Hazaribagh Murder: मेला देखने निकला था मज़दूर, लौटे सिर्फ उसकी लाश की खबर!

हजारीबाग जिले के पदमा में रामनवमी की रात एक मजदूर की गोली मारकर हत्या कर दी गई। पत्नी ने स्थानीय ठेकेदार पर लगाया हत्या का आरोप। मामला बना रहस्य।

Apr 7, 2025 - 15:02
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Hazaribagh Murder: मेला देखने निकला था मज़दूर, लौटे सिर्फ उसकी लाश की खबर!
Hazaribagh Murder: मेला देखने निकला था मज़दूर, लौटे सिर्फ उसकी लाश की खबर!

हजारीबाग, झारखंड – जब पूरा पदमा क्षेत्र रामनवमी की रोशनी और भक्ति में डूबा हुआ था, तभी उसी रात एक बगीचे के सन्नाटे में गोलियों की गूंज ने सब कुछ बदल दिया। चंपाडीह बगीचे के पास, एक मजदूर की लाश मिलने से जश्न का माहौल एक पल में मातम में बदल गया।

हत्या हुई है या कोई और राज़ है—ये अभी तक स्पष्ट नहीं है। लेकिन पत्नी के बयान और हालात मिलकर इस हत्याकांड को रहस्यमय मोड़ पर ले जा रहे हैं।

कौन था मृतक?

मृतक की पहचान प्रवीण कुमार कशेरा (31 वर्ष) के रूप में हुई है, जो मूलतः लखीसराय (बिहार) का रहने वाला था। पिछले 7 वर्षों से वह हजारीबाग के पदमा प्रखंड स्थित रोमी गांव में किराये पर रहकर दिहाड़ी मजदूरी करता था।

वो मजदूर था, पर उसके सपने बड़े थे। परिवार के लिए मेहनत करता, ईमानदारी से जी रहा था। लेकिन रामनवमी की रात उसकी जिंदगी हमेशा के लिए थम गई।

मेले की रौशनी में मौत का साया

घटना 6 अप्रैल 2025 की रात की है। रामनवमी का मेला, मंदिरों में भजन, अखाड़ों में करतब, और बाजारों में भीड़—हर तरफ उत्सव का माहौल था। उसी बीच, प्रवीण अपनी पत्नी को बता कर मेला देखने गया। लेकिन लौटकर वो सिर्फ एक लाश बनकर आया।

चंपाडीह बगीचे के पास ग्रामीणों को एक युवक की खून से लथपथ लाश मिली। पुलिस को सूचना दी गई और शव की पहचान प्रवीण के रूप में हुई।

पत्नी का आरोप – 'ठेकेदार ने मारा है मेरे पति को'

प्रवीण की पत्नी का दावा बेहद चौंकाने वाला और सनसनीखेज है। उन्होंने स्पष्ट रूप से एक स्थानीय ठेकेदार पर हत्या का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि उनके पति की किसी बात को लेकर ठेकेदार से अनबन चल रही थी, जो पहले भी उन्हें धमकियां दे चुका था।

पत्नी ने यह भी कहा कि मेला देखने गए प्रवीण को किसी ने जानबूझकर बुलाया और फिर सुनसान जगह पर ले जाकर गोली मार दी।

पुलिस जांच शुरू, लेकिन जवाब अधूरे

पदमा पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और छानबीन शुरू कर दी है। घटनास्थल से खून से सनी मिट्टी, कुछ खाली कारतूस और मोबाइल फोन बरामद किया गया है। लेकिन अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।

पुलिस का कहना है कि मामला व्यक्तिगत दुश्मनी से जुड़ा हो सकता है, पर हर एंगल से जांच जारी है।

लेकिन सवाल ये भी है—क्या किसी तीसरे व्यक्ति की साज़िश थी? क्या प्रवीण मेला के नाम पर किसी ट्रैप में फंसाया गया?

त्योहार बना मातम, और अब उठने लगे हैं कई सवाल

रामनवमी, जो कि बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक मानी जाती है, उसी दिन एक निर्दोष मजदूर की हत्या होना न केवल दुखद है बल्कि सांस्कृतिक सवाल भी उठाता है।

क्या हमारे मेले अब सुरक्षित नहीं रहे? क्या आम आदमी की जान इतनी सस्ती हो गई है?

इतिहास की झलक: हजारीबाग और अपराध

हजारीबाग एक समय झारखंड के सबसे शांत जिलों में गिना जाता था, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में अपराध की घटनाओं में अचानक इज़ाफा हुआ है। खासकर त्योहारों के दौरान होने वाले विवाद, कई बार हत्या या झगड़े में बदल जाते हैं।

प्रवीण की हत्या ने फिर यह जता दिया है कि सार्वजनिक स्थलों की सुरक्षा अब केवल पुलिस की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि पूरे समाज की है।

न्याय की राह लंबी, पर जरूरी

प्रवीण की पत्नी ने जो सवाल उठाए हैं, वो किसी भी संवेदनशील व्यक्ति को झकझोर सकते हैं।

अब देखने वाली बात होगी कि क्या पुलिस सच्चाई सामने ला पाएगी या यह केस भी फाइलों की भीड़ में दब जाएगा?

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Manish Tamsoy मनीष तामसोय कॉमर्स में मास्टर डिग्री कर रहे हैं और खेलों के प्रति गहरी रुचि रखते हैं। क्रिकेट, फुटबॉल और शतरंज जैसे खेलों में उनकी गहरी समझ और विश्लेषणात्मक क्षमता उन्हें एक कुशल खेल विश्लेषक बनाती है। इसके अलावा, मनीष वीडियो एडिटिंग में भी एक्सपर्ट हैं। उनका क्रिएटिव अप्रोच और टेक्निकल नॉलेज उन्हें खेल विश्लेषण से जुड़े वीडियो कंटेंट को आकर्षक और प्रभावी बनाने में मदद करता है। खेलों की दुनिया में हो रहे नए बदलावों और रोमांचक मुकाबलों पर उनकी गहरी पकड़ उन्हें एक बेहतरीन कंटेंट क्रिएटर और पत्रकार के रूप में स्थापित करती है।