क्या मनोज तिवारी को वाकई काशी में बंधक बना लिया गया? देखिए वायरल वीडियो की पूरी कहानी!
क्या मनोज तिवारी को काशी में बंधक बनाया गया? देखिए वायरल वीडियो में बीजेपी सांसद का बंधक बनने का मजेदार किस्सा, जब एक महिला ने अपने बेटे से मिलवाने के लिए मनोज तिवारी को रोक लिया।
वाराणसी – लोकसभा चुनाव 2019 के अंतिम और सातवें चरण के तहत 1 जून को उत्तर प्रदेश के वाराणसी समेत 13 लोकसभा सीटों पर वोटिंग होनी है। इस बार सबसे ज्यादा चर्चित सीट वाराणसी की है, जहां से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फिर से चुनावी मैदान में हैं। बीजेपी की तरफ से चुनाव प्रचार के लिए कई दिग्गज नेता सक्रिय हैं, और उन्हीं में से एक हैं बीजेपी सांसद और दिल्ली के पूर्व अध्यक्ष मनोज तिवारी।
हाल ही में मनोज तिवारी के चुनाव प्रचार के दौरान एक अनोखी घटना घटी, जिसने सोशल मीडिया पर खूब सुर्खियां बटोरी। इस घटना का वीडियो खुद मनोज तिवारी ने शेयर किया, जिसमें उन्होंने दावा किया कि काशी की एक महिला ने उन्हें बंधक बना लिया था। आइए जानते हैं इस दिलचस्प वाकये की पूरी कहानी!
मनोज तिवारी ने वीडियो शेयर कर बताया "बंधक" बनने का किस्सा
मनोज तिवारी ने अपने ट्विटर अकाउंट से इस घटना का वीडियो शेयर करते हुए लिखा, "जब मनोज तिवारी को काशी की एक महिला ने अपने बेटे से मिलवाने के लिए बंधक बना लिया!" वीडियो में एक महिला दिख रही है, जो मनोज तिवारी से अपने बेटे को मिलवाने के लिए जोर दे रही है। महिला अपने बेटे को फोन करके बुलाती है और उसे कहती है कि मनोज तिवारी उनके घर आकर बैठे हुए हैं, जल्द दुकान पर आकर उनसे मिलो।
ठेले वाले के साथ सेल्फी का अनोखा पल
वीडियो में दिखाया गया है कि मनोज तिवारी एक ठेले वाले के पास खड़े हैं, जहां ठेले पर लीची रखी हुई है। महिला और उसका बेटा भी वहीं खड़े होते हैं। आसपास कुछ स्थानीय लोग भी मौजूद होते हैं, और मनोज तिवारी उनका अभिवादन करते हुए दिखाई दे रहे हैं। इसके बाद, मनोज तिवारी महिला के बेटे के साथ दुकान के अंदर जाते हैं और वहां पर सेल्फी खिंचवाते हैं।
यह पूरी घटना बहुत ही रोचक और मजेदार है, क्योंकि महिला के आग्रह पर मनोज तिवारी ने सहजता से बंधक बनने का अनुभव साझा किया और इसे हंसी-मजाक में लिया।
सोशल मीडिया पर हुआ वीडियो वायरल
इस वीडियो ने सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल होना शुरू कर दिया। कई लोग इस मजेदार वाकये पर टिप्पणी कर रहे हैं और इसे चुनावी माहौल की एक हल्की-फुल्की घटना के रूप में देख रहे हैं। वीडियो में मनोज तिवारी का आत्मीय और जन-संवेदनशील रवैया लोगों को बहुत पसंद आया, और उनके साथ सेल्फी लेने वाले लोगों ने इसे यादगार पल बताया।
क्या है इस घटना का चुनाव पर असर?
इस घटना ने भले ही राजनीतिक रूप से कोई बड़ा असर नहीं डाला हो, लेकिन यह जनता और नेताओं के बीच के घनिष्ठ संबंधों का एक अनूठा उदाहरण है। चुनाव प्रचार के दौरान ऐसी घटनाएं नेताओं की लोकप्रियता और जनता से उनके जुड़ाव को दर्शाती हैं।
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