Giridih Shock: गिरिडीह के अखाड़े में करतब करते हुए युवक की मौत, भीड़ के सामने गिर पड़ा!

गिरिडीह के बेंगाबाद में रामनवमी के दिन अखाड़े में करतब दिखा रहे व्यक्ति की अचानक मौत हो गई। मौत का वीडियो वायरल, पूरे इलाके में फैली सनसनी।

Apr 7, 2025 - 14:07
Apr 7, 2025 - 14:12
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Giridih Shock: गिरिडीह के अखाड़े में करतब करते हुए युवक की मौत, भीड़ के सामने गिर पड़ा!
रामनवमी पर मातम: गिरिडीह के अखाड़े में करतब करते हुए युवक की मौत, भीड़ के सामने गिर पड़ा!

गिरिडीह, झारखंड: जिस अखाड़े में हर साल वीरता और परंपरा की झलक देखने को मिलती थी, वहीं इस बार ऐसा मंजर दिखा जिसने पूरे इलाके को सन्नाटे में डुबो दियारामनवमी के दिन बेंगाबाद प्रखंड के मधवाडीह गांव में अखाड़े में करतब कर रहे एक शख्स की अचानक मौत हो गई।

हजारों की भीड़ जयघोष कर रही थी, लेकिन उसी भीड़ के बीच एक वीर योद्धा चुपचाप ज़मीन पर गिर पड़ा, और फिर दोबारा नहीं उठा।

वीडियो वायरल, पूरे इलाके में सनसनी

56 सेकंड का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें दो युवक लाठी से पारंपरिक करतब करते दिख रहे हैं। एक युवक दर्शकों का दिल जीतने के बाद लाठी नीचे रखता है और धीरे-धीरे एक कोने में जाकर गिर पड़ता है

भीड़ को कुछ सेकंड तक लगता रहा कि यह शायद कोई विशेष चाल या ‘ड्रामा’ हो सकता है, लेकिन जब वह हिलता-डुलता नहीं दिखा, तो अफरा-तफरी मच गई।

पहचान हुई तो हर आंख नम हो गई

गिरा हुआ युवक कोई और नहीं बल्कि मधवाडीह गांव के 45 वर्षीय सुखदेव प्रसाद यादव थे। हट्टे-कट्टे शरीर वाले, वर्षों से अखाड़े के माध्यम से रामनवमी पर करतब दिखाने वाले सुखदेव यादव गांव के युवाओं के आदर्श माने जाते थे। उन्हें देखकर बच्चे लाठी चलाना और दांव-पेंच सीखते थे।

अस्पताल पहुंचने से पहले ही तोड़ दिया दम

सुखदेव को तुरंत अस्पताल ले जाने की तैयारी की गई, लेकिन जब तक लोग उन्हें स्ट्रेचर तक लाते, वह अपनी अंतिम सांसें ले चुके थे। मौके पर ही मौजूद मेडिकल स्टाफ ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

इस ख़बर ने ना सिर्फ उनके परिवार को, बल्कि पूरे क्षेत्र को हिला कर रख दिया

इतिहास में दर्ज हुए कुछ और ऐसे ही मामले

भारत में अखाड़ा और रामनवमी का नाता सदियों पुराना है। पारंपरिक युद्धकला, शौर्य प्रदर्शन और शारीरिक शक्ति का प्रदर्शन इन पर्वों का हिस्सा रहा है। लेकिन 2006 में पश्चिम बंगाल के बर्धमान जिले में एक ऐसा ही मामला हुआ था, जब अखाड़े में करतब करते हुए एक युवक की मौत हो गई थी।

विशेषज्ञ मानते हैं कि अत्यधिक थकावट, छुपी हुई हृदय संबंधी बीमारी या अचानक ब्लड प्रेशर ड्रॉप जैसी स्थितियां इस तरह की मौत की वजह बन सकती हैं।

गांव में शोक की लहर, रामनवमी की जगह मातम

जिस गांव में ढोल-नगाड़ों की गूंज होनी थी, वहां अब सिर्फ क्रंदन और शोक के स्वर सुनाई दे रहे हैं। बेंगाबाद का मधवाडीह गांव शौर्य के प्रतीक सुखदेव यादव को खोकर सदमे में है।

उनके परिवार में पत्नी और दो छोटे बच्चे हैं, जो बार-बार यही पूछ रहे हैं, "पापा कहां गए?"

कोई चेतावनी नहीं, कोई संकेत नहीं...

स्थानीय लोगों का कहना है कि सुखदेव यादव एकदम स्वस्थ थे। पिछले एक हफ्ते से वे अखाड़े की तैयारी में जुटे थे। ना उन्हें कोई बीमारी थी, ना ही थकावट के लक्षण।

ऐसे में उनकी मौत ने हर किसी को चौंका दिया है, और अब सवाल उठ रहे हैं — क्या हमें इस तरह के आयोजनों में स्वास्थ्य जांच को अनिवार्य करना चाहिए?

परंपरा और सुरक्षा साथ-साथ जरूरी

रामनवमी पर वीरता का प्रदर्शन हमारी संस्कृति का हिस्सा है, लेकिन बदलते समय में स्वास्थ्य सुरक्षा को नज़रअंदाज़ करना भारी पड़ सकता है।

सुखदेव यादव का जाना न केवल एक कलाकार की मृत्यु है, बल्कि यह एक चेतावनी भी है — कि उत्सव में सुरक्षा भी उतनी ही जरूरी है जितनी आस्था।

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Manish Tamsoy मनीष तामसोय कॉमर्स में मास्टर डिग्री कर रहे हैं और खेलों के प्रति गहरी रुचि रखते हैं। क्रिकेट, फुटबॉल और शतरंज जैसे खेलों में उनकी गहरी समझ और विश्लेषणात्मक क्षमता उन्हें एक कुशल खेल विश्लेषक बनाती है। इसके अलावा, मनीष वीडियो एडिटिंग में भी एक्सपर्ट हैं। उनका क्रिएटिव अप्रोच और टेक्निकल नॉलेज उन्हें खेल विश्लेषण से जुड़े वीडियो कंटेंट को आकर्षक और प्रभावी बनाने में मदद करता है। खेलों की दुनिया में हो रहे नए बदलावों और रोमांचक मुकाबलों पर उनकी गहरी पकड़ उन्हें एक बेहतरीन कंटेंट क्रिएटर और पत्रकार के रूप में स्थापित करती है।