Chakradharpur Truck Accident: समाजसेवा के मिशन पर निकले सिकंदर को ट्रक ने मारी टक्कर, फिर जो हुआ उसने सबको चौंका दिया!
चक्रधरपुर-चाईबासा मुख्य मार्ग पर समाजसेवी सिकंदर जामुदा को एक तेज रफ्तार ट्रक ने टक्कर मार दी। हादसे में जबड़ा और कंधा टूट गया। जानिए कैसे हुई मदद और अब कहां चल रहा है इलाज?

चक्रधरपुर, पश्चिमी सिंहभूम: झारखंड के चक्रधरपुर-चाईबासा मुख्य मार्ग पर बीती रात एक ऐसी घटना हुई जिसने न केवल एक समाजसेवी की जिंदगी को प्रभावित कर दिया, बल्कि लोगों को यह सोचने पर भी मजबूर कर दिया कि क्या हमारी सड़कें अब सुरक्षित रह गई हैं?
शनिवार की देर रात करीब 10 बजे, चक्रधरपुर निवासी और सामाजिक कार्यों में सक्रिय सिकंदर जामुदा किसी काम से उलीडीह मोड़ के पास पहुंचे थे। आमतौर पर शांत दिखने वाला यह मोड़, उस रात तेज रफ्तार का शिकार बन गया।
एक झटका, जिसने सब कुछ बदल दिया
जैसे ही सिकंदर सड़क किनारे खड़े थे, चाईबासा की ओर जा रहे एक तेज रफ्तार ट्रक ने उन्हें जोरदार टक्कर मार दी। धक्का इतना जबरदस्त था कि उनका जबड़ा और कंधा टूट गया। लेकिन सबसे बड़ी बात यह रही कि इस हादसे के बाद भी पास के युवकों की सतर्कता ने समय रहते उन्हें चक्रधरपुर अनुमंडल अस्पताल पहुंचाया।
अस्पताल में प्राथमिक इलाज के बाद चिकित्सकों ने तुरंत उन्हें बेहतर इलाज के लिए जमशेदपुर के टाटा मेन हॉस्पिटल (TMH) रेफर कर दिया, जहां फिलहाल उनका इलाज जारी है।
सिकंदर जामुदा: समाज के लिए समर्पित एक नाम
सिकंदर जामुदा का नाम चक्रधरपुर और आसपास के ग्रामीण इलाकों में एक चर्चित समाजसेवी के तौर पर लिया जाता है। शिक्षा, स्वास्थ्य और आदिवासी अधिकारों के मुद्दों पर वे लगातार सक्रिय रहे हैं।
उनके चाहने वालों की संख्या कम नहीं, यही कारण रहा कि जैसे ही यह खबर फैली, परिजन और समर्थकों का हुजूम अस्पताल पहुंचने लगा।
हादसा या लापरवाही?
इस घटना ने एक बार फिर तेज रफ्तार वाहनों और सड़कों की असुरक्षा को उजागर कर दिया है। क्या ट्रक ड्राइवर को गति सीमा का ख्याल नहीं था? या फिर सड़क पर कोई संकेत या प्रकाश की कमी ने ये हादसा करवाया?
फिलहाल, पुलिस इस मामले में जांच कर रही है, लेकिन समाज में उठे सवाल अभी थमे नहीं हैं।
समर्थन की लहर और उम्मीद की किरण
जैसे ही समाजसेवी सिकंदर के घायल होने की खबर फैली, सोशल मीडिया पर #GetWellSoonSikandar जैसे हैशटैग ट्रेंड करने लगे। लोगों ने उनकी सलामती के लिए दुआएं भेजीं और उनके कार्यों को याद किया।
सिकंदर जामुदा की यह दुर्घटना केवल एक हादसा नहीं, बल्कि एक सवाल है उस व्यवस्था पर जो हर दिन सड़क पर किसी न किसी को असहाय बना रही है।
फिलहाल, समाजसेवा की इस ज्योति को फिर से रोशन करने की उम्मीद के साथ पूरा चक्रधरपुर उनके शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना कर रहा है।
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