Jharkhand Voting: दूसरे चरण में महेशपुर सबसे आगे, धनबाद पिछड़ा, जानें हर सीट का हाल

झारखंड चुनाव 2024: दूसरे चरण में दोपहर 1 बजे तक 47.92% मतदान। महेशपुर में सबसे अधिक 58.77%, जबकि धनबाद में मात्र 33.96% वोटिंग। हर सीट का मतदान प्रतिशत देखें।

Nov 20, 2024 - 14:45
Nov 20, 2024 - 18:36
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Jharkhand Voting: दूसरे चरण में महेशपुर सबसे आगे, धनबाद पिछड़ा, जानें हर सीट का हाल
Jharkhand Voting: दूसरे चरण में महेशपुर सबसे आगे, धनबाद पिछड़ा, जानें हर सीट का हाल

20 नवम्बर 2024: झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 के दूसरे चरण में दोपहर 1 बजे तक 47.92% मतदान दर्ज किया गया। इस चरण में 12 जिलों की 38 सीटों पर वोटिंग हो रही है। हालांकि, हर क्षेत्र में मतदान का उत्साह अलग-अलग नजर आया।

सबसे आगे कौन?

दूसरे चरण में अब तक का सबसे अधिक मतदान महेशपुर सीट पर हुआ, जहां 58.77% मतदाता वोट डालने पहुंचे। वहीं, नाला (55.96%), सिल्ली (56.50%), और सारठ (54.80%) जैसी सीटों पर भी भारी मतदान दर्ज किया गया।

सबसे पीछे कौन?

चौंकाने वाली बात यह है कि औद्योगिक और शहरी क्षेत्र धनबाद में सबसे कम 33.96% मतदान हुआ। इसके बाद झरिया (36.95%) और बोकारो (34.51%) का स्थान आता है।

सीट-वार मतदान प्रतिशत

झारखंड के अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों में मतदान प्रतिशत इस प्रकार है:

  • बाघमारा: 44.28%
  • बरहेट: 48.25%
  • देवघर: 44.76%
  • गोड्डा: 50.22%
  • रामगढ़: 51.26%
  • लिट्टीपाड़ा: 53.52%
  • डुमरी: 49.64%
  • पाकुड़ और पोड़ैयाहाट: 50.74%

आदिवासी बनाम शहरी वोटिंग पैटर्न

झारखंड का संथाल परगना क्षेत्र अपनी भारी मतदान के लिए जाना जाता है। यहां के लोग मतदान के प्रति बेहद जागरूक हैं। लिट्टीपाड़ा, सारठ, और शिकारीपाड़ा जैसी सीटों पर इसका असर साफ दिखा। वहीं, धनबाद, झरिया, और बोकारो जैसे शहरी और औद्योगिक इलाकों में वोटिंग प्रतिशत कम रहना चिंता का विषय है।

क्या कहता है झारखंड का चुनावी इतिहास?

झारखंड के विधानसभा चुनावों में आदिवासी इलाकों का मतदान प्रतिशत हमेशा अधिक रहता है। संथाल परगना और छोटानागपुर क्षेत्र की सीटें राज्य की राजनीतिक दिशा तय करती हैं। दूसरी ओर, शहरी क्षेत्रों का कम मतदान क्षेत्रीय पार्टियों को फायदा पहुंचा सकता है।

सुरक्षा और शांतिपूर्ण चुनाव

चुनाव आयोग ने 12 जिलों में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं। अब तक किसी बड़ी घटना की सूचना नहीं है, हालांकि, कुछ बूथों पर हल्की नोकझोंक की खबरें जरूर मिली हैं।

मतदाताओं का मूड

  • ग्रामीण इलाकों में लोग विकास, सड़क, और बिजली जैसे मुद्दों पर वोट कर रहे हैं।
  • शहरी इलाकों में औद्योगिक समस्याएं और बेरोजगारी मुख्य विषय हैं।
  • महिला मतदाता: इस बार महिला मतदाताओं की भागीदारी उल्लेखनीय रही।

राजनीतिक पार्टियों की नजर

इस चरण में मुख्य मुकाबला भाजपा, झामुमो-कांग्रेस गठबंधन, और क्षेत्रीय दलों के बीच है।

  • भाजपा ग्रामीण इलाकों में अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश कर रही है।
  • झामुमो-कांग्रेस गठबंधन संथाल परगना और आदिवासी बहुल क्षेत्रों में बढ़त की उम्मीद कर रहा है।

क्या कहते हैं आंकड़े?

महेशपुर और नाला जैसे इलाकों में भारी मतदान पार्टियों के लिए सकारात्मक संकेत है। वहीं, धनबाद और बोकारो जैसे क्षेत्रों में कम वोटिंग का फायदा छोटे दल उठा सकते हैं।

झारखंड का भविष्य मतदाताओं के हाथ

झारखंड का यह दूसरा चरण राज्य की राजनीतिक तस्वीर को स्पष्ट करेगा। हर एक वोट राज्य के विकास और उसकी दिशा तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।