Seraikela Demise: भाजपा के पूर्व मंत्री रामानंद प्रसाद का हृदयाघात से निधन

Seraikela BJP leader and former minister Ramānand Prasad का 56 साल की उम्र में निधन। आदित्यपुर-2 निवासी के अंतिम संस्कार की पूरी जानकारी यहां पढ़ें।

Nov 20, 2024 - 13:33
Nov 20, 2024 - 18:37
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Seraikela Demise: भाजपा के पूर्व मंत्री रामानंद प्रसाद का हृदयाघात से निधन
Seraikela Demise: भाजपा के पूर्व मंत्री रामानंद प्रसाद का हृदयाघात से निधन

20 नवम्बर 2024: सरायकेला-खरसावां जिले की राजनीति के प्रमुख चेहरा और भाजपा के वरिष्ठ नेता रामानंद प्रसाद का बुधवार सुबह लगभग 3:30 बजे निधन हो गया। बताया जा रहा है कि 56 वर्षीय रामानंद प्रसाद का देहांत हृदय गति रुकने के कारण हुआ। उनका निधन आदित्यपुर-2 स्थित उनके निवास, मार्ग संख्या 9 पर हुआ।

रामानंद प्रसाद अपनी ईमानदारी और सक्रिय राजनीति के लिए जाने जाते थे। उन्होंने लंबे समय तक जिले की राजनीति में भाजपा को मज़बूती प्रदान की। उनके परिवार में उनकी पत्नी, बेटा, बहू और पोते-पोतियां हैं, जो इस दुखद समय में शोक में डूबे हैं।

कौन थे रामानंद प्रसाद?

रामानंद प्रसाद ने अपनी सादगी और जनसेवा के जरिए क्षेत्रीय राजनीति में अलग पहचान बनाई। वे सरायकेला जिले के कई विकास कार्यों के लिए जाने जाते थे। जब भाजपा ने उन्हें मंत्री बनाया, तो उन्होंने स्थानीय मुद्दों को प्रभावशाली ढंग से उठाया। खासकर ग्रामीण इलाकों के विकास और रोजगार के मुद्दों पर उनका ध्यान रहता था।

भाजपा में योगदान

भाजपा में उनकी भूमिका सिर्फ एक नेता के रूप में नहीं, बल्कि एक मार्गदर्शक के रूप में भी रही। पार्टी को सरायकेला-खरसावां जिले में मजबूत करने में उनका अहम योगदान था। उन्होंने हर चुनाव में पार्टी के लिए मेहनत की और कई बार भाजपा की नीतियों को जनता के बीच समझाने के लिए खुद आगे आए।

पारिवारिक जीवन और अंतिम संस्कार

रामानंद प्रसाद अपने परिवार के प्रति भी बेहद समर्पित थे। उनके निधन से परिवार पर दुख का पहाड़ टूट पड़ा है। उनका अंतिम संस्कार गुरुवार को पार्वती घाट पर किया जाएगा। इसके लिए सुबह 10 बजे उनके निवास स्थान से शव यात्रा निकाली जाएगी।

क्या कहती है जनता?

रामानंद प्रसाद के निधन से पूरे सरायकेला जिले में शोक की लहर दौड़ गई है। उनके पड़ोसी और समर्थक उन्हें एक सुलझा हुआ और विनम्र नेता बताते हैं। उनके निधन पर भाजपा के कई वरिष्ठ नेताओं ने शोक व्यक्त किया है। सोशल मीडिया पर भी लोगों ने उनके योगदान और सरल स्वभाव को याद करते हुए श्रद्धांजलि दी।

जिले के लिए अपूरणीय क्षति

सरायकेला जिले के विकास में रामानंद प्रसाद की भूमिका को भुलाया नहीं जा सकता। उनकी कमी भाजपा और उनके समर्थकों को लंबे समय तक महसूस होगी।

रामानंद प्रसाद के साथ जुड़ी यादें

स्थानीय लोग बताते हैं कि रामानंद प्रसाद ने हमेशा जनता के लिए खुद को उपलब्ध रखा। चाहे शिक्षा हो, स्वास्थ्य हो, या रोजगार—हर क्षेत्र में उनकी सक्रियता देखने को मिली।

रामानंद प्रसाद का जाना सिर्फ एक राजनीतिक नुकसान नहीं है, बल्कि सरायकेला जिले की सामाजिक धरोहर का भी अंत है।

आप उनकी यादों और योगदान को कैसे देखते हैं? अपनी राय कमेंट में साझा करें।

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।