन पाकिस्तान की तरफ से किया गया, और यह उनकी सरकार की बड़ी चूक थी।

क्या था लाहौर डिक्लेरेशन?

लाहौर डिक्लेरेशन 21 फरवरी 1999 को भारत और पाकिस्तान के बीच हस्ताक्षरित एक शांति समझौता था। इसका उद्देश्य शांति और सुरक्षा बनाए रखना था, साथ ही दोनों देशों के बीच जनता के बीच संपर्क को बढ़ावा देना था। यह समझौता तब हुआ जब दोनों पड़ोसी देशों के बीच तनाव काफी अधिक था, और वाजपेयी की पाकिस्तान यात्रा ने शांति की एक नई उम्मीद जगाई थी।

कारगिल की गुप्त घुसपैठ और युद्ध का आगाज

हालांकि, मार्च 1999 में पाकिस्तानी सेना के जनरल परवेज मुशर्रफ ने लद्दाख के कारगिल जिले में गुप्त घुसपैठ का आदेश दिया। इस सैन्य दुस्साहस ने लाहौर डिक्लेरेशन को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया। भारतीय सेना ने इस घुसपैठ का तुरंत पता लगाया और कारगिल युद्ध की शुरुआत हो गई। ऑपरेशन विजय के तहत भारतीय सेना ने पाकिस्तानी सेना को करारी शिकस्त दी और कारगिल पर पूरी तरह से कब्जा कर लिया।

सोशल मीडिया पर वायरल हुआ कबूलनामा

नवाज शरीफ का यह कबूलनामा अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। पाकिस्तान टेलीविजन कॉर्पोरेशन (पीटीवी) द्वारा प्रसारित इस भाषण के एक हिस्से में शरीफ ने परोक्ष रूप से जनरल मुशर्रफ के कारगिल युद्ध के फैसले को लेकर अपनी असहमति व्यक्त की। उन्होंने स्पष्ट रूप से माना कि यह पाकिस्तान की एक बड़ी गलती थी, जिसने दोनों देशों के बीच शांति के प्रयासों को बुरी तरह प्रभावित किया।

क्या यह कबूलनामा पाकिस्तान की छवि को सुधारने का प्रयास है?

नवाज शरीफ का यह बयान ऐसे समय पर आया है जब पाकिस्तान आंतरिक और बाहरी दोनों ही स्तरों पर संकट से गुजर रहा है। सवाल यह है कि क्या यह कबूलनामा पाकिस्तान की छवि सुधारने का प्रयास है, या फिर एक राजनीतिक चाल? क्या इससे दोनों देशों के रिश्तों में कोई बदलाव आएगा?

पाकिस्तान द्वारा कारगिल की गलती को कबूल करना एक बड़ा कदम हो सकता है, लेकिन इसके बाद क्या होगा, यह देखने वाली बात होगी। भारत और पाकिस्तान के बीच शांति और स्थिरता की दिशा में यह कबूलनामा कितना कारगर साबित होगा, यह समय ही बताएगा।

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Chandna Keshri चंदना केशरी, जो गणित-विज्ञान में इंटरमीडिएट हैं, स्थानीय खबरों और सामाजिक गतिविधियों में निपुण हैं।