Kharsawan Mystery: रात के सन्नाटे में ट्रैक पर मिली लाश, अब तक नहीं हुई पहचान!

खरसावां के कुदासिंगी गांव में रेलवे ट्रैक पर एक अज्ञात व्यक्ति की क्षत-विक्षत लाश मिलने से सनसनी फैल गई है। शव की अब तक पहचान नहीं हो पाई है। पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।

Apr 7, 2025 - 13:25
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Kharsawan Mystery: रात के सन्नाटे में ट्रैक पर मिली लाश, अब तक नहीं हुई पहचान!
Kharsawan Mystery: रात के सन्नाटे में ट्रैक पर मिली लाश, अब तक नहीं हुई पहचान!

झारखंड के खरसावां जिले से एक ऐसी रहस्यमयी खबर सामने आई है जिसने न सिर्फ स्थानीय प्रशासन को, बल्कि पूरे क्षेत्र को हिला कर रख दिया है। चक्रधरपुर रेलवे डिवीजन के अंतर्गत आने वाले राजखरसावां-बड़ाबाम्बो रेलमार्ग पर कुदासिंगी गांव के पास एक क्षत-विक्षत शव मिलने से सनसनी फैल गई है।

घटना रविवार देर रात की बताई जा रही है, लेकिन सुबह 7 अप्रैल को जब ग्रामीणों की नजर रेलवे ट्रैक पर पड़ी, तो वहां का दृश्य बेहद भयावह था। पोल नंबर 293/33 और 294/1 के बीच अप लाइन पर एक 45 वर्षीय व्यक्ति का शव पड़ा था, जिसकी हालत इतनी खराब थी कि उसकी पहचान तक नहीं हो पाई।

गांव में हड़कंप, पुलिस जांच में जुटी

ग्रामीणों ने इस दृश्य को देखते ही तुरंत आमदा ओपी पुलिस को सूचित किया। सूचना मिलते ही ओपी प्रभारी रमन विश्वकर्मा टीम के साथ मौके पर पहुंचे और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सरायकेला सदर अस्पताल भेज दिया।

पुलिस का कहना है कि शव की स्थिति इतनी बिगड़ चुकी थी कि चेहरा पहचानना मुश्किल था। फिलहाल पुलिस इस बात की गहराई से जांच कर रही है कि यह हादसा था या किसी साजिश का नतीजा

क्या है इतिहास इस रूट का?

गौरतलब है कि राजखरसावां-बड़ाबाम्बो रेलखंड बीते वर्षों में भी कई घटनाओं का गवाह रह चुका है। अक्सर इस रूट पर रात के समय सुरक्षा की कमी, लो विजिबिलिटी, और अवैध रूप से ट्रैक पार करने वालों की वजह से घटनाएं सामने आती रही हैं।

2019 में इसी ट्रैक पर एक बुजुर्ग महिला की लाश मिली थी, जिसकी पहचान हफ्तों बाद हुई थी। ऐसे मामलों में पहचान न हो पाना और पुलिस की देर से कार्रवाई, जनता में प्रशासन के प्रति अविश्वास पैदा करती रही है।

आखिर कौन था यह व्यक्ति?

सबसे बड़ा सवाल यही है — क्या यह दुर्घटनावश ट्रैक पर आया था, या किसी ने साजिश के तहत इसे मारा और शव को ट्रैक पर फेंक दिया?

पुलिस हर ऐंगल से जांच में जुटी है – क्या यह आत्महत्या है, हत्या है या हादसा? हालांकि अभी तक कोई चश्मदीद सामने नहीं आया है, जिससे पुलिस की जांच प्रक्रिया धीमी हो रही है।

स्थानीय लोगों की आशंका

स्थानीय लोगों का मानना है कि यह कोई सामान्य हादसा नहीं लग रहा। शव की स्थिति और समय को देखते हुए मामला संदिग्ध लग रहा है।

“अगर ये सिर्फ एक्सीडेंट होता, तो शोर या ट्रेन की इमरजेंसी ब्रेकिंग सुनाई देती। लेकिन किसी को कुछ सुनाई नहीं दिया,” एक ग्रामीण ने बताया।

प्रशासन से मांग

अब ग्रामीणों की ओर से मांग की जा रही है कि इस रूट पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं, रात्रि गश्त बढ़ाई जाए, और इस प्रकार की घटनाओं की फास्ट-ट्रैक जांच हो।

खरसावां का यह मामला न सिर्फ एक जान जाने की कहानी है, बल्कि रेलवे ट्रैक सुरक्षा, पुलिस की तत्परता और लोकल इंटेलिजेंस सिस्टम पर भी सवाल खड़े करता है। जब तक मृतक की पहचान नहीं होती और उसके पीछे की सच्चाई सामने नहीं आती, तब तक यह मामला एक अधूरी पहेली बना रहेगा।


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Manish Tamsoy मनीष तामसोय कॉमर्स में मास्टर डिग्री कर रहे हैं और खेलों के प्रति गहरी रुचि रखते हैं। क्रिकेट, फुटबॉल और शतरंज जैसे खेलों में उनकी गहरी समझ और विश्लेषणात्मक क्षमता उन्हें एक कुशल खेल विश्लेषक बनाती है। इसके अलावा, मनीष वीडियो एडिटिंग में भी एक्सपर्ट हैं। उनका क्रिएटिव अप्रोच और टेक्निकल नॉलेज उन्हें खेल विश्लेषण से जुड़े वीडियो कंटेंट को आकर्षक और प्रभावी बनाने में मदद करता है। खेलों की दुनिया में हो रहे नए बदलावों और रोमांचक मुकाबलों पर उनकी गहरी पकड़ उन्हें एक बेहतरीन कंटेंट क्रिएटर और पत्रकार के रूप में स्थापित करती है।