Jharkhand Delay: मुख्यमंत्री मंईयां योजना के लाभुकों को करना होगा इंतजार, जानें वजह
झारखंड में मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना के तहत लाभुकों को 2500 रुपये के भुगतान में देरी। तकनीकी खामियों और आवंटन की प्रक्रिया में देरी से परेशान महिलाएं। जानें पूरा मामला।
रांची। झारखंड की मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना के तहत लाभुकों को 2500 रुपये मिलने में देरी हो रही है। सरकार ने घोषणा की थी कि 11 दिसंबर से यह राशि लाभुकों के खातों में पहुंच जाएगी, लेकिन अब ऐसा लगता है कि लाभुकों को अभी और इंतजार करना होगा।
क्यों हो रही है देरी?
मंगलवार शाम तक सामाजिक सुरक्षा विभाग को राज्य सरकार की ओर से आवंटन प्राप्त नहीं हुआ, जिसकी वजह से भुगतान प्रक्रिया में बाधा आई है। पूर्वी सिंहभूम जिले के ढाई लाख से अधिक लाभुकों के खातों में यह राशि भेजी जानी है। वहीं, राज्यभर में लगभग तीन लाख से अधिक लाभुकों ने आवेदन किया है।
त्रुटिपूर्ण आवेदन बना बड़ी चुनौती
करीब 28,000 से 30,000 आवेदकों के भुगतान में त्रुटियों के कारण रुकावट आ रही है। इन त्रुटियों में मुख्य रूप से खाता संख्या और आईएफएससी कोड की गलत एंट्री शामिल है। यह समस्या नए आवेदनों की बड़ी संख्या के चलते और बढ़ गई है। विधानसभा चुनाव के बाद से प्रतिदिन करीब ढाई-तीन हजार नए आवेदन दर्ज किए जा रहे थे, जिससे प्रक्रिया और जटिल हो गई।
काउंटरों की बढ़ी संख्या
जमशेदपुर में त्रुटिपूर्ण आवेदनों में सुधार के लिए अतिरिक्त काउंटर खोले गए हैं। मानगो नगर निगम कार्यालय, कदमा के तरुण संघ, और जोजोबेड़ा छठ घाट मैदान के सामुदायिक भवन में ये काउंटर बनाए गए हैं। इसके अलावा, प्रखंड सह अंचल कार्यालयों और मानगो अंचल कार्यालय में भी सुधार प्रक्रिया जारी है।
राशि जारी होने की प्रक्रिया
राशि जारी होने की प्रक्रिया में कई चरण शामिल हैं:
- आवंटन प्राप्ति: सामाजिक सुरक्षा विभाग को राज्य से आवंटन मिलना।
- ट्रेजरी प्रक्रिया: ट्रेजरी से राशि की निकासी।
- सहायक निदेशक की भूमिका: सामाजिक सुरक्षा निदेशक द्वारा बैंक को लाभुकों की सूची और भुगतान आदेश भेजना।
- बैंक भुगतान: बैंक पीएफएमएस (पब्लिक फाइनेंशियल मैनेजमेंट सिस्टम) के जरिए राशि लाभुकों के खातों में भेजता है।
हालांकि, आवंटन मिलने के बाद भी इस पूरी प्रक्रिया में दो-तीन दिन का समय लगता है। नए आवेदकों के लिए यह प्रक्रिया और लंबी हो सकती है, जिससे उन्हें भुगतान के लिए एक माह तक इंतजार करना पड़ सकता है।
परेशान महिलाएं और उनकी समस्याएं
पूर्वी सिंहभूम जिले की 32,000 महिलाओं को त्रुटिपूर्ण आवेदन के कारण अब तक पैसे नहीं मिले हैं। इनमें से अधिकतर ने अगस्त और सितंबर में आवेदन किया था। पैसा न मिलने के कारण ये महिलाएं काफी परेशान हैं और विभागों के चक्कर काट रही हैं।
इतिहास में झारखंड की योजनाओं की चुनौतियां
झारखंड में सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में देरी और तकनीकी खामियां कोई नई बात नहीं हैं। 2005 में शुरू हुई राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (MGNREGA) के तहत भी कई बार लाभुकों को भुगतान में महीनों की देरी का सामना करना पड़ा था।
वहीं, 2018 में मुख्यमंत्री किसान सहायता योजना के तहत भी किसानों को कई बार तकनीकी समस्याओं के कारण समय पर लाभ नहीं मिला। यह समस्याएं दिखाती हैं कि योजनाओं के डिजिटलीकरण के बावजूद जमीनी स्तर पर सुधार की काफी गुंजाइश है।
सरकार का क्या कहना है?
राज्य सरकार का कहना है कि जल्द ही आवंटन प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी और लाभुकों के खाते में राशि पहुंचाई जाएगी। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि त्रुटिपूर्ण आवेदनों को शीघ्र सुधारने की व्यवस्था की जाए।
क्या करें लाभुक?
लाभुकों को सलाह दी जाती है कि वे अपने आवेदन की स्थिति जानने के लिए संबंधित काउंटर पर संपर्क करें। इसके अलावा, जिनके आवेदन में त्रुटि है, वे उसे जल्द सुधारें ताकि भुगतान में और देरी न हो।
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