NDA Leaders Meeting: एनडीए नेताओं ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के आवास पर की बैठक और चुनावी रणनीतियों पर चर्चा
एनडीए नेताओं ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के आवास पर बैठक की। जानें, किस तरह समन्वय के साथ भविष्य की मजबूत सरकार और चुनावी रणनीतियों पर विचार किया गया।
नई दिल्ली, 25 दिसंबर 2024: राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के नेताओं ने बुधवार को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के आवास पर एक महत्वपूर्ण बैठक की। यह बैठक पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती के मौके पर आयोजित की गई, जिसमें गठबंधन के नेताओं ने भविष्य की रणनीतियों पर चर्चा की और समन्वय के साथ आगे बढ़ने पर सहमति व्यक्त की।
अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर एकजुटता का संदेश
भारत के सबसे सम्मानित नेताओं में से एक अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर आयोजित यह बैठक केवल उनकी कृतियों को सम्मानित करने का एक अवसर नहीं थी, बल्कि यह समय था जब एनडीए के सभी सदस्य एकजुट होकर अपनी राजनीति की दिशा और चुनावी रणनीतियों पर विचार कर रहे थे। अटल जी के नेतृत्व में गठबंधन ने हमेशा देश को मजबूती प्रदान की है, और इस बार भी एनडीए ने उनका आशीर्वाद लेते हुए मजबूत सरकार बनाने का संकल्प लिया।
बैठक में कौन-कौन से नेता थे शामिल?
बैठक में भा.ज.पा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के अलावा कई प्रमुख नेता मौजूद थे। इनमें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, तेलगु देशम पार्टी के प्रमुख और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू, जदयू के नेता और केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह, अपना दल एस की अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल, जेडीएस के नेता और केंद्रीय मंत्री एचडी कुमार स्वामी, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के नेता जीतन राम मांझी, राष्ट्रीय लोक मोर्चा के अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद उपेंद्र कुशवाहा और भारत धर्मजन सेना के तुषार वेलापल्ली शामिल थे।
संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर पर कांग्रेस का जवाब
बैठक के दौरान कांग्रेस द्वारा संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर के नाम पर की जा रही राजनीति का करारा जवाब देने का फैसला लिया गया। एनडीए नेताओं ने इस विषय पर एकजुट होकर अपनी आवाज उठाने का निर्णय लिया, जिससे स्पष्ट हुआ कि इस मुद्दे पर एक समर्पित और सशक्त विरोध किया जाएगा।
"एक देश एक चुनाव" पर चर्चा
एनडीए नेताओं ने एक महत्वपूर्ण मुद्दे "एक देश एक चुनाव" पर भी चर्चा की। यह एक ऐसा कदम है जिसे भारतीय लोकतंत्र को और मजबूत बनाने के लिए उठाया गया है। इस पर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की बैठक 8 जनवरी को आयोजित की जाएगी, जिसमें विभिन्न पहलुओं पर विस्तृत चर्चा होगी। बैठक में यह तय किया गया कि इस प्रस्ताव पर एक साथ विचार किया जाएगा और उसे जल्द से जल्द लागू करने के लिए एक रणनीति बनाई जाएगी।
चुनाव रणनीतियां और आगामी बैठकें
बैठक में एनडीए ने आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर भी अपनी रणनीतियों पर चर्चा की। यह निर्णय लिया गया कि गठबंधन की आगामी बैठक में चुनावों को लेकर योजना बनाई जाएगी और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सभी सदस्य एक साथ मिलकर चुनावी मैदान में उतरें। एनडीए के सभी नेताओं ने इस बात पर जोर दिया कि मजबूत और स्थिर सरकार के निर्माण के लिए समन्वय के साथ काम करना आवश्यक है।
संविधान और लोकतंत्र की रक्षा: एनडीए का संकल्प
बैठक के दौरान यह भी निर्णय लिया गया कि संविधान और लोकतंत्र की रक्षा के लिए एनडीए की साझेदारी जारी रहेगी। समन्वय से गठबंधन को और अधिक मजबूत करने का संदेश दिया गया, और यह सुनिश्चित किया गया कि आगामी चुनावों में उनकी ताकत और प्रभावशाली हो।
बैठक का समापन और भविष्य की योजनाएं
यह बैठक लगभग 50 मिनट तक चली, जिसमें सभी नेताओं ने एकजुटता और सहयोग के साथ भविष्य के कार्यों पर चर्चा की। एनडीए के नेताओं ने इस बैठक के बाद अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया कि वे देश के विकास और समृद्धि के लिए मिलकर काम करेंगे।
इस बैठक ने यह साबित कर दिया कि एनडीए गठबंधन केवल चुनावी मुद्दों पर नहीं, बल्कि संविधान और देश के विकास पर भी एकजुट है। अब देखना यह होगा कि इन बैठकों और चर्चा के परिणाम क्या होते हैं और एनडीए की भविष्यवाणी कितनी सटीक साबित होती है।
एकजुटता की शक्ति
इस बैठक ने एनडीए को एकजुट और मजबूत बनाने का संदेश दिया। यह गठबंधन का एक महत्वपूर्ण कदम था, जो आगामी चुनावों में उन्हें वोटरों के बीच एक मजबूत विश्वास दिलाने में मदद करेगा। आने वाले दिनों में एनडीए की रणनीतियां और गठबंधन के साथ उनके समन्वय की सफलता देखने के लिए सभी राजनीतिक हलकों की निगाहें रहेंगी।
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