Dorakasai Celebration: जेवियर पब्लिक स्कूल में धूमधाम से हुई सरस्वती पूजा, छात्रों ने की विशेष आराधना
डोरकासाई के जेवियर पब्लिक स्कूल में धूमधाम से सरस्वती पूजा मनाई गई। छात्रों ने विशेष पूजा-अर्चना कर माँ सरस्वती का आशीर्वाद लिया। जानें बसंत पंचमी का महत्व और इससे जुड़ी रोचक बातें।
जेवियर पब्लिक स्कूल, डोरकासाई में आज बसंत पंचमी के शुभ अवसर पर माँ सरस्वती की पूजा बड़े ही धूमधाम से मनाई गई। इस पावन पर्व पर विद्यालय के छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों ने मिलकर ज्ञान की देवी माँ सरस्वती की आराधना की और आशीर्वाद प्राप्त किया।
विद्यालय के प्रधानाचार्य राजीव रंजन ने इस मौके पर विद्यार्थियों को बसंत पंचमी और सरस्वती पूजा के महत्व के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि यह दिन छात्रों के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है क्योंकि माँ सरस्वती विद्या, बुद्धि और संगीत की देवी हैं। इस अवसर पर कई सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए गए, जिनमें छात्रों ने भजन, श्लोक पाठ और अन्य प्रस्तुति देकर उत्सव में चार चांद लगाए।
बसंत पंचमी का ऐतिहासिक महत्व
बसंत पंचमी केवल एक धार्मिक त्योहार ही नहीं बल्कि भारतीय संस्कृति में शिक्षा और ज्ञान की उपासना का प्रतीक भी है। इसका उल्लेख कई पुराणों और ग्रंथों में मिलता है। मान्यता है कि इस दिन माँ सरस्वती का प्राकट्य हुआ था, जिन्होंने ब्रह्मा जी के सृष्टि निर्माण में योगदान दिया। इसी कारण यह दिन विशेष रूप से शिक्षा, कला और संगीत के क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है।
इतिहासकारों के अनुसार, बसंत पंचमी का त्योहार प्राचीन काल से मनाया जाता रहा है। यह दिन हिंदू पंचांग के अनुसार माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को पड़ता है। इस दिन पीले रंग के वस्त्र धारण करने और पीले रंग के पकवान खाने की परंपरा भी है, क्योंकि पीला रंग समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है।
विद्यालय में कैसे हुआ आयोजन?
जेवियर पब्लिक स्कूल, डोरकासाई में सुबह से ही पूजा की तैयारियां जोरों पर थीं। विद्यार्थियों ने देवी माँ सरस्वती की प्रतिमा को फूलों से सजाया और मंत्रोच्चारण के साथ हवन एवं आरती की गई। स्कूल प्रांगण में भक्तिमय वातावरण बन गया था, जिसमें सभी श्रद्धा के साथ सरस्वती वंदना कर रहे थे।
विद्यालय के शिक्षकों ने बच्चों को बताया कि यह दिन उनकी शिक्षा और बुद्धिमत्ता को निखारने का अवसर प्रदान करता है। बसंत पंचमी को भारत के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग तरीके से मनाया जाता है, लेकिन इसका मूल उद्देश्य ज्ञान, बुद्धि और कला का विकास ही है।
विद्यार्थियों में दिखा खास उत्साह
पूरे विद्यालय में एक अलग ही उल्लास का माहौल था। छात्रों ने माँ सरस्वती के समक्ष अपनी किताबें, कॉपियां और वाद्य यंत्र रखकर आशीर्वाद मांगा। इसके बाद, विद्यालय में विशेष भजन संध्या का आयोजन किया गया, जिसमें बच्चों ने अपने सुरों से माँ सरस्वती की महिमा गाई।
अंत में सभी विद्यार्थियों को प्रसाद वितरण किया गया और प्रधानाचार्य ने बच्चों को यह प्रेरणा दी कि वे माँ सरस्वती के आशीर्वाद से अपने जीवन में ज्ञान और सद्गुणों का संचार करें।
बसंत पंचमी और विद्यार्थियों के लिए इसका महत्व
- शिक्षा का शुभारंभ: इस दिन छोटे बच्चों को अक्षर लेखन कराकर शिक्षा की शुरुआत कराई जाती है, जिसे 'विद्यारंभ संस्कार' कहते हैं।
- शुभ कार्यों के लिए उत्तम दिन: बसंत पंचमी को पूरे साल के पहले शुभ दिन के रूप में भी माना जाता है, जिसमें कोई भी शुभ कार्य किया जा सकता है।
- विद्यार्थियों के लिए विशेष पर्व: माँ सरस्वती को विद्या की देवी कहा जाता है, इसलिए छात्र इस दिन विशेष रूप से उनकी पूजा करते हैं ताकि वे अपने अध्ययन में सफलता प्राप्त कर सकें।
डोरकासाई के जेवियर पब्लिक स्कूल में मनाई गई सरस्वती पूजा ने न सिर्फ छात्रों बल्कि शिक्षकों और अभिभावकों को भी आध्यात्मिक रूप से जोड़ दिया। यह आयोजन न केवल एक धार्मिक अनुष्ठान था, बल्कि ज्ञान और शिक्षा के प्रति समर्पण का प्रतीक भी बना। इस पर्व ने विद्यार्थियों को यह सीख दी कि ज्ञान का प्रकाश जीवन में सबसे महत्वपूर्ण होता है और माँ सरस्वती की कृपा से वे अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर सकते हैं।
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