क्या पूर्वी जमशेदपुर में बन रहा है 'लघु भारत'? जानें कैसे भुवनेश्वरी मंदिर के पास दिखेगी भारत की सांस्कृतिक विरासत!

पूर्वी जमशेदपुर के विधायक सरयू राय ने भुवनेश्वरी मंदिर की तलहटी में 'लघु भारत विरासत स्थल' के विकास की योजना का दौरा किया। यहां पर देश के विभिन्न राज्यों की परंपराओं, खानपान, और पहनावे की झलक मिलेगी। जानिए इस रोमांचक परियोजना के बारे में।

Sep 14, 2024 - 14:39
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क्या पूर्वी जमशेदपुर में बन रहा है 'लघु भारत'? जानें कैसे भुवनेश्वरी मंदिर के पास दिखेगी भारत की सांस्कृतिक विरासत!
क्या पूर्वी जमशेदपुर में बन रहा है 'लघु भारत'? जानें कैसे भुवनेश्वरी मंदिर के पास दिखेगी भारत की सांस्कृतिक विरासत!

क्या आपने कभी सोचा है कि एक ही जगह पर पूरे भारत की सांस्कृतिक विविधता को महसूस किया जा सकता है? जमशेदपुर के पूर्वी क्षेत्र में ऐसा ही सपना साकार होने जा रहा है। विधायक सरयू राय की अगुवाई में 'लघु भारत विरासत स्थल' को विकसित करने की योजना बनाई गई है, और इसके लिए भुवनेश्वरी मंदिर की तलहटी का चयन किया गया है।

क्या है 'लघु भारत विरासत स्थल'?

14 सितंबर, शनिवार की सुबह, विधायक श्री सरयू राय ने इस स्थल का निरीक्षण किया, जो कि पूरे देश की सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक बनेगा। इस जगह पर भारत के विभिन्न राज्यों की पुरानी परंपराएं, खानपान, और पहनावे की झलक एक ही स्थान पर देखने को मिलेगी। सोचिए, बिना देशभर की यात्रा किए आप यहां राजस्थान से लेकर केरल तक की सांस्कृतिक विरासत को अनुभव कर सकेंगे।

एक नया टूरिस्ट आकर्षण?

जमशेदपुर में 'लघु भारत' का निर्माण न केवल स्थानीय लोगों के लिए बल्कि पर्यटकों के लिए भी एक बड़ा आकर्षण बनने जा रहा है। विधायक सरयू राय ने बताया कि यह परियोजना लोगों को भारत की सांस्कृतिक धरोहर से जोड़ेगी। टेल्को क्षेत्र का यह 'लघु भारत' न सिर्फ भारत की विविधता को दिखाएगा, बल्कि शहर को एक नए टूरिस्ट हॉटस्पॉट के रूप में भी स्थापित करेगा।

विभिन्न राज्यों की सांस्कृतिक झलक

इस स्थल पर भारत के हर कोने की सांस्कृतिक विशेषताओं को उजागर किया जाएगा। राजस्थान के रंग-बिरंगे परिधान, पंजाब की मक्की की रोटी और सरसों का साग, बंगाल की रसगुल्ला मिठाई, महाराष्ट्र का वड़ा पाव—सबकुछ इस 'लघु भारत' में अनुभव करने को मिलेगा। खाने से लेकर पहनावे तक, हर राज्य की अनूठी विशेषताएं यहां जीवंत होंगी।

कौन-कौन थे मौजूद?

इस महत्वपूर्ण दौरे के दौरान, टाटा मोटर्स के अधिकारी और भारतीय जनतंत्र मोर्चा के कार्यकर्ता भी उपस्थित थे। औद्योगिक प्रतिनिधि इंद्रजीत सिंह, भाजमो जिला मंत्री विकास गुप्ता, और टेल्को मंडल प्रतिनिधि अभय सिंह जैसे प्रमुख व्यक्तित्व भी इस स्थल पर मौजूद रहे। ये सभी लोग इस परियोजना को सफल बनाने के लिए जुटे हुए हैं।

सांस्कृतिक धरोहर के प्रति जागरूकता

सरयू राय ने इस परियोजना का उद्देश्य साफ किया—देश की सांस्कृतिक धरोहर को न केवल संरक्षित करना, बल्कि उसे जीवंत बनाना। यह विरासत स्थल लोगों को भारतीय संस्कृति के विभिन्न पहलुओं से जोड़ने का काम करेगा और अगली पीढ़ी को भी अपने इतिहास और परंपराओं से अवगत कराएगा।

क्या है भविष्य की योजना?

इस परियोजना का अगला कदम होगा, विभिन्न राज्यों के कलाकारों और विशेषज्ञों को जोड़ना, ताकि वे यहां अपनी कला और परंपराओं का प्रदर्शन कर सकें। सोचिए, एक ऐसा स्थान जहां आप पूरे भारत की सांस्कृतिक यात्रा कर सकें, वो भी एक ही शहर में!

तो, तैयार हो जाइए 'लघु भारत' में एक अनोखे अनुभव के लिए, जो जल्द ही जमशेदपुर के टेल्को क्षेत्र में आपको भारत के हर कोने से रूबरू कराएगा।

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Team India मैंने कई कविताएँ और लघु कथाएँ लिखी हैं। मैं पेशे से कंप्यूटर साइंस इंजीनियर हूं और अब संपादक की भूमिका सफलतापूर्वक निभा रहा हूं।