Medical Breakthrough: 50 साल की महिला के पेट से निकाला 7.5 किलो का ट्यूमर, गिनीज बुक में दर्ज होगा
झारखंड के धनबाद मेडिकल कॉलेज में डॉ अली जैद अनवर की टीम ने 50 वर्षीय महिला के पेट से 7.5 किलो का विशालकाय स्प्लीन ट्यूमर निकाला। गिनीज बुक में दर्ज होगा यह विश्व रिकॉर्ड।

झारखंड के धनबाद मेडिकल कॉलेज अस्पताल ने चिकित्सा जगत में इतिहास रच दिया है। यहां के कैंसर सर्जन डॉ अली जैद अनवर की टीम ने एक 50 वर्षीय महिला के पेट से 7.5 किलोग्राम वजन का विशालकाय स्प्लीन (प्लीहा) ट्यूमर सफलतापूर्वक निकालकर दो विश्व रिकॉर्ड बना दिए हैं। यह सर्जरी अब तक किसी महिला के शरीर से निकाला गया सबसे बड़ा स्प्लीन ट्यूमर है।
कैसे मिली इस मामले की जानकारी?
धनबाद निवासी महिला पिछले कई महीनों से पेट बढ़ने, खून की कमी और सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्याओं से जूझ रही थीं। जब उनकी तकलीफें बढ़ गईं, तो वह धनबाद मेडिकल कॉलेज अस्पताल के ओपीडी में पहुंचीं। जांच में पता चला कि उनके पेट में असामान्य रूप से बड़ा स्प्लीन ट्यूमर विकसित हो गया है।
चुनौतीपूर्ण थी सर्जरी
डॉ अनवर ने बताया कि यह सर्जरी अत्यंत जोखिम भरी थी क्योंकि:
- ट्यूमर का आकार बेहद बड़ा था
- महिला का हीमोग्लोबिन स्तर कम था
- ट्यूमर पेट के अन्य अंगों से चिपका हुआ था
अधीक्षक डॉ डीके गिंदोरिया और विभागाध्यक्ष डॉ सुनील कुमार के मार्गदर्शन में डॉ अनवर की टीम ने 6 घंटे तक चली जटिल सर्जरी को सफलतापूर्वक अंजाम दिया।
दो विश्व रिकॉर्ड एक साथ
इस सर्जरी ने दो नए विश्व रिकॉर्ड बनाए:
1. सबसे बड़ा स्प्लीन ट्यूमर: पहले महिलाओं में सबसे बड़ा रिकॉर्ड 2.5 किलोग्राम का था
2. शरीर के वजन का सबसे बड़ा प्रतिशत: ट्यूमर महिला के कुल शरीर वजन का 17.5% था (पिछला रिकॉर्ड 12%)
डॉ अनवर ने इस उपलब्धि को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स और लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज कराने के लिए आवेदन कर दिया है।
स्प्लीन ट्यूमर: एक दुर्लभ स्थिति
स्प्लीन (प्लीहा) शरीर का वह अंग है जो:
- रक्त को फिल्टर करता है
- पुरानी रक्त कोशिकाओं को नष्ट करता है
- संक्रमण से लड़ने में मदद करता है
स्प्लीन में ट्यूमर का इतना बड़ा आकार होना अत्यंत दुर्लभ है। डॉ अनवर के अनुसार, पूरे विश्व में अब तक पुरुषों में सबसे बड़ा स्प्लीन ट्यूमर 12 किलोग्राम का रिकॉर्ड किया गया था।
धनबाद मेडिकल कॉलेज का गौरवशाली इतिहास
1958 में स्थापित यह संस्थान झारखंड के प्रमुख चिकित्सा केंद्रों में से एक है। पिछले एक दशक में यहां कई जटिल सर्जरी सफलतापूर्वक की जा चुकी हैं, लेकिन यह मामला विशेष है क्योंकि:
- यह पूर्वी भारत में इस तरह की पहली सफल सर्जरी है
- इसने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर धनबाद का नाम रोशन किया है
- यह साबित करता है कि सरकारी अस्पताल भी अत्याधुनिक चिकित्सा सेवाएं प्रदान कर सकते हैं
महिला की हालत अब स्थिर
सर्जरी के बाद महिला को वार्ड में शिफ्ट किया गया है और उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है। डॉक्टरों के अनुसार, अब उन्हें किसी विशेष उपचार की आवश्यकता नहीं है और वह जल्द ही पूरी तरह ठीक हो जाएंगी।
धनबाद मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों की यह उपलब्धि न केवल झारखंड बल्कि पूरे देश के लिए गर्व की बात है। यह मामला साबित करता है कि भारतीय चिकित्सक विश्व स्तर की चुनौतियों का सामना करने में पूरी तरह सक्षम हैं। आशा है कि यह सर्जरी भविष्य में ऐसे जटिल मामलों के इलाज के लिए नई राहें खोलेगी।
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