Jamshedpur Murder: ज़मीन के नीचे दबा दी बीवी की लाश, शराबी पति का खौफनाक राज़ उजागर!
जमशेदपुर के बोड़ाम थाना क्षेत्र के पगदा गांव में शराब के नशे में विवाद के बाद एक युवक ने पत्नी की हत्या कर शव को जमीन में दफना दिया। पुलिस ने शव बरामद कर जांच शुरू कर दी है।

बोड़ाम (जमशेदपुर), झारखंड – झारखंड के जमशेदपुर जिले के एक शांत से गांव में तब हड़कंप मच गया जब रविवार की सुबह एक शराबी पति ने अपनी पत्नी से झगड़े के बाद उसकी हत्या कर शव को अपने ही घर के पास ज़मीन में दफना दिया।
घटना बोड़ाम थाना अंतर्गत पगदा गांव की है, जहां 32 वर्षीय चूना सबर ने अपनी पत्नी मिथिला सबर (30) के साथ नशे में विवाद के बाद उसे मौत के घाट उतार दिया।
सबसे चौंकाने वाली बात ये रही कि शव को ठिकाने लगाने के लिए उसने खुद ही गड्ढा खोदकर अपनी पत्नी की लाश ज़मीन में दफना दी — और दिनभर जैसे कुछ हुआ ही नहीं।
गांव की ज़मीन में छुपा था मौत का सच
पुलिस को सोमवार सुबह जैसे ही सूचना मिली, पूरे इलाके में हड़कंप मच गया। बोड़ाम थाना प्रभारी मनोरंजन कुमार, CO रंजीत रंजन, और BDO किकू महतो की टीम मौके पर पहुंची।
ग्रामीणों की मदद से एक घंटे तक खुदाई कर शव को निकाला गया, और उसकी वीडियोग्राफी भी कराई गई।
शव निकालने के दौरान गांव में सैकड़ों लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गई। महिलाएं रोती रहीं, पुरुष अवाक खड़े रहे – सबके मन में सिर्फ एक सवाल था – कोई ऐसा कैसे कर सकता है?
पति ने कबूला जुर्म या रचा नया ड्रामा?
पुलिस जब आरोपी चूना सबर से पूछताछ करने लगी तो उसका बयान चौंकाने वाला था। उसने कहा –
“मैंने उसे नहीं मारा… उसने ज़हर खा लिया था।”
लेकिन ग्रामीणों की बात इससे मेल नहीं खा रही। गांव वालों के मुताबिक चूना अक्सर शराब के नशे में पत्नी को मारता-पीटता था।
मिथिला इसलिए दो महीने पहले मायके श्रीरामपुर (पटमदा) चली गई थी। लेकिन कुछ दिन पहले ही वह बच्चों के लिए लौट आई थी।
दो मासूम बच्चों की ज़िंदगी बिखर गई
इस दिल दहला देने वाली घटना का सबसे बड़ा दर्द किसी और को नहीं, बल्कि बुद्धेश्वर (7) और सूरज (5) को झेलना पड़ेगा।
इन मासूमों ने अपनी मां को हमेशा के लिए खो दिया, और पिता को शायद अब जेल की सलाखों के पीछे देखना होगा।
क्या कहता है इतिहास – झारखंड में घरेलू हिंसा का बढ़ता ग्राफ
झारखंड में घरेलू हिंसा और शराब जनित अपराधों का आंकड़ा तेजी से बढ़ा है। 2020 के NCRB आंकड़ों के अनुसार, राज्य में हर महीने 120 से अधिक घरेलू हिंसा के केस दर्ज होते हैं, जिनमें से 40% शराब से जुड़े होते हैं।
पगदा गांव जैसे ग्रामीण इलाके इस सामाजिक बीमारी के प्रति अब भी जागरूक नहीं हैं, और इसका खामियाज़ा महिलाओं को अपनी जान देकर भुगतना पड़ता है।
अब अगला कदम क्या?
पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और हत्या या आत्महत्या की पुष्टि रिपोर्ट के बाद होगी। आरोपी चूना सबर से पूछताछ चल रही है और गांव में तनाव का माहौल है।
अगर पोस्टमार्टम में जहर की पुष्टि नहीं होती, तो ये केस हत्या में तब्दील होगा और आरोपी को कड़ी सज़ा मिल सकती है।
सवाल जो रह गए हैं...
-
क्या चूना सबर का “ज़हर वाली कहानी” एक नया झूठ है?
-
क्या एक मां की हत्या के बाद दो मासूमों की ज़िंदगी यूं ही अंधेरे में चली जाएगी?
-
क्या प्रशासन घरेलू हिंसा के मामलों में और तेजी से काम करेगा?
यह सिर्फ एक महिला की हत्या नहीं थी, बल्कि एक समाज की खामोशी का नतीजा था।
अब देखना ये होगा कि क्या मिथिला को इंसाफ मिलेगा या फिर उसका नाम भी “घरेलू विवाद” के ढेरों केसों में कहीं गुम हो जाएगा।
What's Your Reaction?






